6 जुलाई 2016

पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद ब्रह्मांडीय गुरु मन्त्र साधना

पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना



पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना



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  • वस्त्र - सफ़ेद वस्त्र धारण करें.
  • आसन - सफ़ेद होगा.
  • समय - प्रातः ४ से ६ बजे का समय सबसे अच्छा है, न हो पाए तो कभी भी कर सकते हैं.
  • दिशा - उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए बैठें

  • पुरश्चरण - तीन  लाख मंत्र जाप का होगा
  • हवन - 30,000 मंत्रों से
  • हवन सामग्री - दशांग या घी


विधि :-
सामने गुरु चित्र रखें गुरु यन्त्र या श्री यंत्र हो तो वह भी रखें . यदि गुरु चित्र न हो तो ऊपर दिए गए चित्र को फ्रेम कराकर रख सकते हैं या फिर भगवान् शिव या महाकाली के चित्र को फ्रेम करवाकर रख सकते हैं .

हाथ में पानी लेकर बोले की " मै [अपना नाम ] गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए ब्रह्मांडीय गुरु मन्त्र का यह प्रयोग कर रहा हूँ , वे प्रसन्न हों और मुझपर कृपा करें साधना के मार्ग पर आगे बढायें ". अब पानी निचे छोड़ दें.

लाभ :-
  1.  यह ब्रह्मांडीय गुरु मन्त्र है . यह बीज मन्त्रों से बना है.
  2. इसके जाप से सभी गुरु शक्तियां जागृत होती हैं और साधक को उसके गुरु तक पहुंचा देती हैं .
  3. महाविद्या साधनों का मार्ग प्रशस्त करती है .
  4. साथ ही साथ साधक को पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा प्राप्त होगी जो आपको साधना पथ पर तेजी से आगे बढ़ाएगी.

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