एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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15 मार्च 2011
11 मार्च 2011
गुरुदेव स्वामी सुदर्शननाथ जी : जन्म दिवस
११ मार्च
मेरे आदरणीय गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथजी का जन्म दिवस
निखिलकृपा से आप शतायु हों....
आपकी कृपा शिष्यों को इसी प्रकार मिलती रहे...
गुरुदेव स्वामी सुदर्शननाथ जी
एक विराट व्यक्तित्व जिसने अपने अंदर तन्त्र साधनाओं के विश्व्वविख्यात गुरु स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [डा नारायण दत्त श्रीमाली जी ] के ज्ञान को संपूर्णता के साथ समाहित किया है.
डॉ . नारायण दत्त श्रीमाली जी के देहत्याग [ ३ जुलाई १९९८ ] के बाद साधनाओं के पुनरुत्थान तथा साधकों के निर्माण में सतत गतिशील गुरुवर स्वामी सुदर्शन नाथजी ने दस महाविद्याओं पर जितना ज्ञान तथा विवेचन किया है वह अपने आप में एक मिसाल है.
परम गोपनीय शरभ तन्त्र से लेकर महाकाल संहिता तक ...... और कामकलाकाली तन्त्र से लेकर गुह्यकाली तक........
तन्त्र का कोइ क्षेत्र गुरुदेव की सीमा से परे नहीं है.
लुप्तप्राय हो चुके तन्त्र ग्रन्थों से ढूढ कर सहस्रनाम स्तोत्रों और दुर्लभ पूजन विधियों का अकूत भन्डार साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका के माध्यम से अपने शिष्यों के लिये सहज ही प्रस्तुत करने वाले ऐसे दिव्य साधक के चरणों मे मेरा शत शत नमन है .
आपका आशीर्वाद और मार्गदर्शन मेरे लिये सर्वसौभाग्य प्रदायक है....
ज्ञान की इतनी ऊंचाई पर बैठ्कर भी साधकों तथा जिज्ञासुओं के लिये वे सहज ही उपलब्ध हैं. आप यदि साधनात्मक मार्गदर्शन चाहते हैं तो आप भी संपर्क कर सकते हैं.
गुरु देव स्वामी सुदर्शननाथ जी से सीधे सम्पर्क का समय :
सायं ७ से ९ बजे तक (रविवार अवकाश)
दूरभाष : (0755) --- 4269368,4283681
10 मार्च 2011
काल भैरव
- काल भैरव भगवान शिव का अत्यन्त ही उग्र तथा तेजस्वी स्वरूप है.
- नीचे लिखे मन्त्र की १०८ माला होली या मंगलवार या अमावस्या की रात्रि को करें.
- काले रंग का वस्त्र तथा आसन रहेगा.
- दिशा दक्षिण की ओर मुंह करके बैठें
- इस साधना से भय का विनाश होता है तथा साह्स का संचार होता है.
- यह तन्त्र बाधा, भूत बाधा,तथा दुर्घटना से रक्षा प्रदायक है.
॥ ऊं भ्रं कालभैरवाय फ़ट ॥
8 मार्च 2011
धूमावती साधना
धूमावती साधना समस्त प्रकार की तन्त्र बाधाओं की रामबाण काट है.
यह साधना होली की रात्रि में की जा सकती है.
मन्त्र होगा :-
जाप के पहले तथा बाद मे गुरु मन्त्र की १ माला जाप करें
॥ ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
अब १०८ माला निम्नलिखित मन्त्र का जाप करें
॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥
5 मार्च 2011
2 मार्च 2011
1 मार्च 2011
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