4 अक्तूबर 2013

कामकला काली बीज मन्त्रम


कामकला काली [ KAMAKALA KALI ] साधना साधनात्मक जगत की सर्वोच्च साधना है. जब साधक का सौभाग्य अत्यंत प्रबल होता है तब उसे इस साधना की दीक्षा तथा अनुमति मिलती है.

यह साधना साधक को एक शक्तिपुंज में बदल देती है.


॥ स्फ़्रें ॥


  • अत्यंत प्रेम तथा मधुरता से जाप करें.
  • जप काल में रुद्राक्ष धारण करें.
  • यदि संभव हो तो गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करें.
  • बैठकर जाप रात्रि काल ११ से ३ में करें.
  • किसी स्त्री का अपमान ना करें.
  • क्रोध ना करें.
  • किसी प्रकार का प्रलाप , श्राप या बुरी बात ना कहें.
  • यदि विवाहित हैं तो अपनी पत्नी के साथ बैठ कर जाप करें.
  • साधना काल में अपनी पत्नी को भगवती का अंश समझकर उसे सम्मान दें, भूलकर भी उसका अपमान ना करें.
  • साधना प्रारंभ करने से पहले किसी समर्थ गुरु से दीक्षा अवश्य ले लें.





3 अक्तूबर 2013

नवरात्रि विशेष : महाविद्या धूमावती साधना




॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥

  • सर्व बाधा निवारण हेतु.
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  • सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें. 
  • यथा संभव मौन रहें. 
  • अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें. 
  • सफ़ेद वस्त्र पहनकर सफ़ेद आसन पर बैठ कर  जाप करें.
  • यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें. 
  • बेसन के पकौडे का भोग लगायें. 
  • जाप के बाद भोग को निर्जन स्थान पर छोड कर वापस मुडकर देखे बिना लौट जायें.
  • ११००० जाप करें. 
  • ११०० मंत्रों से हवन करें.
  • मंत्र के आखिर में स्वाहा लगाकर हवन सामग्री को आग में छोडें.
  • हवन की भस्म को प्रभावित स्थल या घर पर छिडक दें. 
  • शेष भस्म को नदी में प्रवाहित करें.
  • लाभ होगा.
  • जाप पूरा हो जाने पर किसी गरीब विधवा स्त्री को भोजन तथा सफ़ेद साडी दान में दें.

2 अक्तूबर 2013

मातंगी महाविद्या साधना



॥ ह्रीं क्लीं हुं मातंग्यै फ़ट स्वाहा ॥


  • मातंगी साधना संपूर्ण गृहस्थ सुख प्रदान करती है.
  • यह साधना जीवन में रस प्रदान करती है.

  1. गुलाबी या लाल वस्त्र तथा आसन होगा.
  2. उत्तर दिशा की ओर देखते हुए मंत्र जाप करेंगे.
  3. रात्रि 9 से सुबह ४ बजे के बीच मंत्र जाप होगा.
  4. कम से कम ११ माला जाप करें.
  5. रुद्राक्ष माला से जाप करें.जाप के बाद माला गले में धारण कर लें.

काली साधना : ककारादि सहस्रनाम



महाकाली का प्रिय स्तोत्र है "ककारादि सह्स्रनाम"


प्राप्ति के लिये संपर्क करें:
परा वाणी आध्यात्मिक शोध संस्थान
श्री चंडी धाम, अलोपी देवी मार्ग
प्रयाग [उ.प्र.]




फ़ोन - 9450222676

महाविद्या तारा

  • तारा काली कुल की महविद्या है । 

  • तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है । 

  • यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुन्चा देती है।

  • गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।

  • साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है । 










तारा बीजयुक्त गायत्री मंत्रम

 ॥ ह्रीं स्त्रीं हूँ फट एकजटे विद्महे ह्रीं स्त्रीं हूँ परे नीले विकट दंष्ट्रे ह्रीं धीमहि ॐ ह्रीं स्त्रीं हूँ फट एं सः स्त्रीं तन्नस्तारे प्रचोदयात  ॥






  1. मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
  2. यह रात्रिकालीन साधना है. 
  3. गुरुवार से प्रारंभ करें. 
  4. गुलाबी वस्त्र/आसन/कमरा रहेगा.
  5. उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए जाप करें.
  6. यथासंभव एकांत वास करें.
  7. सवा लाख जाप का पुरश्चरण है. 
  8. ब्रह्मचर्य/सात्विक आचार व्यव्हार रखें.
  9. किसी स्त्री का अपमान ना करें.
  10. क्रोध और बकवास ना करें.
  11. साधना को गोपनीय रखें.


प्रतिदिन तारा त्रैलोक्य विजय कवच का एक पाठ अवश्य करें. यह आपको निम्नलिखित ग्रंथों से प्राप्त हो जायेगा.

तारा स्तव मंजरी

परा वाणी आध्यात्मिक शोध संस्थान
श्री चंडी धाम, अलोपी देवी मार्ग
प्रयाग [उ.प्र.]


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साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका