30 जून 2014

पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना -3








पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना

|| ॐ निं निखिलेश्वराये निं नमः  ||
  • वस्त्र - सफ़ेद वस्त्र धारण करें.
  • आसन - सफ़ेद होगा.
  • समय - प्रातः ४ से ६ बजे का समय सबसे अच्छा है, न हो पाए तो कभी भी कर सकते हैं.
  • दिशा - उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए बैठें.
  • पुरश्चरण - सवा लाख मंत्र जाप का होगा.यदि इतना न कर सकते हों तो यथाशक्ति करें.
  • हवन - १२,५०० मंत्रों से मंत्र के पीछे स्वाहा लगाकर हवन करेंगे
  • हवन सामग्री - दशांग या घी.
विधि :- 
सामने गुरु चित्र रखें गुरु यन्त्र या श्री यंत्र हो तो वह भी रखें .
संकल्प :- 
हाथ में पानी लेकर बोले की " मै [अपना नाम ] गुरुदेव परमहंस स्वामी
निखिलेश्वरानंदजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यह मंत्र जाप  कर रहा हूँ , वे प्रसन्न हों और मुझपर कृपा करें साधना के मार्ग पर आगे बढायें ". अब पानी निचे छोड़ दें.
लाभ :-
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा प्राप्त होगी जो आपको साधना पथ पर तेजी से आगे बढ़ाएगी. 

गुलाब या अष्टगंध की खुशबु आना गुरुदेव के आगमन का प्रमाण है.

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29 जून 2014

पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना -2





पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना

|| ॐ श्रीं निखिलेश्वराय श्रीं ॐ  ||

  • वस्त्र - सफ़ेद वस्त्र धारण करें.
  • आसन - सफ़ेद होगा.
  • समय - प्रातः ४ से ६ बजे का समय सबसे अच्छा है, न हो पाए तो कभी भी कर सकते हैं.
  • दिशा - पूर्व की ओर देखते हुए बैठें.
  • पुरश्चरण - सवा लाख मंत्र जाप का होगा.यदि इतना न कर सकते हों तो यथाशक्ति करें.
  • हवन - १२,५०० मंत्रों से मंत्र के पीछे स्वाहा लगाकर हवन करेंगे

.
  • हवन सामग्री - दशांग या घी.


विधि :- 
सामने गुरु चित्र रखें गुरु यन्त्र या श्री यंत्र हो तो वह भी रखें .

संकल्प :- 
हाथ में पानी लेकर बोले की " मै [अपना नाम ] गुरुदेव परमहंस स्वामी

निखिलेश्वरानंदजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यह मंत्र जाप  कर रहा हूँ , वे प्रसन्न हों और मुझपर कृपा करें

साधना के मार्ग पर आगे बढायें ". अब पानी निचे छोड़ दें.

लाभ :-
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा प्राप्त होगी जो आपको

साधना पथ पर तेजी से आगे बढ़ाएगी. गुलाब या अष्टगंध की खुशबु आना गुरुदेव के आगमन का प्रमाण है.

28 जून 2014

परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद गुरु साधना मंत्रम -1





पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना

|| ॐ ऐ श्रीं क्लीं प्राणात्मन निं सर्व सिद्धि प्रदाय निखिलेश्वरानन्दाय  नमः  ||

वस्त्र - सफ़ेद वस्त्र धारण करें.
आसन - सफ़ेद होगा.
समय - प्रातः ४ से ६ बजे का समय सबसे अच्छा है, न हो पाए तो कभी भी कर सकते हैं.
दिशा - उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए बैठें.

पुरश्चरण - सवा लाख मंत्र जाप का होगा.यदि इतना न कर सकते हों तो यथाशक्ति करें.
हवन - १२,५०० मंत्रों से मंत्र के पीछे स्वाहा लगाकर हवन करेंगे .
हवन सामग्री - दशांग या घी.


विधि :- 
सामने गुरु चित्र रखें गुरु यन्त्र या श्री यंत्र हो तो वह भी रखें .

संकल्प :- 
हाथ में पानी लेकर बोले की " मै [अपना नाम ] गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यह मंत्र जाप  कर रहा हूँ , वे प्रसन्न हों और मुझपर कृपा करें साधना के मार्ग पर आगे बढायें ". अब पानी निचे छोड़ दें.

लाभ :-
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा प्राप्त होगी जो आपको साधना पथ पर तेजी से आगे बढ़ाएगी. गुलाब या अष्टगंध की खुशबु आना गुरुदेव के आगमन का प्रमाण है.

27 जून 2014

गुरु श्रुंखला

जगद्गुरु भगवान शिव






भगवान वेद व्यास


गौड पादाचार्य [शंकराचार्य जी के गुरु ]


जगद्गुरु आदि शंकराचार्य 



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ब्रह्मानंद सरस्वती



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।                                                                                                 ।
           महेश योगी                                                                     करपात्री महाराज
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
                                           पूज्यपाद सद्गुरुदेव
                                                                               डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी
[परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी]
[1933-1998]



                                                 
                                              ।
                                              ।
                                               ।
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।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
गुरुमाता डॉ . साधना सिंह  जी                                                                       गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी
                                                                                                       
जानकरी स्त्रोत-> साधना सिद्धि विज्ञान जुलाई २००५ पेज ७०

ब्रह्माण्ड रूप हनुमान : अध्यात्मिक उन्नति के लिए






    ॥ ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय प्रकट पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटि समप्रभाय रामदूताय स्वाहा  ॥  
     
     
    सबसे पहले गुरु यदि हों तो उनके मंत्र की एक माला जाप करें. यदि न हों तो मेरे गुरुदेव 
     
    परम हंस स्वामी निखिलेस्वरानंद जी 
    [ डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी ]
    को गुरु मानकर निम्नलिखित मंत्र की एक माला जाप कर लें.
    || ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ||
    इसके बाद आप जाप प्रारंभ करें. गुरु मन्त्र का जाप करने से साधना में बाधा नहीं आती और सफलता जल्दी मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
    हनुमान जी की साधना के सामान्य नियम निम्नानुसार होंगे :-
    1. पहले दिन हाथ में जल लेकर अपनी मनोकामाना बोल देना चाहिए.
    2. ब्रह्मचर्य का पालन किया जाना चाहिये.
    3. साधना का समय रात्रि ९ से सुबह ६ बजे तक.
    4. साधना कक्ष में हो सके तो किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश न दें.
    5. आसन तथा वस्त्र लाल या सिंदूरी रंग का रखें.
    6. जाप संख्या ११,००० होगी.
    7. प्रतिदिन चना,गुड,बेसन लड्डू,बूंदी में से किसी एक वस्तु का भोग लगायें.
    8. हवन ११०० मन्त्र का होगा, इसमें जाप किये जाने वाले मन्त्र के अन्त में स्वाहा लगाकर सामग्री अग्नि में डालना होता है.
    9. हवन सामग्री में गुड का चूरा मिला लें.
    10. रुद्राक्ष की माला से जाप होगा.
अधिक जानकारी के लिए डाऊनलोड करें "साधना सिद्धि विज्ञान " का हनुमान विशेषांक 



http://nikhildham.org/ssv/2004/0053_March_2004.PDF

26 जून 2014

श्री तुलाराम साहूजी (पाउवारा वाले ) :मेरी अश्रुपूरित श्रद्धांजली

परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी के शिष्य श्री तुलाराम साहूजी (पाउवारा वाले ) (स्वामी आदित्यानंद जी ) का देहावसान दिनांक 24 जून मंगलवार को हो गया. 

 साधना के जगत में प्रवेश के समय मुझे उनका सानिध्य और मार्गदर्शन मिला आज मेरे पास जो भी गुरु कृपा है उसका श्रेय  साहूजी को जाता है उन्होंने जिस सहजता से गुरु और साधना के रहस्यों को समझाया वही आगे चलकर मेरे मार्ग को प्रशस्त करने का कारक बना. मेरी अश्रुपूरित श्रद्धांजली

साधकों के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है. वे गुरुदेव के उन शिष्यों में से थे जिन्हें श्री विद्या की साधना प्राप्त हुई थी, उनका साधनात्मक जीवन बहुत उच्च कोटि का था. छत्तीसगढ़ में गुरुदेव निखिल के प्रकाश को फ़ैलाने में 1981 से साहूजी सक्रिय रहे. गुरुदेव उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.

कार्यक्रम :- पाउवारा [उतई], जिला - दुर्ग , छत्तीसगढ़
तिज्नाहावन - 27/6/ 2014 शुक्रवार
दशगात्र - 4/7/2014  शुक्रवार
संपर्क -
9425544777
9425544999
8889570248