17 नवंबर 2016

उग्रतारा साधना


  1. भगवती तारा महाविद्या का सबसे उग्र रूप है उग्रतारा .
  2. यह मूलरूप से अघोर साधना है .
  3. इस साधना को गुरु सानिध्य में ही संपन्न करना चाहिए .
  4. दिशा/माला/आचार/व्यवहार का प्रतिबंध नहीं है .
  5. श्मशान साधना है लेकिन योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करें अन्यथा दुष्परिणाम हो सकते हैं .
  6. कमजोर दिल वाले पुरुष , बच्चे तथा महिलाएं इसे ना करें 
  7. अमावस्या से अमावस्या  तक साधना करें .
  8. मन्त्र गुरु मुख से ही प्राप्त करें 

15 नवंबर 2016

भगवती कामाख्या साधना

भगवती कामाख्या मूल शक्ति हैं






 जो सभी साधनाओं का मूल हैं ।

॥ ऊं ऎं ह्रीं क्लीं कामाख्यायै स्वाहा ॥


विशिष्ट  निर्देश :-
  1. साधनाएँ इष्ट तथा गुरु की कृपा से प्राप्त और सिद्ध होती हैं |
  2. साधना की सफलता साधक की एकाग्रता और उसके श्रद्धा और विश्वास पर निर्भर करता है |
  3. भगवती कामाख्या मूल शक्ति हैं । इस साधना को  कम से कम ५  वर्षों तक लगातार करते रहैं |
  4. यह साधना विवाहित साधकों को ही करनी चाहिए । 
  5. यह साधना पति पत्नी एक साथ करें तो ज्यादा लाभ होगा। 
  6. इस साधना में दिशा /आसन/वस्त्र /संख्या का महत्व नहीं है
  7. जाप गौरीशंकर रुद्राक्ष की माला से किया जाये तो सर्व श्रेष्ट है ना हो तो पञ्चमुखी रुद्राक्ष या किसी भी रुद्राक्ष की माला  स्वीकार्य  है |


  • यह साधना गुरु की अनुमति से ही करें। 
  • साधना नियमित रूप से करें। 
  • जाप के दौरान बकवास और बेवजह का प्रलाप चुगली आदि ना करें|
  • किसी महिला ( चाहे वह नौकरानी ही क्यों न हो ) का अपमान ना करें |
  • साधना काल में किसी के बारे में बुरा न बोले। भविष्यवाणी न करें। 



तारा साधना - 2



तारा साधना मंत्रम


·      यह साधना गुरु दीक्षा और गुरु अनुमति से ही करनी चाहिए.
·      भगवती तारा महाविद्या की साधना में गलतियों की छूट नहीं होती. इसलिए अपने पर पूरा विश्वास होने पर ही संकल्प लें.
·      सहस्रनाम और कवच का पाठ साथ में करने से अतिरिक्त लाभ होता है.
·      भगवती तारा अपने साधक को उसी प्रकार साधना पथ पर आगे लेकर जाती है जैसे एक माँ ऊँगली पकड़कर अपने बच्चे को ले जाती है.
·      || ॐ तारा तूरी स्वाहा ||
·      इसके अलावा भी सैकड़ों मंत्र हैं गुरु के निर्देशानुसार उस मन्त्र का जाप करें.
·      साधना गुरूवार से प्रारम्भ करें.
·      रात्रिकालीन साधना है |
·      उत्तर दिशा की और देखते हुए बैठें.
·      एकांत कमरा होना चाहिए | साधनाकाल में कोई दूसरा उस कक्ष में ना आये चाहे वह आपकी पत्नी या बच्चा ही क्यों न हो |
·      दिन में भी मन ही मन मन्त्र जाप करते रहें .

·         

14 नवंबर 2016

तारा साधना



तारा साधना मंत्रम


·      यह साधना गुरु दीक्षा और गुरु अनुमति से ही करनी चाहिए.
·      भगवती तारा महाविद्या की साधना में गलतियों की छूट नहीं होती. इसलिए अपने पर पूरा विश्वास होने पर ही संकल्प लें.
·      सहस्रनाम और कवच का पाठ साथ में करने से अतिरिक्त लाभ होता है.
·      भगवती तारा अपने साधक को उसी प्रकार साधना पथ पर आगे लेकर जाती है जैसे एक माँ ऊँगली पकड़कर अपने बच्चे को ले जाती है.
·      || ॐ ह्रीं स्त्रीं हूँ फट ||
·      इसके अलावा भी सैकड़ों मंत्र हैं गुरु के निर्देशानुसार उस मन्त्र का जाप करें.
·      साधना गुरूवार से प्रारम्भ करें.
·      रात्रिकालीन साधना है |
·      उत्तर दिशा की और देखते हुए बैठें.
·      एकांत कमरा होना चाहिए | साधनाकाल में कोई दूसरा उस कक्ष में ना आये चाहे वह आपकी पत्नी या बच्चा ही क्यों न हो |
·      दिन में भी मन ही मन मन्त्र जाप करते रहें .

·         

11 नवंबर 2016

महाविद्या बगलामुखी दीक्षा


भगवती बगलामुखि की साधना सामान्यतः शत्रुनाश और मुकदमों में विजय प्राप्ति के लिये की जाती है.इस साधना के सामान्य नियम :-

  1. साधक को सात्विक आचार तथा व्यवहार रखना चाहिये.
  2. साधना काल में पीले रंग के वस्त्र तथा आसन का उपयोग करॆं.
  3. साधना रात्रिकालीन है अर्थात रात्रि ९ से सुबह ४ के मध्य मन्त्र जाप करें.
  4. साधनाकाल में क्रोध ना करें.
  5. साधना काल में यथासंभव ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  6. साधनाकाल में किसी स्त्री का अपमान ना करें.
  7. हल्दी या पीली हकीक की माला से जाप करें.
  8. साधना करने से पहले गुरु दीक्षा लें गुरु से अनुमति लेकर ही यह साधना करें. यह साधना उग्र साधना है इसलिये नन्हे बालक तथा कमजोर मानसिक स्थिति वाले इस साधना को ना करें.
  9. सामान्यतः सवा लाख जाप का पुरश्चरण तथा १२५०० मन्त्रों से हवन किया जाना अपेक्षित है.
  10. हवन पीली सरसों से किया जायेगा.

विभिन्न साधनात्मक जानकारियों 

तथा

गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी 


 तथा गुरुमाता साधना सिंह जी से 


भगवती बगलामुखि दीक्षा
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साधना सिद्धि विज्ञान
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यह पत्रिका तंत्र साधनाओं के गूढतम रहस्यों को साधकों के लिये  स्पष्ट कर उनका मार्गदर्शन करने में अग्रणी है. साधना  सिद्धि विज्ञान पत्रिका में महाविद्या साधना , भैरव साधना, काली साधना,  अघोर साधना, अप्सरा साधना इत्यादि के विषय में जानकारी मिलेगी .इसमें आपको विविध साधनाओं के मंत्र तथा पूजन विधि का प्रमाणिक विवरण मिलेगा .देश भर में लगने वाले विभिन्न साधना शिविरों के विषय में जानकारी मिलेगी .------------------------------------------------------------------------------------
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