7 अगस्त 2010

दक्षिणामूर्ति शिव

दक्षिणामूर्ति शिव भगवान शिव का सबसे तेजस्वी स्वरूप है । यह उनका आदि गुरु स्वरूप है । इस रूप की साधना सात्विक भाव वाले सात्विक मनोकामना वाले तथा ज्ञानाकांक्षी साधकों को करनी चाहिये ।







॥ऊं ह्रीं दक्षिणामूर्तये नमः ॥


  • ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  • ब्रह्ममुहूर्त यानि सुबह ४ से ६ के बीच जाप करें.
  • सफेद वस्त्र , आसन , होगा.
  • दिशा इशान( उत्तर और पूर्व के बीच ) की तरफ देखकर करें.
  • भस्म से त्रिपुंड लगाए . 
  • रुद्राक्ष की माला पहने .
  • रुद्राक्ष की माला से जाप करें.

2 अगस्त 2010

भगवान शिव को बिल्व पत्र चढाने का मन्त्र

भगवान शिव को बिल्व पत्र चढाने का मन्त्र:-

काशीवासनिवासिनम कालभैरवपूजिताम ।

कोटि कन्या महादानम एक बिल्वपत्रम शिवार्पणम ॥