28 जनवरी 2015

भगवती लक्ष्मी का विशेष मन्त्र




॥  ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महा लक्ष्मै नमः ॥


  • भगवती लक्ष्मी का विशेष मन्त्र है.
  • गुलाबी या लाल रंग के वस्त्र तथा आसन का प्रयोग करें.न हों तो कोई भी साफ धुला वस्त्र पहन कर बैठें.
  • अगरबत्ती इत्र आदि से पूजा स्थल को सुगन्धित करें.
  • विवाहित हों तो पत्नी सहित बैठें तो और लाभ मिलेगा.
  •  रात्रि 9 से 5 के बीच यथा शक्ति जाप करें.
  • क्षमता हो तो घी का दीपक लगायें ।

भूलोक के पालन कर्ता हैं भगवान् विष्णु और उनकी शक्ति हैं महामाया महालक्ष्मी ....

इस संसार में जो भी चंचलता है अर्थात गति है उसके मूल में वे ही हैं.....
उनके अभाव में गृहस्थ जीवन अधूरा अपूर्ण अभावयुक्त और अभिशापित है....
लक्ष्मी की कृपा के बिना सुखद गृहस्थ जीवन बेहद कठिन है............... बाकी आप स्वयं समझदार हैं...

24 जनवरी 2015

अष्ट्काली मंत्रम



॥  ऊं अष्टकाल्यै क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं सिद्धिं मे देहि दापय नमः ॥


  1. दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जाप करें.
  2. दिगम्बर अवस्था में जाप करें या काले रंग का आसन वस्त्र रखें.
  3. रुद्राक्ष या काली हकीक माला से जाप करें.
  4. पुरश्चरण १,२५,००० मन्त्रों का होगा.
  5. रात्रिकाल में जाप करें.
  6. जप के बाद १२५०० मन्त्र में स्वाहा लगाकर सामान्य हवन सामग्री या कालीमिर्च से हवन  करें.

22 जनवरी 2015

बसंत पंचमी : बालकों के लिये सरस्वती प्रयोग


बसंत पंचमी यानी सरस्वती सिद्धि दिवस. इस दिन आप अपने बालकों को बुद्धि तथा विद्या के विकास के लिये यह प्रयोग करें:-

  • प्रात: काल स्नानादि करने के बाद आप १०८ बार या यथाशक्ति अपने गुरुमंत्र का जाप करे. यदि गुरु न बनाया हो तो मेरे गुरुमंत्र "ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः " का जाप कर लें.

  • इसके बाद यथा शक्ति सरस्वती के बीज  मंत्र  " ऐं " का जप करे. कम से कम आधा घंटा जाप करना चाहिए .
  • अब केसर या शहद से अपनी तर्जनी ऊँगली से अपने बालक/बालिका के जीभ पर सरस्वती बीज मन्त्र  " ऐं "  को लिखे.
  • बालक/बालिका को यथा शक्ति गुरु मंत्र का जाप करने को कहें.

19 जनवरी 2015

भुवनेश्वरी साधना





॥ ह्रीं ॥
  • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
  • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.

16 जनवरी 2015

नवार्ण मन्त्र







॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै ॥


ऐं = सरस्वती का बीज मन्त्र है ।

ह्रीं = महालक्ष्मी का बीज मन्त्र है ।

क्लीं = महाकाली का बीज मन्त्र है ।
 नवार्ण मन्त्र का जाप इन तीनों देवियों की कृपा प्रदान करता है ।
जितना ज्यादा से ज्यादा जाप कर सकते हों करें.
माघ शुक्ल प्रतिपदा से पूर्णिमा तक करें.