26 मई 2022

शनि माला मंत्र

शनि माला मंत्र

शनिबाधा निवारण हेतु आप इसे नित्य पूजन मे शामिल कर सकते है ..

या प्रत्येक शनिवार इसका उचित संख्या मे पाठ करे ..

ॐ नमो भगवते शनैश्चराय मंदगतये सूर्यपुत्राय महाकालाग्निसदृशाय क्रूरदेहाय गृध्रासनाय नीलरुपाय चतुर्भुजाय त्रिनेत्राय नीलांबरधराय नीलमालाविभूषिताय धनुराकारमण्डले प्रतिष्ठिताय काश्यपगोत्रात्मजाय माणिक्यमुक्ताभरणाय छायापुत्राय सकल महारौद्राय सकल जगतभयंकराय पंगुपादाय क्रूररुपाय देवासुरभयंकराय सौरये कृष्णवर्णाय स्थूलरोमाय अधोमुखाय नीलभद्रासनाय नीलवर्णरथारुढाय त्रिशूलधराय सर्वजनभयंकराय मंदाय दं शं नं मं हुं रक्ष रक्ष , मम शत्रून नाशय नाशय , सर्वपीडा नाशय नाशय , विषमस्थ शनैश्चरान सुप्रीणय सुप्रीणय , सर्व ज्वरान शमय शमय , समस्त व्याधीनामोचय मोचय विमोचय विमोचय मां रक्ष रक्ष , समस्त दुष्टग्रहान भक्षय भक्षय , भ्रामय भ्रामय , त्रासय त्रासय , बंधय बंधय , उन्मादय उन्मादय , दीपय दीपय , तापय तापय , सर्व विघ्नान छिंधि छिंधि , डाकिनी शाकिनी भूत वेताल यक्षरगोगंधर्वग्रहान ग्रासय ग्रासय , भक्षय भक्षय , दह दह , पच पच , हन हन , विदारय विदारय , शत्रून नाशय नाशय , सर्वपीडा नाशय नाशय , विषमस्थ शनैश्चरान सुप्रीणय सुप्रीणय , सर्वज्वरान शमय शमय , समस्त व्याधीन विमोचय विमोचय , ॐ शं नं मं ह्रां फं हुं शनैश्चराय नीलाभ्रवर्णाय नीलमेखलाय सौरये नम:

!! इति शनि माला मंत्र !!


24 मई 2022

एक गोपनीय शाबर रक्षा मंत्र

  एक गोपनीय शाबर रक्षा मंत्र



यह सद्गुरुदेव डा नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा दिया गया एक अद्भुत मंत्र है ..... 


ॐ रक्षो रक्ष महावीर !

काला गोरा भेरूँ! बल वहन करे !

वज्र सी देह रक्षा करे ! एडी सू चोटी चोटी सू एडी !

तणो वज्र निरधार झरे ! ठम ठम ठम !!!



इसे आप 108 बार जपकर सूर्यग्रहण/होली/शिवरात्रि/अमावस्या/नवरात्रि  के अवसर पर सिद्ध कर लें ।. 

सुबह उठते ही इसका नित्य 3 बार जाप करते रहें तो आपके ऊपर किसी प्रकार का प्रयोग आदि होने पर उससे रक्षा होगी ।.

11 मई 2022

साधना सिद्धि विज्ञान पत्रिका



साधना सिद्धि विज्ञान  मासिक पत्रिका का प्रकाशन वर्ष 1999 से भोपाल से हो रहा है. 
यह पत्रिका साधनाओं के गूढतम रहस्यों को साधकों के लिये  स्पष्ट कर उनका मार्गदर्शन करने में अग्रणी है. 





गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी तथा गुरुमाता साधनाजी के साधनात्मक अनुभव के प्रकाश मे प्रकाशित साधनात्मक ज्ञान आप को स्वयम अभिभूत कर देगा 

[ Sadhana Siddhi Vigayan monthly magazine,a knowledge bank of Tantra, Mantra, Yantra Sadhana

साधना सिद्धि विज्ञान पत्रिका की सदस्यता

समस्त प्रकार की साधनात्मक जानकारियों से भरपूर शुद्द पूजन तथा प्रयोगों की जानकारी के लिये 

साधना सिद्धि विज्ञान पढें:-


वार्षिक सदस्यता शुल्क 250 रुपये मनीआर्डर द्वारा निम्नलिखित पते पर भेजें .

अगले माह से आपकी सदस्यता प्रारंभ कर दी जायेगी

साधना सिद्धि विज्ञान 
जास्मीन - 429
न्यू मिनाल रेजीडेंसी 
जे. के. रोड , भोपाल  [म.प्र.]



आप चाहें तो पत्रिका कार्यालय मे इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं, और यूपीआई से भी पेमेंट कर सकते हैं । 
श्री संजय सिंह 94256-68111


साधना सिद्धि विज्ञान
अब तक प्रकाशित साधनात्मक जानकारी से परिपूर्ण अंक :-




महाविद्या गुह्यकाली विशेषांक








महाविद्या तारा विशेषांक










महाविद्या छिन्नमस्ता विशेषांक
महाविद्या बगलामुखी विशेषांक




निखिल तंत्रम


निखिल तंत्रम


निखिल तंत्रम


निखिल  महामृत्युंजय तंत्रम






महाविद्या भुवनेश्वरी विशेषांक







महाविद्या महाकाली विशेषांक





महाविद्या तारा विशेषांक

















  • गुरु तन्त्रम.
  • शरभ तन्त्रम.
  • बगलामुखी तन्त्रम.
  • श्री विद्या रहस्यम.
  • तारा तन्त्रम.
  • महाकाल तन्त्रम.
  • मातंगी तन्त्रम.
  • अप्सरा तन्त्रम.
  • नाग तन्त्रम.
  • योगिनी तन्त्रम.
  • लक्ष्मी तन्त्रम.
  • कामकलाकाली तन्त्रम.
  • गुह्यकाली तन्त्रम.
  • भुवनेश्वरि तन्त्रम.
  • धूमावती तन्त्रम.
  • कमला तन्त्रम.
  • रुद्र तन्त्रम.
  • शिव रहस्यम.
  • छिन्नमस्ता तन्त्रम.
  • नाथ तन्त्रम.
  • विष्णु तन्त्रम.
  • काली तन्त्रम.
  • दक्षिण काली तन्त्रम.
  • भैरव तन्त्रम.
  • त्रिपुर सुन्दरी तन्त्रम.
  • भैरवी तन्त्रम.
  • कामाख्या तन्त्रम.
  • रस तन्त्रम
  • निखिल तन्त्रम.
  • चामुन्डा तन्त्रम.
  • अघोर तन्त्रम.
  • रुद्राक्ष रहस्यम.
  • रत्न रहस्यम.
  • तान्त्रिक सामग्री रहस्यम.
  • मुद्रा विवेचन.

साधना सिद्धि विज्ञान पत्रिका की सदस्यता

समस्त प्रकार की साधनात्मक जानकारियों से भरपूर शुद्द पूजन तथा प्रयोगों की जानकारी के लिये 

साधना सिद्धि विज्ञान पढें:-


वार्षिक सदस्यता शुल्क = 250 रुपये


जानकारीजिज्ञासासूचना हेतु कार्यालय में सम्पर्क का समय :

10 बजे से 7 बजे तक 
(रविवार अवकाश)

साधना सिद्धि विज्ञान 
जास्मीन - 429
न्यू मिनाल रेजीडेंसी 
जे. के. रोड , भोपाल  [म.प्र.]





4 मई 2022

कामकला काली :सर्वस्व प्रदायक साधना

 







राज्यं दद्याद्ध्नं दद्यात स्त्रियं दद्याच्छिरस्तथा ।

न तु कामकलाकालीं दद्यात्कस्मापि क्वचित ॥




महाकाल और महाकाली तंत्र के अधिष्टाता हैं . महाकाल और महाकाली का सबसे तेजस्वी और अद्भुत स्वरुप है कामकला काली . तंत्र साधना में इस साधना को सर्वस्व प्रदायक साधना कहा गया है इस साधना से परे कोई साधना नहीं है सभी साधनाएं इसी साधना में समाहित हैं.



साधनाओं के क्षेत्र में कामकला काली की साधना को सर्वोपरि माना जाता है, इसके लिये कहा गया है कि प्राण का दान देकर भी यह विद्या मिल जाये तो इसे सप्रयास ग्रहण करना चाहिये ।
=====




साधना सिद्धि विज्ञान 
जास्मीन - 429
न्यू मिनाल रेजीडेंसी 
जे. के. रोड , भोपाल  [म.प्र.]

दूरभाष : (0755) --- 4269368,4283681,4221116

आप चाहें तो पत्रिका सदास्यता के लिए पत्रिका कार्यालय मे इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं, और सदस्यता शुल्क का यूपीआई से भी पेमेंट कर सकते हैं । 
श्री संजय सिंह 94256-68111

2 मई 2022

अक्षय तृतीया : महालक्ष्मी का 108 नाम पूजन

   श्री लक्ष्म्यष्टोत्तरशतनाम या महालक्ष्मी के 108 नाम  


सबसे पहले महालक्ष्मी जी को हाथ जोड़कर ध्यान करलें :-



सरसिज निलये सरोज हस्ते धवलतरांशुक गन्ध माल्य शोभे ।

भगवति हरि वल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवन भूतिकरि प्रसीद मह्यम् ॥


हिन्दी भावार्थ - हे महामाया महालक्ष्मी ! आप कमल फूलो से भरे हुए वन में निवास करनेवाली हो, आपके हाथों में सुंदर कमल है। आपके वस्त्र अत्यन्त उज्ज्वल हैं । आपके दिव्य देह पर अत्यंत मनोहर गन्ध और सुंदर सुंदर मालाएँ डाली हुई हैं । हे भगवान श्री हरी की प्रिया आपका स्वरूप अत्यंत मनमोहक है । आपकी कृपा से त्रिभुवन का ऐश्वर्य प्राप्त हो सकता है आप मुझपर प्रसन्न होकर कृपा करें । 

ऐसा ध्यान करेंगे । 


इसके बाद अपने पूजा स्थान/दुकान/ एकांत कक्ष मे अपने सामने लक्ष्मी चित्र/ यंत्र/ श्रीयंत्र/ चाँदी सिक्का/ लक्ष्मी मूर्ति (जो आपके पास उपलब्ध हो ) रखकर भगवती लक्ष्मी के 108 नामों का उच्चारण करें और हर बार नम:  के साथ फूल /कुमकुम/ चावल/ अष्टगंध चढ़ाएं । 


  1. ॐ श्रीं अदित्यै नमः ।

  2. ॐ श्रीं अनघायै नमः ।

  3. ॐ श्रीं अनुग्रहप्रदायै नमः ।

  4. ॐ श्रीं अमृतायै नमः ।

  5. ॐ श्रीं अशोकायै नमः ।

  6. ॐ श्रीं आह्लादजनन्यै नमः ।

  7. ॐ श्रीं इन्दिरायै नमः ।

  8. ॐ श्रीं इन्दुशीतलायै नमः । 

  9. ॐ श्रीं उदाराङ्गायै नमः ।

  10. ॐ श्रीं कमलायै नमः ।

  11. ॐ श्रीं करुणायै नमः ।

  12. ॐ श्रीं कान्तायै नमः ।

  13. ॐ श्रीं कामाक्ष्यै नमः ।

  14. ॐ श्रीं क्रोधसम्भवायै नमः ।

  15. ॐ श्रीं चतुर्भुजायै नमः ।

  16. ॐ श्रीं चन्द्ररूपायै नमः ।

  17. ॐ श्रीं चन्द्रवदनायै नमः ।

  18. ॐ श्रीं चन्द्रसहोदर्यै नमः ।

  19. ॐ श्रीं चन्द्रायै नमः ।

  20. ॐ श्रीं जयायै नमः ।

  21. ॐ श्रीं तुष्टयै नमः । 

  22. ॐ श्रीं त्रिकालज्ञानसम्पन्नायै नमः ।

  23. ॐ श्रीं दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः ।

  24. ॐ श्रीं दारिद्र्यनाशिन्यै नमः । 

  25. ॐ श्रीं दित्यै नमः ।

  26. ॐ श्रीं दीप्तायै नमः ।

  27. ॐ श्रीं देव्यै नमः ।

  28. ॐ श्रीं धनधान्यकर्यै नमः ।

  29. ॐ श्रीं धन्यायै नमः ।

  30. ॐ श्रीं धर्मनिलयायै नमः ।

  31. ॐ श्रीं नवदुर्गायै नमः ।

  32. ॐ श्रीं नारायणसमाश्रितायै नमः ।

  33. ॐ श्रीं नित्यपुष्टायै नमः ।

  34. ॐ श्रीं नृपवेश्मगतानन्दायै नमः ।

  35. ॐ श्रीं पद्मगन्धिन्यै नमः ।

  36. ॐ श्रीं पद्मनाभप्रियायै नमः ।

  37. ॐ श्रीं पद्मप्रियायै नमः ।

  38. ॐ श्रीं पद्ममालाधरायै नमः ।

  39. ॐ श्रीं पद्ममुख्यै नमः ।

  40. ॐ श्रीं पद्मसुन्दर्यै नमः ।

  41. ॐ श्रीं पद्महस्तायै नमः ।

  42. ॐ श्रीं पद्माक्ष्यै नमः ।

  43. ॐ श्रीं पद्मायै नमः ।

  44. ॐ श्रीं पद्मालयायै नमः ।

  45. ॐ श्रीं पद्मिन्यै नमः ।

  46. ॐ श्रीं पद्मोद्भवायै नमः ।

  47. ॐ श्रीं परमात्मिकायै नमः ।

  48. ॐ श्रीं पुण्यगन्धायै नमः ।

  49. ॐ श्रीं पुष्टयै नमः ।

  50. ॐ श्रीं प्रकृत्यै नमः ।

  51. ॐ श्रीं प्रभायै नमः ।

  52. ॐ श्रीं प्रसन्नाक्ष्यै नमः । 

  53. ॐ श्रीं प्रसादाभिमुख्यै नमः ।

  54. ॐ श्रीं प्रीतिपुष्करिण्यै नमः ।

  55. ॐ श्रीं बिल्वनिलयायै नमः ।

  56. ॐ श्रीं बुद्धये नमः ।

  57. ॐ श्रीं ब्रह्माविष्णुशिवात्मिकायै नमः ।

  58. ॐ श्रीं भास्कर्यै नमः ।

  59. ॐ श्रीं भुवनेश्वर्यै नमः । 

  60. ॐ श्रीं मङ्गळा देव्यै नमः ।

  61. ॐ श्रीं महाकाल्यै नमः ।

  62. ॐ श्रीं महादीप्तायै नमः ।

  63. ॐ श्रीं महादेव्यै नमः ।

  64. ॐ श्रीं यशस्विन्यै नमः ।

  65. ॐ श्रीं रमायै नमः ।

  66. ॐ श्रीं लक्ष्म्यै नमः । 

  67. ॐ श्रीं लोकमात्रे नमः ।

  68. ॐ श्रीं लोकशोकविनाशिन्यै नमः ।

  69. ॐ श्रीं वरलक्ष्म्यै नमः । 

  70. ॐ श्रीं वरारोहायै नमः ।

  71. ॐ श्रीं वसुधायै नमः ।

  72. ॐ श्रीं वसुधारिण्यै नमः ।

  73. ॐ श्रीं वसुन्धरायै नमः । 

  74. ॐ श्रीं वसुप्रदायै नमः ।

  75. ॐ श्रीं वाचे नमः । 

  76. ॐ श्रीं विकृत्यै नमः ।

  77. ॐ श्रीं विद्यायै नमः ।

  78. ॐ श्रीं विभावर्यै नमः ।

  79. ॐ श्रीं विभूत्यै नमः ।

  80. ॐ श्रीं विमलायै नमः ।

  81. ॐ श्रीं विश्वजनन्यै नमः ।

  82. ॐ श्रीं विष्णुपत्न्यै नमः ।

  83. ॐ श्रीं विष्णुवक्षस्स्थलस्थितायै नमः ।

  84. ॐ श्रीं शान्तायै नमः ।

  85. ॐ श्रीं शिवकर्यै नमः ।

  86. ॐ श्रीं शिवायै नमः ।

  87. ॐ श्रीं शुक्लमाल्याम्बरायै नमः ।

  88. ॐ श्रीं शुचये नमः ।

  89. ॐ श्रीं शुभप्रदाये नमः ।

  90. ॐ श्रीं शुभायै नमः ।

  91. ॐ श्रीं श्रद्धायै नमः ।

  92. ॐ श्रीं श्रियै नमः ।

  93. ॐ श्रीं सत्यै नमः ।

  94. ॐ श्रीं समुद्रतनयायै नमः ।

  95. ॐ श्रीं सर्वभूतहितप्रदायै नमः ।

  96. ॐ श्रीं सर्वोपद्रव वारिण्यै नमः ।

  97. ॐ श्रीं सिद्धये नमः ।

  98. ॐ श्रीं सुधायै नमः ।

  99. ॐ श्रीं सुप्रसन्नायै नमः । 

  100. ॐ श्रीं सुरभ्यै नमः ।

  101. ॐ श्रीं स्त्रैणसौम्यायै नमः ।

  102. ॐ श्रीं स्वधायै नमः ।

  103. ॐ श्रीं स्वाहायै नमः ।

  104. ॐ श्रीं हरिण्यै नमः ।

  105. ॐ श्रीं हरिवल्लभायै नमः ।

  106. ॐ श्रीं हिरण्मय्यै नमः ।

  107. ॐ श्रीं हिरण्यप्राकारायै नमः ।

  108. ॐ श्रीं हेममालिन्यै नमः ।




अन्त मे हाथ जोड़कर क्षमा प्रार्थना कर लें ।


यह पूजन आप रात्री मे कर सकते हैं । अगर ऐसा संभव ना हो तो आप दिन में किसी भी समय इसे कर सकते हैं ।  


अगर आपने श्री यंत्र के ऊपर पूजन किया है तो पूजा करने के बाद उस यंत्र को आप पूजा स्थान में या अपने पैसा रखने वाले गल्ले में रख सकते हैं ।