सुदर्शन नाथ SUDARSHAN NATH लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सुदर्शन नाथ SUDARSHAN NATH लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

27 मार्च 2025

नवरात्रि पर देवी साधना कैसे करें ?

 नवरात्रि पर देवी साधना कैसे करें ?

नवरात्रि पर देवी साधनाएं करने की इच्छा सभी की होती है । अधिकांश लोग नियमों मान्यताओं और डर आदि की वजह से घबराते हैं या झिझकते हैं कि....
कुछ गड़बड़ न हो जाए !
मातारानी क्रोधित होकर कोई नुकसान न कर दे !
आदि आदि.....
वास्तव में ऐसा झिझकने लायक कुछ नहीं है ।

जगदंबा संपूर्ण सृष्टि की माता है और वह बच्चों की गलतियों को क्षमा कर देती है । इसलिए आप जैसे और जितना अपनी क्षमतानुसार कर पाएंगे वैसा पूरी श्रद्धा से करें आपको अनुकूलता और महामाया की कृपा अवश्य मिलेगी ।
जगदंबा का आशीर्वाद और कृपा हर क्षेत्र मे सहायक होती ही है ..... इसीलिए हमारे सनातन धर्म मे शक्ति साधनाओं को इतना महत्व दिया गया है ।
आप देखें तो विश्व में सबसे शक्तिशाली नेताओं में मोदी जी की गिनती होती है । वह भगवती जगदंबा के प्रबल भक्त हैं । ऐसे भक्त जो नवरात्रि के समय में पूरी श्रद्धा के साथ निर्जला व्रत भी रखते हैं....
इसी प्रकार से अगर आप इतिहास के पन्नों में जाएं तो आपको पता चलेगा कि जितने भी अत्यंत उच्च कोटि के वीर और साहसी राजा या योद्धा हुए हैं वे सभी के सभी आध्यात्मिक शक्ति से संपन्न थे । किसी न किसी इष्ट की प्रबल भक्ति और साधना से उनके अंदर जागृत हुई अध्यात्मिक शक्ति, उनकी शारीरिक शक्तियों और प्रतिभा को कई कई गुना बढ़ा देती थी जिसके चलते वे असामान्य अभूतपूर्व और असंभव से लगने वाले कार्यों को भी संपन्न कर पाते थे ।
एक उदाहरण ले लीजिए....
महाकवि कालिदास, विश्व के श्रेष्ठतम पद्य रचयिता माने जाते हैं । उनकी कविताओं की टक्कर की कविता आज तक न किसी ने लिखी है और संभवत कोई लिख भी नहीं पाएगा...
उनका कवित्व तब प्रस्फुटित हुआ था जब वह महाकाली की साधना में संलग्न हुए थे .....
स्वर कोकिला लता दीदी यानी लता मंगेशकर जी वाग्देवी की प्रबल साधिका थी..... अब यह बताने की जरूरत नहीं है कि माँ शारदा साक्षात उनके कंठ में निवास करती थी........
छत्रपति शिवाजी से लेकर महाराणा प्रताप तक जितने भी वीर प्रचंड योद्धा हुए हैं सब अपने अपने इष्ट के प्रति पूर्ण समर्पित रहे हैं.....
उनका आध्यात्मिक बल इतना प्रचंड रहा है कि वह उन्हे उनसे कई गुना शक्तिशाली शत्रु पर भी भारी पड़ने के लिए समर्थ कर देता था.....
मुझे ऐसा लगता है कि जीवन में आप किसी भी क्षेत्र में हों यदि आप सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपके अंदर....
आध्यात्मिक शक्ति का अंश भी होना चाहिए !
देवी कृपा भी होनी चाहिए !!
भगवती जगदंबा का आशीर्वाद होना चाहिए !!!
यह बहुत कठिन कार्य नहीं है । हमारे साथ दिक्कत यह है कि हमारे पास जब समस्या आती है, उस समय हम मंदिर की ओर दौड़ लगाते हैं । वहां जाकर रोना गाना करके वापस आ जाते हैं । उसमें भी हमारे कई काम हो जाते हैं तो आप स्वयं सोचे कि अगर आप नित्य प्रति निष्ठा के साथ सम्मान के साथ श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवती जगदंबा की आराधना, पूजन, चिंतन, मंत्र जाप करेंगे तो वे स्वयं कितनी कृपालु हो जाएंगी ।
उन का वरद हस्त आपको अपने क्षेत्र में एक अद्भुत व्यक्तित्व बनाने की क्षमता रखता है । आप अगर इस बात पर विश्वास नहीं रखते हैं तो उसका उदाहरण मैं स्वयं हूँ । एक मामूली सा व्यक्ति जो संयोग से एक तंत्र गुरु से दीक्षा ले पाया, उनकी कृपा से भगवती की साधना की विधियां समझ पाया । एक लंबे समय..... यूं समझ लीजिए 10 साल 15 साल उनका मंत्र जाप निष्ठा के साथ करता रहा । आज आप देख लीजिए कि लिखते हुए मुश्किल से मुझे चार साल हुए हैं ....
और आप जैसे कितने लोग मुझे जानते हैं....
कितने लोगों की यह लगता है कि यह व्यक्ति वास्तव में आध्यात्मिक क्षेत्र में कुछ दखल रखता है....
यह सब प्रतिभा विकसित होती है भगवती जगदंबा के आशीर्वाद से......
मुझे यह कहते हुए जरा भी संकोच नहीं है कि मैं एक बिल्कुल आम और सामान्य सा मूर्ख आदमी हूं जिसके अंदर कमजोरियाँ और कमियाँ भरी पड़ी हैं......
आप जो भी लेखन देखते हैं जो भी मेरा लिखा हुआ पढ़ते हैं वह सब उसकी अहेतुकी कृपा है.....
उसका आशीर्वाद है कि वह मुझे जैसे मूढ़ व्यक्ति से भी इतना कुछ लिखवा लेती है ।
बिल्कुल ऐसा ही आपके साथ भी संभव है !
बस जरूरत इसकी है कि आप पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ नवरात्रि में जाप करें !
नित्य जाप करें !
उन्हें अपनी माता के रूप में देखें !
अपने आप को उनके शिशु के रूप में देखें !!
जैसा कर सकते हों !
जितना कर सकते हों !
उतना पूरे विश्वास और श्रद्धा से समर्पण भाव से एक शिशु के जैसे भाव से करिये......
यकीन मानिए उसके बाद फिर जो घटित होगा उसका शब्दों में बखान नहीं किया जा सकता ।
वह एक ऐसी स्थिति होती है कि बस आप कुछ बन जाते हैं....
कुछ ऐसा..... जो लोगों को एहसास करा देता है कि यह औरों से अलग है ....
इसमे कुछ तो स्पेशल है ......
अगर आप स्पेशल बनना चाहते हैं तो मैं आपका स्वागत करता हूं साधना के जगत में.....
आप आइए और इन विद्याओं को, इन शक्तियों को प्राप्त करने के प्रयासों को समझें, मंत्र जाप करें और जीवन में सफलता प्राप्त करें....

प्राचीन काल मे गुरु को खोजने के लिए जंगल जंगल भटकना पड़ता था । उसकी सेवा टहल मे बरसों बिताने पड़ते थे तब एकाध मंत्र या साधना मिल पाती थी ....
आज कि स्थिति अलग है .... आप इतना सब नहीं कर सकते ....


इसलिए आज के युग मे स्वामी सुदर्शन नाथ और गुरुमाता डा साधना सिंह जैसे गुरु सहजता से समाज के बीच मे उपलब्ध हैं । आप उनसे मिलेंगे तो ऐसा लगेगा जैसे अपने परिवार के ही किसी सदस्य से मिल रहे हैं । न किसी प्रकार का तामझाम और न ही किसी प्रकार का प्रपंच !
एक सामान्य लोगों के रहने वाली कॉलोनी मे एक सामान्य से घर मे बिलकुल एक सामान्य गृहस्थ जैसे !
आप उनसे मिल सकते हैं !
दीक्षा ले सकते हैं !
मंत्र और साधनाएं प्राप्त कर सकते हैं !
साधना के दौरान आने वाली किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान मांग सकते हैं ....
सबसे बड़ी बात यह कि आप उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर बातचीत कर सकते हैं .....
ऐसे गुरु से जो साधनाओं के शिखर पर बैठकर भी आपके लिए सहज उपलब्ध है .....
ऐसे अवसर का लाभ उठाएँ । उनसे मिलें अपने फील्ड से संबन्धित दीक्षा और मंत्र प्राप्त करें । नित्य जाप करें और फिर दस साल के बाद आप मुड़कर देखेंगे तो एहसास करेंगे कि ...
हाँ ! मैं स्पेशल बन चुका हूँ .... कुछ ऐसा जो शायद मेरे पूरे खानदान मे नहीं है ...... 


गुरुदेव से संपर्क का पता :-

साधना सिद्धि विज्ञान कार्यालय -जैस्मिन – 429, न्यू मिनाल रेसिडेंसी, जे.के.रोड, भोपाल,म.प्र.

फोन नंबर - 0755-4269368

🌹 निखिल अमृत महोत्सव 🌹 : 21 अप्रैल 2025 : ऑनलाइन शिविर





श्री विद्या मार्ग के उद्धारक,भारतवर्ष के आद्यात्मिक लौ को पुनर्जीवित करने वाले बड़े गुरुजी सदगुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के जन्मोत्सव 21 अप्रैल 2025  को महाविद्या साधक परिवार, भोपाल द्वारा निखिल भगवान की सूक्ष्म उपस्थिति में गुरुदेव श्री सुदर्शननाथ एवं माँ डॉ साधना के साथ अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है । जिसके अंतर्गत राज राजेश्वरी पूजन & भुबनेश्वरी पूजन संपन्न कराया जाएगा साथ ही परम तत्व प्राप्ति दीक्षा, ब्रह्म ज्योतिष दीक्षा, ध्यान  दीक्षा भी प्रदान की जाएगी।

नोट :-

1️⃣ शिविर/अनुष्ठान ऑनलाइन  होगा ।

2️⃣ऑनलाइन पूजन के 2100/-में पूजन और एक व्यक्ति की दीक्षा साथ मे और यदि जिन्हें सिर्फ दीक्षा लेनी हो तो 1100/- में सिर्फ एक फोटो दीक्षा ।

3️⃣फ़ोटो और पेमेंट करने के बाद स्क्रीनशॉट व्हाट्सएप (9852284595) पर अवश्य भेजे। 

4️⃣रेजिस्ट्रेशन के लिए संपर्क करे 

  करुणेश कर्ण (पटना):- 9852284595 (call or whatsapp)

5️⃣ payment के लिए

A/C:-464102010201709

IFSC CODE :-UBIN0546411

BRANCH :- ANTICHAK

NAME :-DILEEP KUMAR  

Google pay & phone pay  :-  

9708733515

11 मार्च 2025

गुरु शृंखला

  जगद्गुरु भगवान शिव







भगवान वेद व्यास


गौड पादाचार्य [शंकराचार्य जी के गुरु ]


जगद्गुरु आदि शंकराचार्य 



==========


ब्रह्मानंद सरस्वती



------------------------------------------------------------------
।                                                                                                 ।
           महेश योगी                                                                     करपात्री महाराज
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
                                           पूज्यपाद सद्गुरुदेव
                                                                               डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी
[परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी]
[1933-1998]



                                                 
                                              ।
                                              ।
                                               ।
-----------------------------------------------------------------------
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
गुरुमाता डॉ . साधना सिंह  जी                                                                       गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी
                                                                                                       
जानकारी स्त्रोत -  साधना सिद्धि विज्ञान जुलाई २००५ पेज ७०

गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी : एक प्रचंड तंत्र साधक

   गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी : एक प्रचंड तंत्र साधक



साधना का क्षेत्र अत्यंत दुरुह तथा जटिल होता है. इसी लिये मार्गदर्शक के रूप में गुरु की अनिवार्यता स्वीकार की गई है.
गुरु दीक्षा प्राप्त शिष्य को गुरु का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मार्गदर्शन प्राप्त होता रहता है.
बाहरी आडंबर और वस्त्र की डिजाइन से गुरू की क्षमता का आभास करना गलत है.
एक सफ़ेद धोती कुर्ता पहना हुआ सामान्य सा दिखने वाला व्यक्ति भी साधनाओं के क्षेत्र का महामानव हो सकता है यह गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी से मिलकर मैने अनुभव किया.

भैरव साधना से शरभेश्वर साधना तक.......
कामकला काली से लेकर त्रिपुरसुंदरी तक .......
अघोर साधनाओं से लेकर तिब्बती साधना तक....
महाकाल से लेकर महासुदर्शन साधना तक सब कुछ अपने आप में समेटे हुए निखिल तत्व के जाज्वल्यमान पुंज स्वरूप...
गुरुदेव स्वामी सुदर्शननाथ जी
महाविद्या त्रिपुर सुंदरी के सिद्धहस्त साधक हैं.वर्तमान में बहुत कम महाविद्या सिद्ध साधक इतनी सहजता से साधकों के मार्गदर्शन के लिये उपलब्ध हैं.

आप चाहें तो उनसे संपर्क करके मार्गदर्शन ले सकते हैं :-

साधना सिद्धि विज्ञान
जास्मीन - 429
न्यू मिनाल रेजीडेंसी
जे. के. रोड , भोपाल [म.प्र.]
दूरभाष : (0755)
4269368,4283681,4221116

वेबसाइट:-

www.namobaglamaa.org


यूट्यूब चेनल :-

https://www.youtube.com/@MahavidhyaSadhakPariwar




सद्गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी : अवतरण दिवस 11 मार्च


 

11 जनवरी 2025

गुरु श्रंखला

 जगद्गुरु भगवान शिव







भगवान वेद व्यास


गौड पादाचार्य [शंकराचार्य जी के गुरु ]


जगद्गुरु आदि शंकराचार्य 



==========


ब्रह्मानंद सरस्वती



------------------------------------------------------------------
।                                                                                                 ।
           महेश योगी                                                                     करपात्री महाराज
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
                                           पूज्यपाद सद्गुरुदेव
                                                                               डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी
[परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी]
[1933-1998]



                                                 
                                              ।
                                              ।
                                               ।
-----------------------------------------------------------------------
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
गुरुमाता डॉ . साधना सिंह  जी                                                                       गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी
                                                                                                       
जानकारी स्त्रोत -  साधना सिद्धि विज्ञान जुलाई २००५ पेज ७०

28 नवंबर 2024

गुरु दीक्षा कैसे प्राप्त करें !



मैंने देवी देवताओं तथा उनकी मंत्र साधना से संबन्धित कई लेख प्रकाशित किए हैं । जिन्हे पढ़कर कई पाठकों और पाठिकाओं ने साधना की है या करने की इच्छा व्यक्त की है । मैंने जो विधियाँ प्रकाशित की हैं, वे सरल हैं और उन्हे किसी भी आयु का स्त्री या पुरुष जो सनातन धर्म मे आस्था रखता हो वह सम्पन्न कर सकता है ।  

साधना के मार्ग मे गुरु दीक्षा का बड़ा महत्व होता है । गुरु की देह को गुरु मानने की गलती हम सभी कर बैठते हैं । वास्तव में गुरु के अंदर जो भगवान शिव का ज्ञान या जो शिव तत्व होता है, वही वास्तविक गुरु होता है । तंत्र के अधिपति भगवान शिव सभी साधनाओं के मूल हैं और वही मंत्रों और साधनाओं को शक्ति और चैतन्यता प्रदान करते हैं । 

इसे मैं एक सरल उदाहरण से समझाऊं तो मान लीजिए कि आप अपने घर में एक ट्यूबलाइट जलाना चाहते हैं । इसके दो तरीके हो सकते हैं । पहला तो यह कि आप अपना खुद का बिजली पैदा करने का कोई यंत्र या जनरेटर बना ले और उससे ट्यूबलाइट को जोड़ दें तो ट्यूब लाइट जलने लगेगी । खुद से मंत्र जाप करना कुछ कुछ वैसा ही है । जैसे-जैसे आप जाप करते जाते हैं धीरे-धीरे आपके अंदर ऊर्जा बनने लगती है या आपका खुद का जनरेटर चालू होने लगता है । जब उसकी बिजली पर्याप्त हो जाती है, तब ट्यूब लाइट जलता है । 

दूसरा तरीका यह है कि जो बिजली की सप्लाई लाइन आपके इलाके में आई हुई है, उसके तार से अपने घर में एक कनेक्शन ले ले । उस कनेक्शन के माध्यम से ट्यूबलाइट को जोड़ दें, तब भी वह ट्यूबलाइट चल जाएगी । गुरु दीक्षा कुछ-कुछ वैसा ही कनेक्शन है, जो आपकी ट्यूबलाइट को जल्दी चालू कर सकता है । 

जब आप किसी गुरु से दीक्षा लेते हैं, जो कि स्वयं सिद्ध हो, तो उसकी जो गुरु परंपरा होती है, वह पीछे की ओर जाने पर भगवान शिव से जाकर मिलती है । यानी यह समझ लीजिए कि मेन पावर स्टेशन पर जाकर मिलती है, जहां से सभी साधनाओं का प्रारंभ होता है । जब यह लिंक दीक्षा के माध्यम से जुड़ती है तो आपके अंदर जो शिव तत्व है, जो आपके मस्तिष्क के दोनों हिस्सों के बीच में लगभग लिंग आकार स्वरूप में स्थित होता है, उसकी चैतन्यता बढ़ती है । उसी के माध्यम से मंत्रों की शक्ति जागृत होती है और आपको अपना अभीष्ट प्राप्त होता है ।

अब मन मे यह सवाल उठता है कि दीक्षा कैसे प्राप्त करें ? 

सबसे बढ़िया स्थिति तो यह है कि आप गुरु के पास जाकर दीक्षा प्राप्त करें !

उनके पास व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो और उनसे निवेदन करके अपनी इच्छित दीक्षा प्राप्त करें !!

इसके लिए आप भोपाल मध्य प्रदेश जा सकते हैं, और गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी से या गुरु माता डॉ.  साधना सिंह जी से दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं । 




कई बार परिस्थितियां ऐसी होती हैं, कि किसी कारणवश आप भोपाल जा पाने में असमर्थ हो !

ऐसी स्थिति में आप चाहे तो अपनी फोटो तथा निर्धारित न्योछावर भेज कर भी गुरु दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं । इसके विषय में अधिक जानकारी के लिए आप सुमन जी से संपर्क कर सकते हैं :-

सुश्री सुमन 

मोबाइल नंबर - 9307610360 


गुरु श्रंखला

 जगद्गुरु भगवान शिव







भगवान वेद व्यास


गौड पादाचार्य [शंकराचार्य जी के गुरु ]


जगद्गुरु आदि शंकराचार्य 



==========


ब्रह्मानंद सरस्वती



------------------------------------------------------------------
।                                                                                                 ।
           महेश योगी                                                                     करपात्री महाराज
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
                                           पूज्यपाद सद्गुरुदेव  
                                                                               डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी
[परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी]  
[1933-1998]                 



                                                 
                                              ।
                                              ।
                                               ।
-----------------------------------------------------------------------
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
।                                                                                                 ।
गुरुमाता डॉ . साधना सिंह  जी                                                                       गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी
                                                                                                       
जानकारी स्त्रोत -  साधना सिद्धि विज्ञान जुलाई २००५ पेज ७०

11 नवंबर 2024

दस महाविद्याये तथा उनकी साधना से होने वाले लाभ

  दस महाविद्याये तथा उनकी साधना से होने वाले लाभ 


मेरे सदगुरुदेव डा नारायण दत्त श्रीमाली जी ने दसों महाविद्याओं के सम्बन्ध में विस्तृत विवेचन किया है . उनके प्रवचन के ऑडियो/वीडियो आप इंटरनेट पर सर्च करके या यूट्यूब पर सुन सकते हैं . तथा विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं .  

जितना मैंने जाना है उसके आधार पर मुझे ऐसा लगता है कि सभी महाविद्याओं से आध्यात्मिक शक्ति की वृद्धि तथा सर्व मनोकामना की पूर्ती होती है . इसके अलावा जो विशेष प्रयोजन सिद्ध होते हैं उनका उल्लेख इस प्रकार से किया गया है .  

महाकाली - मानसिक प्रबलता /सर्वविध रक्षा / कुण्डलिनी जागरण /पौरुष 

तारा - आर्थिक उन्नति / कवित्व / वाक्शक्ति 

त्रिपुर सुंदरी - आर्थिक/यश / आकर्षण 

भुवनेश्वरी - आर्थिक/स्वास्थ्य/प्रेम 

छिन्नमस्ता - तन्त्रबाधा/शत्रुबाधा / सर्वविध रक्षा

त्रिपुर भैरवी - तंत्र बाधा / शत्रुबाधा / सर्वविध रक्षा

धूमावती - शत्रु बाधा / सर्वविध रक्षा 

बगलामुखी - शत्रु स्तम्भन / वाक् शक्ति / सर्वविध रक्षा

मातंगी - सौंदर्य / प्रेम /आकर्षण/काव्य/संगीत  

कमला - आर्थिक उन्नति 

सभी महाविद्याओं के शाबर मंत्र होते हैं , जिनका प्रयोग कोई भी कर सकता है . यदि आपके गुरु नहीं हैं तो भगवान शिव/महाकाली को गुरु मानकर आप इनका प्रयोग इस नवरात्रि में करें और लाभ उठायें . शाबर मंत्र सामान्य भाषा में होते हैं . उनको जैसा लिखा है वैसा ही पढ़ना चाहिए . उसमे व्याकरण सुधार करने के कोशिश न करें . ये मंत्र सिद्ध योगियों द्वारा उद्भूत हैं इसलिए जैसा उन्होंने रच दिया वैसा ही पढ़ने से ज्यादा लाभ होगा . 

शाबर मन्त्रों के जाप करते समय दीपक और अगरबत्ती या धुप जलाये रखना चाहिए . गुग्गुल की धुप या अगरबत्ती का प्रयोग बेहतर होगा . न हो तो कोई भी अगरबत्ती जला लें . 


महाविद्याओं की साधना उच्चकोटि की साधना है . आप अपनी रूचि के अनुसार किसी भी महाविद्या की साधना कर सकते हैं . महाविद्या साधना आपको जीवन में सब कुछ प्रदान करने में सक्षम है . यदि आप सात्विक पद्धति से गृहस्थ जीवन में रहते हुए ही , महाविद्या साधना सिद्धि करना चाहते हैं तो आप महाविद्या से सम्बंधित दीक्षा तथा मंत्र प्राप्त करने के लिए मेरे गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी से या गुरुमाता डा साधना सिंह जी से संपर्क कर सकते हैं .




विस्तृत जानकारी के लिए नीचे दिए गए वेबसाइट तथा यूट्यूब चैनल का अवलोकन कर सकते हैं . 

contact for details
वेबसाइट
namobaglamaa.org

यूट्यूब चैनल
https://youtube.com/c/MahavidhyaSadhakPariwar

गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी : एक प्रचंड तंत्र साधक

  गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी : एक प्रचंड तंत्र साधक



साधना का क्षेत्र अत्यंत दुरुह तथा जटिल होता है. इसी लिये मार्गदर्शक के रूप में गुरु की अनिवार्यता स्वीकार की गई है.
गुरु दीक्षा प्राप्त शिष्य को गुरु का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मार्गदर्शन प्राप्त होता रहता है.
बाहरी आडंबर और वस्त्र की डिजाइन से गुरू की क्षमता का आभास करना गलत है.
एक सफ़ेद धोती कुर्ता पहना हुआ सामान्य सा दिखने वाला व्यक्ति भी साधनाओं के क्षेत्र का महामानव हो सकता है यह गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी से मिलकर मैने अनुभव किया.

भैरव साधना से शरभेश्वर साधना तक.......
कामकला काली से लेकर त्रिपुरसुंदरी तक .......
अघोर साधनाओं से लेकर तिब्बती साधना तक....
महाकाल से लेकर महासुदर्शन साधना तक सब कुछ अपने आप में समेटे हुए निखिल तत्व के जाज्वल्यमान पुंज स्वरूप...
गुरुदेव स्वामी सुदर्शननाथ जी
महाविद्या त्रिपुर सुंदरी के सिद्धहस्त साधक हैं.वर्तमान में बहुत कम महाविद्या सिद्ध साधक इतनी सहजता से साधकों के मार्गदर्शन के लिये उपलब्ध हैं.

आप चाहें तो उनसे संपर्क करके मार्गदर्शन ले सकते हैं :-

साधना सिद्धि विज्ञान
जास्मीन - 429
न्यू मिनाल रेजीडेंसी
जे. के. रोड , भोपाल [म.प्र.]
दूरभाष : (0755)
4269368,4283681,4221116

वेबसाइट:-

www.namobaglamaa.org


यूट्यूब चेनल :-

https://www.youtube.com/@MahavidhyaSadhakPariwar




13 सितंबर 2024

गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी : एक प्रचंड तंत्र साधक

  गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी : एक प्रचंड तंत्र साधक



साधना का क्षेत्र अत्यंत दुरुह तथा जटिल होता है. इसी लिये मार्गदर्शक के रूप में गुरु की अनिवार्यता स्वीकार की गई है.
गुरु दीक्षा प्राप्त शिष्य को गुरु का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मार्गदर्शन प्राप्त होता रहता है.
बाहरी आडंबर और वस्त्र की डिजाइन से गुरू की क्षमता का आभास करना गलत है.
एक सफ़ेद धोती कुर्ता पहना हुआ सामान्य सा दिखने वाला व्यक्ति भी साधनाओं के क्षेत्र का महामानव हो सकता है यह गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी से मिलकर मैने अनुभव किया.

भैरव साधना से शरभेश्वर साधना तक.......
कामकला काली से लेकर त्रिपुरसुंदरी तक .......
अघोर साधनाओं से लेकर तिब्बती साधना तक....
महाकाल से लेकर महासुदर्शन साधना तक सब कुछ अपने आप में समेटे हुए निखिल तत्व के जाज्वल्यमान पुंज स्वरूप...
गुरुदेव स्वामी सुदर्शननाथ जी
महाविद्या त्रिपुर सुंदरी के सिद्धहस्त साधक हैं.वर्तमान में बहुत कम महाविद्या सिद्ध साधक इतनी सहजता से साधकों के मार्गदर्शन के लिये उपलब्ध हैं.

आप चाहें तो उनसे संपर्क करके मार्गदर्शन ले सकते हैं :-

साधना सिद्धि विज्ञान
जास्मीन - 429
न्यू मिनाल रेजीडेंसी
जे. के. रोड , भोपाल [म.प्र.]
दूरभाष : (0755)
4269368,4283681,4221116

वेबसाइट:-

www.namobaglamaa.org


यूट्यूब चेनल :-

https://www.youtube.com/@MahavidhyaSadhakPariwar




16 जुलाई 2024

गुरु पूर्णिमा पर तांत्रोक्त गुरु पूजन

  गुरु पूर्णिमा पर तांत्रोक्त गुरु पूजन


गुरु पूर्णिमा के अवसर पर तंत्रोक्त गुरु पूजन की विधि प्रस्तुत है ।





जिसके माध्यम से आप अपने सदगुरुदेव का पूजन कर सकते हैं क्योंकि मेरे गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी ( डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी ) हैं इसलिए गुरुदेव जी के स्थान पर में उनका नाम ले रहा हूं आप अपने गुरु का नाम उनकी जगह पर ले सकते हैं ।


इस पूजन के लिए स्नानादि करके, पीले या सफ़ेद आसन पर पूर्वाभिमुखी होकर बैठें । लकड़ी की चौकी या बाजोट पर पीला कपड़ा बिछा कर उसपर पंचामृत या जल से स्नान कराके गुरु चित्र यंत्र या शिवलिंग जो भी आपके पास उपलब्ध हो उसे रख लें । अब पूजन प्रारंभ करें।



पवित्रीकरण

किसी भी कार्य को करने के पहले हम अपने आप को साफ सुथरा करते हैं ठीक वैसे ही पूजन करने से पहले भी अपने आप को पवित्र किया जाता है इसे पवित्रीकरण कहते हैं इसमें अपने ऊपर बायें हाथ में जल लेकर दायें हाथ की उंगलियों से छिड़कें या फूल या चम्मच जो भी आप इस्तेमाल करना चाहते हो उसके द्वारा अपने ऊपर थोड़ा सा जल छिड़क लें ।


ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा ।

यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः ।।


आचमन

आंतरिक शुद्धि के लिए निम्न मंत्रों को पढ़ आचमनी से तीन बार जल पियें -


ॐ आत्म तत्त्वं शोधयामि स्वाहा ।

ॐ ज्ञान तत्त्वं शोधयामि स्वाहा ।

ॐ विद्या तत्त्वं शोधयामि स्वाहा ।


सूर्य पूजन

भगवान सूर्य इस सृष्टि के संचालन करता है और उन्हीं के माध्यम से हम सभी का जीवन गतिशील होता है इसलिए उनकी पूजा अनिवार्य है ।

कुंकुम और पुष्प से सूर्य पूजन करें -


ॐ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च ।

हिरण्येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।

ॐ पश्येन शरदः शतं श्रृणुयाम शरदः शतं प्रब्रवाम शरदः शतं ।जीवेम शरदः शतमदीनाः स्याम शरदः शतं भूयश्च शरदः शतात ।।



ध्यान

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर: ।

गुरु: साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नम: ॥

ध्यान मूलं गुरु: मूर्ति पूजा मूलं गुरो पदं ।

मंत्र मूलं गुरुर्वाक्य मोक्ष मूलं गुरुकृपा ॥


आवाहन


ॐ स्वरुप निरूपण हेतवे श्री निखिलेश्वरानन्दाय गुरुवे नमः आवाहयामि स्थापयामि ।

ॐ स्वच्छ प्रकाश विमर्श हेतवे श्री सच्चिदानंद परम गुरुवे नमः आवाहयामि स्थापयामि ।

ॐ स्वात्माराम पिंजर विलीन तेजसे श्री ब्रह्मणे पारमेष्ठि गुरुवे नमः आवाहयामि स्थापयामि ।


षट चक्र स्थापन --


गुरुदेव को अपने षट्चक्रों में स्थापित करें -


श्री शिवानन्दनाथ पराशक्त्यम्बा मूलाधार चक्रे स्थापयामि नमः ।

श्री सदाशिवानन्दनाथ चिच्छक्त्यम्बा स्वाधिष्ठान चक्रे स्थापयामि नमः ।

श्री ईश्वरानन्दनाथ आनंद शक्त्यम्बा मणिपुर चक्रे स्थापयामि नमः ।

श्री रुद्रदेवानन्दनाथ इच्छा शक्त्यम्बा अनाहत चक्रे स्थापयामि नमः ।

श्री विष्णुदेवानन्दनाथ ज्ञान शक्त्यम्बा विशुद्ध चक्रे स्थापयामि नमः ।

श्री ब्रह्मदेवानन्दनाथ क्रिया शक्त्यम्बा सहस्त्रार चक्रे स्थापयामि नमः ।



गुरु चरणों मे समर्पित करें 


ॐ श्री उन्मनाकाशानन्दनाथ – जलं समर्पयामि ।

ॐ श्री समनाकाशानन्दनाथ – गंगाजल स्नानं समर्पयामि ।

ॐ श्री व्यापकानन्दनाथ – सिद्धयोगा जलं समर्पयामि ।

ॐ श्री शक्त्याकाशानन्दनाथ – चन्दनं समर्पयामि ।

ॐ श्री ध्वन्याकाशानन्दनाथ – कुंकुमं समर्पयामि ।

ॐ श्री ध्वनिमात्रकाशानन्दनाथ – केशरं समर्पयामि ।

ॐ श्री अनाहताकाशानन्दनाथ – अष्टगंधं समर्पयामि ।

ॐ श्री विन्द्वाकाशानन्दनाथ – अक्षतं समर्पयामि ।

ॐ श्री द्वन्द्वाकाशानन्दनाथ – सर्वोपचारम समर्पयामि ।


दीपम

सिद्ध शक्तियों को दीप दिखाएँ


श्री महादर्पनाम्बा सिद्ध ज्योतिं समर्पयामि ।

श्री सुन्दर्यम्बा सिद्ध प्रकाशम् समर्पयामि ।

श्री करालाम्बिका सिद्ध दीपं समर्पयामि ।

श्री त्रिबाणाम्बा सिद्ध ज्ञान दीपं समर्पयामि ।

श्री भीमाम्बा सिद्ध ह्रदय दीपं समर्पयामि ।

श्री कराल्याम्बा सिद्ध सिद्ध दीपं समर्पयामि ।

श्री खराननाम्बा सिद्ध तिमिरनाश दीपं समर्पयामि ।

श्री विधीशालीनाम्बा पूर्ण दीपं समर्पयामि ।



नीराजन --

पात्र में जल, कुंकुम, अक्षत और पुष्प लेकर गुरु चरणों मे समर्पित करें -


श्री सोममण्डल नीराजनं समर्पयामि ।

श्री सूर्यमण्डल नीराजनं समर्पयामि ।

श्री अग्निमण्डल नीराजनं समर्पयामि ।

श्री ज्ञानमण्डल नीराजनं समर्पयामि ।

श्री ब्रह्ममण्डल नीराजनं समर्पयामि ।


पञ्च पंचिका


अपने दोनों हाथों में पुष्प लेकर , दोनों हाथों को भिक्षापात्र के समान जोड़कर, निम्न पञ्च पंचिकाओं का उच्चारण करते हुए इन दिव्य महाविद्याओं की प्राप्ति हेतु गुरुदेव से निवेदन करें -


श्री विद्या लक्ष्म्यम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री एकाकार लक्ष्मी लक्ष्म्यम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री महालक्ष्मी लक्ष्म्यम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री त्रिशक्तिलक्ष्मी लक्ष्म्यम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री सर्वसाम्राज्यलक्ष्मी लक्ष्म्यम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।


श्री विद्या कोशाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री परज्योति कोशाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री परिनिष्कल शाम्भवी कोशाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री अजपा कोशाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री मातृका कोशाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।


श्री विद्या कल्पलताम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री त्वरिता कल्पलताम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री पारिजातेश्वरी कल्पलताम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री त्रिपुटा कल्पलताम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री पञ्च बाणेश्वरी कल्पलताम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।


श्री विद्या कामदुघाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री अमृत पीठेश्वरी कामदुघाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री सुधांशु कामदुघाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री अमृतेश्वरी कामदुघाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री अन्नपूर्णा कामदुघाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।


श्री विद्या रत्नाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री सिद्धलक्ष्मी रत्नाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री मातंगेश्वरी रत्नाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री भुवनेश्वरी रत्नाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।

श्री वाराही रत्नाम्बा प्राप्तिम् प्रार्थयामि ।



श्री मन्मालिनी मंत्र


अंत में तीन बार श्री मन्मालिनी का उच्चारण करना चाहिए जिससे गुरुदेव की शक्ति, तेज और सम्पूर्ण साधनाओं की प्राप्ति हो सके । इसके द्वारा सभी अक्षरों अर्थात स्वर व्यंजनों का पूजन हो जाता है जिससे मंत्र बनते हैं :-


ॐ अं आं इं ईं उं ऊं ऋं ॠं लृं ल्रृं एं ऐँ ओं औं अं अः ।

कं खं गं घं ङं ।

चं छं जं झं ञं ।

टं ठं डं ढं णं ।

तं थं दं धं नं ।

पं फं बं भं मं ।

यं रं लं वं शं षं सं हं क्षं हंसः सोऽहं गुरुदेवाय नमः ।


गुरु मंत्र जाप


इसके बाद गुरु मंत्र का यथा शक्ति जाप करें ।

यदि आपके पास कोई गुरु मंत्र हो तो उसका जाप करें ना हो तो निम्नलिखित मंत्र का जाप करें

ॐ गुरुभ्यो नमः ।।


प्रार्थना --

लोकवीरं महापूज्यं सर्वरक्षाकरं विभुम् ।

शिष्य हृदयानन्दं शास्तारं प्रणमाम्यहं ।।


त्रिपूज्यं विश्व वन्द्यं च विष्णुशम्भो प्रियं सुतं ।

क्षिप्र प्रसाद निरतं शास्तारं प्रणमाम्यहं ।।


मत्त मातंग गमनं कारुण्यामृत पूजितं ।

सर्व विघ्न हरं देवं शास्तारं प्रणमाम्यहं ।।


अस्मत् कुलेश्वरं देवं सर्व सौभाग्यदायकं ।

अस्मादिष्ट प्रदातारं शास्तारं प्रणमाम्यहं ।।


यस्य धन्वन्तरिर्माता पिता रुद्रोऽभिषक् तमः ।

तं शास्तारमहं वंदे महावैद्यं दयानिधिं ।।



समर्पण --

सम्पूर्ण पूजन गुरु के चरणों मे समर्पित करें :-


देवनाथ गुरौ स्वामिन देशिक स्वात्म नायक: ।

त्राहि त्राहि कृपा सिंधों , पूजा पूर्णताम कुरु ....


अनया पूजया श्री गुरु प्रीयंताम तदसद श्री सद्गुरु चरणार्पणमस्तु ॥


इतना कहकर गुरु चरणों मे जल छोड़ें ।


शांति


तीन बार जल छिडके...


ॐ शान्तिः । शान्तिः ।। शान्तिः ।।।


-----------------------------------------------------------------------------------------------



आप इसका उच्चारण आडिओ मे यहाँ सुन सकते हैं


spotify link


https://open.spotify.com/show/00vXvHwYrtTbjnjSzyOt3V



anchor link


https://anchor.fm/u0938u0928u093eu0924u0928-u0938u0942u0924u094du0930



radiopublic link


https://radiopublic.com/-WlZq04



google podcast link


https://podcasts.google.com/?feed=aHR0cHM6Ly9hbmNob3IuZm0vcy8yNmNiMjA1Yy9wb2RjYXN0L3Jzcw%3D%3D




breaker link


https://www.breaker.audio/mntr-rhsy

15 जुलाई 2024

गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी : एक प्रचंड तंत्र साधक

  गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी : एक प्रचंड तंत्र साधक



साधना का क्षेत्र अत्यंत दुरुह तथा जटिल होता है. इसी लिये मार्गदर्शक के रूप में गुरु की अनिवार्यता स्वीकार की गई है.
गुरु दीक्षा प्राप्त शिष्य को गुरु का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मार्गदर्शन प्राप्त होता रहता है.
बाहरी आडंबर और वस्त्र की डिजाइन से गुरू की क्षमता का आभास करना गलत है.
एक सफ़ेद धोती कुर्ता पहना हुआ सामान्य सा दिखने वाला व्यक्ति भी साधनाओं के क्षेत्र का महामानव हो सकता है यह गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी से मिलकर मैने अनुभव किया.

भैरव साधना से शरभेश्वर साधना तक.......
कामकला काली से लेकर त्रिपुरसुंदरी तक .......
अघोर साधनाओं से लेकर तिब्बती साधना तक....
महाकाल से लेकर महासुदर्शन साधना तक सब कुछ अपने आप में समेटे हुए निखिल तत्व के जाज्वल्यमान पुंज स्वरूप...
गुरुदेव स्वामी सुदर्शननाथ जी
महाविद्या त्रिपुर सुंदरी के सिद्धहस्त साधक हैं.वर्तमान में बहुत कम महाविद्या सिद्ध साधक इतनी सहजता से साधकों के मार्गदर्शन के लिये उपलब्ध हैं.

आप चाहें तो उनसे संपर्क करके मार्गदर्शन ले सकते हैं :-

साधना सिद्धि विज्ञान
जास्मीन - 429
न्यू मिनाल रेजीडेंसी
जे. के. रोड , भोपाल [म.प्र.]
दूरभाष : (0755)
4269368,4283681,4221116

वेबसाइट:-

www.namobaglamaa.org


यूट्यूब चेनल :-

https://www.youtube.com/@MahavidhyaSadhakPariwar




4 जुलाई 2024

गुरुपूर्णिमा पर ऑनलाइन शिविर मे भाग लें : विशेष कार्य सिद्धि दीक्षा प्राप्त करें



जीवन में अत्याधिक महत्वपूर्ण दीक्षा कार्यसिद्धि दीक्षा

नोट:
गुरु पूर्णिमा शिविर गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी और गुरुमाता डा साधना सिंह जी के सानिध्य मे सम्पन्न होगा । 



जो भी साधक शिविर में सम्मिलित होना चाहते हैं, वे कृपया नीचे दिये गये नम्बरों में से किसी भी नम्बर पर सम्पर्क कर सकतें है। 👇

🟡रजनीश आचार्य (छिंदवाड़ा):9425146518, 8770365137
🔴 प्रशांत पांड़े (दिल्ली) 8800458271
🟠 देवेन्द्र उइके (नागपुर): 9096078410 
🟡मनोहर सरजाल (छत्तीसगढ़)+91 90091 60861
🟡सचिन किसवे (लातूर)+91 93257 77190
🟠 सुभाष शर्मा (उदयपुर) 9929140845
🟡प्रेमजीत सिंह (पटना)+91 87574 02620
🟡विनयशर्मा(गुना)9685224686
🔴कपिल वास्पत (इंदौर) 9179050735
🔵रणजीत अन्कुलगे (उदगीर) 9923440540
🟡विनय शर्मा ( अयोध्या)09235712271
🟢करुणेश कर्ण (पटना)+91 98522 84595
🟣विजय गंगवार (गोंदिया) 8007682508, 9404592022
🟠 कार्यालय भोपाल +917554269368



13 मार्च 2024

गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी

 




अघोरेश्वरम महासिद्ध रूपं,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव ।

अघोर शक्तियों के स्वामी, साक्षात अघोरेश्वर शिव स्वरूप , सिद्धों के भी सिद्ध मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत, प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.

 

प्रचंडातिचंडम शिवानंद कंदम,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव । 

प्रचंडता की साक्षात मूर्ति, शिवत्व के जाज्वल्यमान स्वरूप   मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत और प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.

 

सुदर्शनोत्वम परिपूर्णरूपम,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव ।

सौन्दर्य की पूर्णता को साकार करने वाले साक्षात कामेश्वर, पूर्णत्व युक्त, शिव के प्रतीक, मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत और प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.

ब्रह्मांड रूपम, गूढ़ातिगूढ़म,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव ।

जो स्वयं अपने अंदर संपूर्ण ब्रह्मांड को समेटे हुए हैं, जो अहं ब्रह्मास्मि के नाद से गुन्जरित हैं, जो गूढ से भी गूढ अर्थात गोपनीय से भी गोपनीय विद्याओं के ज्ञाता हैं ऐसे मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत और प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.

 

योगेश्वरोत्वम, कृष्ण स्वरूपम,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव ।

 

जो योग के सभी अंगों के सिद्धहस्त आचार्य हैं, जिनका शरीर योग के जटिलतम आसनों को भी सहजता से करने में सिद्ध है, जो योग मुद्राओं के विद्वान हैं, जो साक्षात कृष्ण के समान प्रेममय, योगमय, आह्लादमय, सहज व्यक्तित्व के स्वामी हैं  ऐसे मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत और प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.

 

महाकाल तत्वम, घोरतिघोरम,

निखिल प्राणरूपम प्रणम्यम सदैव ।

काल भी जिससे घबराता है, ऐसे महाकाल और महाकाली युगल के उपासक, साक्षात महाकाल स्वरूप, अघोरत्व के जाज्वल्यमान स्वरूप, महाकाली के महासिद्ध साधक मेरे पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जो प्रातः स्मरणीय  परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी के अंशीभूत और प्राण स्वरूप हैं, उनके चरणों में मै साष्टांग प्रणाम करता हूं.