- रात्री काल मे जाप करें । ग्रहण काल मे जाप करने से विशेष लाभदायक है ।
- अपनी क्षमतानुसार 1,11,21,51,108 बार ।
- व्यापार और आर्थिक समृद्धि के लिए लाभदायक ।
- जप काल मे किसी स्त्री का अपमान न करें ।
सूर्यग्रहण विशेष - तारा शाबर मंत्र
ॐ आदि योग अनादि माया । 
जहाँ पर ब्रह्माण्ड उत्पन्न भया ।
ब्रह्माण्ड समाया । 
आकाश मण्डल । 
तारा त्रिकुटा तोतला माता तीनों बसै । 
ब्रह्म कापलि, जहाँ पर ब्रह्मा विष्णु महेश उत्पत्ति, सूरज मुख तपे । 
चंद मुख अमिरस पीवे, 
अग्नि मुख जले, 
आद कुंवारी हाथ खण्डाग गल मुण्ड माल, 
मुर्दा मार ऊपर खड़ी देवी तारा । 
नीली काया पीली जटा, 
काली दन्त में जिह्वा दबाया । 
घोर तारा अघोर तारा, 
दूध पूत का भण्डार भरा । 
पंच मुख करे हा हा ऽऽकारा, 
डाकिनी शाकिनी भूत पलिता 
सौ सौ कोस दूर भगाया । 
चण्डी तारा फिरे ब्रह्माण्डी 
तुम तो हों तीन लोक की जननी ।
तारा मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं स्त्रीं हूँ फट्
विधि :-


 
 









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