॥ ॐ पंचमुखाय महारौद्राय कपिराजाय नमः ॥
ब्रह्मचर्य का पालन किया जाना चाहिये.
साधना का समय रात्रि ९ से सुबह ६ बजे तक.
साधना कक्ष में हो सके तो किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश न दें.
जाप संख्या ११,००० होगी.
प्रतिदिन चना,गुड,बेसन लड्डू,बूंदी में से किसी एक वस्तु का भोग लगायें.
हवन ११०० मन्त्र का होगा, इसमें जाप किये जाने वाले मन्त्र के अन्त में स्वाहा लगाकर सामग्री अग्नि में डालना होता है.
हवन सामग्री में गुड का चूरा मिला लें.
वस्त्र तथा आसन लाल रंग का होगा.
रुद्राक्ष की माला से जाप होगा.
साधना का समय रात्रि ९ से सुबह ६ बजे तक.
साधना कक्ष में हो सके तो किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश न दें.
जाप संख्या ११,००० होगी.
प्रतिदिन चना,गुड,बेसन लड्डू,बूंदी में से किसी एक वस्तु का भोग लगायें.
हवन ११०० मन्त्र का होगा, इसमें जाप किये जाने वाले मन्त्र के अन्त में स्वाहा लगाकर सामग्री अग्नि में डालना होता है.
हवन सामग्री में गुड का चूरा मिला लें.
वस्त्र तथा आसन लाल रंग का होगा.
रुद्राक्ष की माला से जाप होगा.