7 अक्तूबर 2015

तारा तान्त्रोक्त मन्त्रम



  • तारा काली कुल की महविद्या है । 

  • तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है । 

  • यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुन्चा देती है।

  • गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।

  • साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है । 

  • ज्येष्ठ मास तारा साधना का सबसे उपयुक्त समय है ।









तारा मंत्रम

 ॥ ऐं ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ॥






  1. मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
  2. यह रात्रिकालीन साधना है. 
  3. गुरुवार से प्रारंभ करें. 
  4. गुलाबी वस्त्र/आसन/कमरा रहेगा.
  5. उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए जाप करें.
  6. यथासंभव एकांत वास करें.
  7. सवा लाख जाप का पुरश्चरण है. 
  8. ब्रह्मचर्य/सात्विक आचार व्यव्हार रखें.
  9. किसी स्त्री का अपमान ना करें.
  10. क्रोध और बकवास ना करें.
  11. साधना को गोपनीय रखें.


प्रतिदिन तारा त्रैलोक्य विजय कवच का एक पाठ अवश्य करें. यह आपको निम्नलिखित ग्रंथों से प्राप्त हो जायेगा.

तारा स्तव मंजरी
साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका             

6 अक्तूबर 2015

तंत्र बाधा निवारक : छिन्नमस्ता साधना








॥ श्रीं ह्रीं क्लीं ऎं व ज्र वै रो च नी यै हुं हुं फ़ट स्वाहा ॥ 



नोट:- यह साधना गुरुदीक्षा लेकर गुरु अनुमति से ही करें....



  • यह साधना एक प्रचंड साधना है.
  • इस साधना में मार्गदर्शक गुरु का होना जरूरी है.
  • दीक्षा लेने के बाद ही इस साधना को करें.
  • कमजोर मानसिक स्थिति वाले बच्चे तथा महिलायें इसे ना करें क्योंकि इस साधना के दौरान डरावने अनुभव हो सकते हैं.
  • प्रबल से प्रबल तंत्र बाधा की यह अचूक काट है.
  • हर प्रकार के तांत्रिक प्रयोग को, प्रयोग करने वाले सहित ध्वस्त करने में इस साधना का कोई जवाब नहीं है.

भुवनेश्वरी साधना





॥ ह्रीं ॥
  • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
  • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.

25 सितंबर 2015

बगलामुखी साधना




॥ॐ ह्लीं ॐ॥


इसमन्त्र का रात्रि 9 से 4 के बीच जाप करें।
हल्दी. पीली हकीक या रुद्राक्ष माला से जाप करें।
125000 जाप का एक पुरश्चरण होगा
ब्रह्मचर्य , सात्विक आचार,विचार,व्यवहार करें।
पीला आसन वस्त्र तथा दिशा उत्तर ।

24 सितंबर 2015

धूमावती मंत्रम




॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥

  • सर्व बाधा निवारण हेतु.

  • मंगल या शनिवार से प्रारंभ करें.

  •  ब्रह्मचर्य का पालन करें. 

  • सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें. 

  • यथा संभव मौन रहें. 

  • अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें. 

  • सफ़ेद वस्त्र पहनकर सफ़ेद आसन पर बैठ कर  जाप करें.  

  • यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें. 

  • बेसन के पकौडे का भोग लगायें. 

  • जाप के बाद भोग को निर्जन स्थान पर छोड कर वापस मुडकर देखे बिना लौट जायें.

  • ११००० जाप करें. ११०० मंत्रों से हवन करें.मंत्र के आखिर में स्वाहा लगाकर हवन सामग्री को आग में छोडें. हवन की भस्म को प्रभावित स्थल या घर पर छिडक दें. शेष भस्म को नदी में प्रवाहित करें.

  •  
  • जाप पूरा हो जाने पर किसी गरीब विधवा स्त्री को भोजन तथा सफ़ेद साडी दान में दें.

17 सितंबर 2015

गणपति मन्त्रम - ३

॥ ऊं विघ्नेश्वराय नमः ॥

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जीवन की समस्त प्रकार की बाधाओं के निवारण के लिये