25 सितंबर 2016

दुर्गा मनोकामना मन्त्र





॥ ॐ क्लीं दुर्गायै नमः ॥


  • यह काम बीज से संगुफ़ित दुर्गा मन्त्र है.
  • यह सर्वकार्यों में लाभदायक है.
  • जाप प्रारंभ होने से पूर्व हाथ में जल लेकर अपनी इच्छा व्यक्त करे और पानी जमीन पर छोड़ दें.
  • इसका जाप आप नवरत्रि में चलते फ़िरते भी कर सकते हैं.
  • अनुष्ठान के रूप में २१००० जाप करें.
  • २१०० मंत्रों से हवन नवमी को करें.
  • विशेष लाभ के लिये विजयादशमी को हवन करें.

24 सितंबर 2016

नवार्ण मन्त्र








॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै ॥


ऐं = सरस्वती का बीज मन्त्र है ।

ह्रीं = महालक्ष्मी का बीज मन्त्र है ।

क्लीं = महाकाली का बीज मन्त्र है ।
नवरात्री में नवार्ण मन्त्र का जाप इन तीनों देवियों की कृपा प्रदान करता है ।

23 सितंबर 2016

महाकाली रोगनाशक मंत्रम



॥ ॐ ह्रीं क्रीं मे स्वाहा ॥

  • यह सर्वविध रोगों के प्रशमन में सहायक होता है.
  • इसका प्रभाव भी महामृत्युंजय मंत्र के सामान प्रचंड है .
  • यथा शक्ति जाप करें.

22 सितंबर 2016

भुवनेश्वरी महाविद्या















॥ ह्रीं ॥




  • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं

  • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.
  • प्रातः काल ४ से ६ बजे तक जाप करें.
  • सफ़ेद वस्त्र और आसन होगा.
  • दिशा उत्तर या पूर्व .
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  • आचार विचार व्यवहार सात्विक रखें.
  • 21 सितंबर 2016

    तारा महाविद्या साधना




    1.  तारा काली कुल की महविद्या है ।
    2. तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
    3. यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुन्चा देती है।
    4. गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
    5. साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है ।

    तारा मंत्रम
     ॥ ऐं ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ॥
    • मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के
    • बीच करना चाहिये.
    • यह रात्रिकालीन साधना है.
    • गुरुवार से प्रारंभ करें.
    • गुलाबी वस्त्र/आसन/कमरा रहेगा.
    • उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए जाप करें.
    • यथासंभव एकांत वास करें.
    • सवा लाख जाप का पुरश्चरण है.
    • ब्रह्मचर्य/सात्विक आचार व्यव्हार रखें.
    • किसी स्त्री का अपमान ना करें.
    • क्रोध और बकवास ना करें.
    • साधना को गोपनीय रखें.
    • प्रतिदिन तारा त्रैलोक्य विजय कवच का एक पाठ अवश्य करें. यह आपको निम्नलिखित ग्रंथों से प्राप्त हो जायेगा.

    साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका      
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