2 अक्तूबर 2013

मातंगी महाविद्या साधना



॥ ह्रीं क्लीं हुं मातंग्यै फ़ट स्वाहा ॥


  • मातंगी साधना संपूर्ण गृहस्थ सुख प्रदान करती है.
  • यह साधना जीवन में रस प्रदान करती है.

  1. गुलाबी या लाल वस्त्र तथा आसन होगा.
  2. उत्तर दिशा की ओर देखते हुए मंत्र जाप करेंगे.
  3. रात्रि 9 से सुबह ४ बजे के बीच मंत्र जाप होगा.
  4. कम से कम ११ माला जाप करें.
  5. रुद्राक्ष माला से जाप करें.जाप के बाद माला गले में धारण कर लें.

काली साधना : ककारादि सहस्रनाम



महाकाली का प्रिय स्तोत्र है "ककारादि सह्स्रनाम"


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महाविद्या तारा

  • तारा काली कुल की महविद्या है । 

  • तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है । 

  • यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुन्चा देती है।

  • गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।

  • साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है । 










तारा बीजयुक्त गायत्री मंत्रम

 ॥ ह्रीं स्त्रीं हूँ फट एकजटे विद्महे ह्रीं स्त्रीं हूँ परे नीले विकट दंष्ट्रे ह्रीं धीमहि ॐ ह्रीं स्त्रीं हूँ फट एं सः स्त्रीं तन्नस्तारे प्रचोदयात  ॥






  1. मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
  2. यह रात्रिकालीन साधना है. 
  3. गुरुवार से प्रारंभ करें. 
  4. गुलाबी वस्त्र/आसन/कमरा रहेगा.
  5. उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए जाप करें.
  6. यथासंभव एकांत वास करें.
  7. सवा लाख जाप का पुरश्चरण है. 
  8. ब्रह्मचर्य/सात्विक आचार व्यव्हार रखें.
  9. किसी स्त्री का अपमान ना करें.
  10. क्रोध और बकवास ना करें.
  11. साधना को गोपनीय रखें.


प्रतिदिन तारा त्रैलोक्य विजय कवच का एक पाठ अवश्य करें. यह आपको निम्नलिखित ग्रंथों से प्राप्त हो जायेगा.

तारा स्तव मंजरी

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साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका       

     

30 सितंबर 2013

नवरात्रि साधना : सामान्य जानकारियां


  • साधना के अनुसार दिए गए रंग के वस्त्र तथा आसन का प्रयोग करें.
  • साधना कक्ष एकांत होना चाहिए.
  • ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है,
  • साधनाकाल में प्रत्येक स्त्री को मातृवत मानकर सम्मान दें 
  • रुद्राक्ष की माला से जाप कर सकते हैं.
  • उत्तर दिशा की ओर देखते हुए जाप करें.
  • पहले दिन जाप से पहले हाथ में पानी लेकर कहे की " मै [अपना नाम लें ] अपनी [इच्छा बोले] की पूर्ति के लिए यह जाप कर रहा हूँ, आप कृपा कर यह इच्छा पूर्ण करें " 
  • पहले गुरु मंत्र की एक माला जाप करें फिर साधना मंत्र का जाप करें.
  • अंत में पुनः गुरु मंत्र की एक माला जाप करें.
  • नौ दिन में कम से कम २१ हजार मन्त्र जाप करें. ज्यादा कर सकें तो ज्यादा बेहतर है.
  • अपने सामने माला या अंगूठी [जो आप हमेशा पहनते हैं ] को रख कर मन्त्र जप करेंगे तो वह मंत्रसिद्ध हो जायेगा और भविष्य मे रक्षाकवच जैसा कार्य करेगा.
साधना करने से पहले किसी तांत्रिक गुरु से दीक्षा ले लेना श्रेष्ट होता है.