30 नवंबर 2013

साम्ब सदाशिवाय नमः









||  ऊं रुद्राय पशुपतये साम्ब सदाशिवाय नमः ||










  • शिवलिन्ग के सामने १०८ बार बेल पत्र चढाते हुए जाप करें ।




  • अपने जीवन मे पशुवृत्तियों से उठ कर देवत्व प्राप्ति के लिये सहयोगी साधना ।
  • इस मंत्र में जगदम्बा सहित शिव समाहित हैं.
  • देखने में सरल मगर अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है.





  • 25 नवंबर 2013

    काल भैरव साधना





    काल भैरव साधना निम्नलिखित परिस्थितियों में लाभकारी है :-
    • शत्रु बाधा.
    • तंत्र बाधा.
    • इतर योनी से कष्ट.
    • उग्र साधना में रक्षा हेतु.




    काल भैरव मंत्र :-

    || ॐ भ्रं काल भैरवाय फट ||

    विधि :-
    1. रात्रि कालीन साधना है.
    2. रात्रि 9 से 4 के बीच करें.
    3. काला आसन और वस्त्र रहेगा.
    4. रुद्राक्ष या काली हकिक माला से जाप करें.
    5. १०००,५०००,११०००,२१००० जितना आप कर सकते हैं उतना जाप करें.
    6. जाप के बाद १० वा हिस्सा यानि ११००० जाप करेंगे तो ११०० बार मंत्र में स्वाहा लगाकर हवन  कर लें.
    7. हवन सामान्य हवन सामग्री से भी कर सकते हैं.
    8. कलि मिर्च , तिल का प्रयोग भी कर सकते हैं.
    9. अंत में एक कुत्ते को भोजन करा दें. काला कुत्ता हो तो बेहतर.


    24 नवंबर 2013

    गुरु साधना



    • गुरु, साधना जगत का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है.
    • गुरु, जब साधक को दीक्षा देता है तो उसका दूसरा जन्म होता है, तब वह द्विज कहलाता है.
    • जिस रास्ते पर चलकर गुरु ने सफ़लता प्राप्त की उस मार्ग से शिष्य को मातृवत उंगली पकड कर चलना सिखाता है,  तब जाकर साधक दैवीय साक्षात्कार का पात्र बनता है.
    • ना गुरोरधिकम....ना गुरोरधिकम...ना गुरोरधिकम...


    गुरु मंत्रम:-

    ॥ ॐ गुं गुरुभ्यो नमः ॥


    • सफ़ेद वस्त्र तथा आसन पहनकर जाप करें.
    • रुद्राक्ष या स्फ़टिक की माला श्रेष्ठ है.
    • माला न हो तो ऐसे भी जाप कर सकते हैं.
    • सवा लाख मंत्र जाप करें. आपको गुरु की प्राप्ति होगी.

    यदि आप इच्छुक हों तो मेरे गुरु स्वामी सुदर्शननाथ जी से भी निःशुल्क दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं.

    नटराज मंत्रम

    यह मंत्र उनके लिए है जो .....
    जीवन को एक उत्सव मानते हैं ....
    उल्लास जिनकी जीवन शैली है ....
    मुस्कान जिनके होंठों का श्रृंगार है.....
    सहजता जिनकी प्रवृत्ति है ..................
    ....................यह शिवत्व की यात्रा है...........


    ॥ क्रीं आनंद ताण्डवाय नमः ॥

    आनंद और उल्लास के साथ नृत्य के साथ इस मन्त्र का जाप करें.....

    और फ़िर कहीं कुछ होगा, ऐसा जो अद्भुत होगा 
    बाकी शिव इच्छा.......