24 नवंबर 2013

गुरु साधना



  • गुरु, साधना जगत का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है.
  • गुरु, जब साधक को दीक्षा देता है तो उसका दूसरा जन्म होता है, तब वह द्विज कहलाता है.
  • जिस रास्ते पर चलकर गुरु ने सफ़लता प्राप्त की उस मार्ग से शिष्य को मातृवत उंगली पकड कर चलना सिखाता है,  तब जाकर साधक दैवीय साक्षात्कार का पात्र बनता है.
  • ना गुरोरधिकम....ना गुरोरधिकम...ना गुरोरधिकम...


गुरु मंत्रम:-

॥ ॐ गुं गुरुभ्यो नमः ॥


  • सफ़ेद वस्त्र तथा आसन पहनकर जाप करें.
  • रुद्राक्ष या स्फ़टिक की माला श्रेष्ठ है.
  • माला न हो तो ऐसे भी जाप कर सकते हैं.
  • सवा लाख मंत्र जाप करें. आपको गुरु की प्राप्ति होगी.

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