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23 मई 2021

चंद्रग्रहण : पति से संबंध अनुकूल बनाने का मंत्र

 यदि आपका पति आपसे विरक्त हो गया हो लगातार झगड़ा होता रहता हो  बेवजह दूरियां बन गई हो तो इस साधना से अनुकूलता मिलेगी |


विधि :-
कामिया सिन्दूर मिल जाये तो उसे सामने रख लें.
ना मिले तो जिस कुमकुम से आप बिंदी लगाती हैं वह ...... या फिर स्टिकर बिंदी का प्रयोग करती हैं तो स्टीकर बिंदी के पैकेट को अपने सामने लाल कपड़े में रख लेंगे । जाप करने के बाद उस लाल कपड़े में लपेटकर रख लेंगे अगले दिन फिर उसे खोल कर जाप करना है । यदि लाल कपडे में रखने में दिक्कत हो तो ऐसे भी पूजा स्थान में रखकर कर सकते हैं ,. 

अगर आपका कोई गुरु हो या किसी देवता को गुरु मानते हो तो उनके मंत्र का तीन बार जाप कर लें
यदि गुरु नहीं हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र का 3 बार जाप कर ले
ॐ श्री गुरु मण्डलाय नमः

इसके बाद अपने दाएं हाथ में एक चम्मच पानी रख लें और अपनी इच्छा (अर्थात मेरा और मेरे पति के बीच में संबंध अच्छा बना रहे ) ऐसी भावना करके उस जल को जमीन पर छोड़ देंगे

उसके बाद निम्नलिखित मंत्र का जाप करेंगे

"हथेली में हनुमन्त बसै, भैरु बसे कपार।

नरसिंह की मोहिनी, मोहे सब संसार।

मोहन रे मोहन्ता वीर, सब वीरन में तेरा सीर।

सबकी नजर बाँध दे, तेल सिन्दूर चढ़ाऊँ तुझे।

तेल सिन्दूर कहाँ से आया ?

कैलास-पर्वत से आया।

कौन लाया, अञ्जनी का हनुमन्त,गौरी का गनेश लाया।

काला, गोरा, तोतला-तीनों बसे कपार।

बिन्दा तेल सिन्दूर का, दुश्मन गया पाताल।

दुहाई कमिया सिन्दूर की, हमें देख शीतल हो जाए भरतार ।

सत्य नाम, आदेश गुरु की।


२६ मई को पूर्णिमा भी है चंद्र ग्रहण भी है उस दिन भी आप इसको १०८ बार या जितनी आपकी क्षमता हो उतनी बार कर सकते हैं . उसके बाद अगली पूर्णिमा तक इसे नित्य कम से कम ११ बार करें . 

इसके आलावा आप निम्नलिखित समय में भी इस कर सकते हैं ;-


.....1....
इस मन्त्र को रोज 11 बार जाप होलिका दहन की रात्रि से प्रारंभ कर रामनवमी तक करें ।

हनुमान जयंती वाले दिन हनुमान मंदिर में एक नारियल और 21 रुपये या जितनी आपकी शक्ति हो उतना चढ़ा दें ।

हनुमान जयंती के बाद किसी भी दिन से इसका टीका [बिंदी] लगाकर पति के पास जाएँ. मन में हमेशा भाव रखें कि सब अच्छा हो जाएगा ।

...,........2.....,
अगर ऐसा ना कर सके तो 108 जाप रोज  पूरी नवरात्री में करें . आखिरी दिन हनुमान मंदिर में एक नारियल और 21 रुपये या जितनी आपकी शक्ति हो उतना चढ़ा दें ।

इसका टीका [बिंदी] लगाकर पति के पास जाएँ. मन में हमेशा भाव रखें कि सब अच्छा हो जाएगा ।

.,........3......

यदि होली,नवरात्रि में ना कर पाएं तो किसी भी पूर्णिमा से अगली पूर्णिमा तक रोज 11 बार जाप कर सकते हैं। आखिरी दिन हनुमान मंदिर में एक नारियल और 21 रुपये या जितनी आपकी शक्ति हो उतना चढ़ा दें ।
बिंदी या कुमकुम रखने में दिक्कत हो तो माता गौरी के भगवान शिव के साथ वाले स्वरूप का ध्यान करके जाप कर लेंगे । टीका या बिंदी लगाते समय इस मंत्र का जाप करते हुए टीका लगा लेंगे ।
.....,

ऐसा नित्य करें तो पति धीरे धीरे अनुकूल होने लगता है.

क्रोध करने से बचें और बेवजह का प्रलाप या बकवास ना करें

यह केवल आपके स्वयं के विवाहित पति के लिए काम करेगा .

प्रेमी के लिए काम नहीं करेगा .

22 मई 2021

चन्द्र ग्रहण में गुरु साधना

 



|| ॐ गुं गुरुभ्यो नमः ||

  • चन्द्र ग्रहण में गुरु साधना करनी चाहिये.
  • अप्सरा साधना, लक्ष्मी साधना के लिये यह सबसे श्रेष्ठ मुहुर्त होता है.
  • सम्मोहन/वशीकरण साधना के लिये यह उपयुक्त समय होता है.

ग्रहण काल में किये गये मंत्र जाप का १००० गुना फ़ल मिलता है.

20 जून 2020

सूर्यग्रहण विशेष - तंत्र रक्षा नारियल

आपने देखा होगा की लगभग सभी दुकानों में लाल कपडे में नारियल बांधकर लटकाया जाता है, कई घरों में भी ऐसा किया जाता है. यह स्थान देवता की पूजा और गृह रक्षा के लिए किया जाता है.

सूर्यग्रहण के अवसर पर अपने घर मे गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि प्रस्तुत है जिसके द्वारा आप अपने घर पर पूजन करके नारियल बाँध सकते हैं.

आवश्यक सामग्री :-

लाल कपडा सवा मीटर
नारियल
सामान्य पूजन सामग्री
-------
यदि आर्थिक रूप से सक्षम हों तो इसके साथ रुद्राक्ष/ गोरोचन/केसर भी डाल सकते हैं.
-----

  1. वस्त्र/आसन लाल रंग का हो तो पहन लें यदि न हो तो जो हो उसे पहन लें.
  2. सबसे पहले शुद्ध होकर आसन पर बैठ जाएँ. हाथ में जल लेकर कहें " मै [अपना नाम ] अपने घर की रक्षा और शांति के लिए यह पूजन कर रहा हूँ मुझपर कृपा करें और मेरा मनोरथ सिद्ध करें."
  3. इतना बोलकर हाथ में रखा जल जमीन पर छोड़ दें. इसे संकल्प कहते हैं.
  4. नारियल पर मौली धागा [अपने हाथ से नापकर तीन हाथ लम्बा तोड़ लें.] लपेट लें.
  5. लपेटते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें." ॐ श्री विष्णवे नमः"
  6. अब अपने सामने लाल कपडे पर नारियल रख दें. पूजन करें.
  7. लोबान का धुप या अगरबत्ती जलाएं .
  8. नारियल के सामने निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें । 
"ॐ नमो आदेश गुरून को इश्वर वाचा अजरी बजरी बाडा बज्जरी मैं बज्जरी को बाँधा, दशो दुवार छवा और के ढालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे, पहली चौकी गणपति दूजी चौकी में भैरों, तीजी चौकी में हनुमंत,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देव जी शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र इश्वरी वाचा"



अब इस नारियल को अन्य पूजन सामग्री के साथ लाल कपडे में लपेट ले. आपका रक्षा नारियल तय्यार है. इसे आप दशहरा, दीपावली, पूर्णिमा, अमावस्या या अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन घर की छत में हुक हो तो उसपर बांधकर लटका दें. यदि न हो तो पूजा स्थान में रख लें. नित्य पूजन के समय इसे भी अगरबत्ती दिखाएँ.

24 दिसंबर 2019

सूर्यग्रहण विशेष : रक्षा हेतु हनुमान शाबरमंत्र






साधना मे रक्षा हेतु हनुमान शाबरमंत्र
·       इस शाबर मंत्र को किसी शुभ दिन जैसे ग्रहणहोलीरवि पुष्य योग, गुरु पुष्य योग मे1008 बार जप कर सिद्ध कर ले ।
·       इस मंत्र का जाप आप एकांत/हनुमान मंदिर/अपने घर मे करें |
·       हनुमान जी का विधी विधान से पुजन करके 11 लड्डुओ का भोग लगा कर जप शुरू कर दे । जप समाप्त होने पर हनुमान जी को प्रणाम करे | त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना कर लें |
·       जब भी आप कोई साधना करे |तो मात्र बार इस मंत्र का जाप करके रक्षा घेरा बनाने से स्वयं हनुमान जी रक्षा करते है ।
·       इस मंत्र का बार जप कर के ताली बजा देने से भी पूर्ण तरह से रक्षाहोती है ।

इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद रोज इस मंत्र की 1 माला जाप करने पर इसका तेज बढ़ता जाता है  और टोना जादु साधक पर असर नही करते ।
मंत्र :-
॥ ओम नमो वज्र का कोठा, जिसमे पिंण्ड हमारा पैठा,
ईश्वर कुंजी ब्रम्हा का ताला, मेरे आठो अंग का यति हनुमंत वज्र वीर रखवाला ।


23 दिसंबर 2019

सूर्य ग्रहण विशेष : काल भैरव अष्टकम






काल भैरव अष्टकम

देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् ।
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ १॥
भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् ।
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ २॥
शूलटंकपाशदण्डपाणिमादिकारणं श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् ।
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ३॥
भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम् ।
विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥ ४॥
धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशनं कर्मपाशमोचकं सुशर्मधायकं विभुम् ।
स्वर्णवर्णशेषपाशशोभितांगमण्डलं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ५॥
रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम् ।
मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ६॥
अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं दृष्टिपात्तनष्टपापजालमुग्रशासनम् ।
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ७॥
भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम् ।
नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥ ८॥

विधि :-
  1. सूर्यग्रहण के अवसर पर 108 पाठ करें ।
  2. यह सभी प्रकार के पूजन के पूर्व रक्षा के लिए उपयोगी है।
  3. विभिन्न प्रकार के रक्षा प्रयोगों मे किया जा सकता है । 

17 दिसंबर 2019

सूर्यग्रहण विशेष - तंत्र रक्षा नारियल

आपने देखा होगा की लगभग सभी दुकानों में लाल कपडे में नारियल बांधकर लटकाया जाता है, कई घरों में भी ऐसा किया जाता है. यह स्थान देवता की पूजा और गृह रक्षा के लिए किया जाता है.

सूर्यग्रहण के अवसर पर अपने घर मे गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि प्रस्तुत है जिसके द्वारा आप अपने घर पर पूजन करके नारियल बाँध सकते हैं.

आवश्यक सामग्री :-

लाल कपडा सवा मीटर
नारियल
सामान्य पूजन सामग्री
-------
यदि आर्थिक रूप से सक्षम हों तो इसके साथ रुद्राक्ष/ गोरोचन/केसर भी डाल सकते हैं.
-----

  1. वस्त्र/आसन लाल रंग का हो तो पहन लें यदि न हो तो जो हो उसे पहन लें.
  2. सबसे पहले शुद्ध होकर आसन पर बैठ जाएँ. हाथ में जल लेकर कहें " मै [अपना नाम ] अपने घर की रक्षा और शांति के लिए यह पूजन कर रहा हूँ मुझपर कृपा करें और मेरा मनोरथ सिद्ध करें."
  3. इतना बोलकर हाथ में रखा जल जमीन पर छोड़ दें. इसे संकल्प कहते हैं.
  4. नारियल पर मौली धागा [अपने हाथ से नापकर तीन हाथ लम्बा तोड़ लें.] लपेट लें.
  5. लपेटते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें." ॐ श्री विष्णवे नमः"
  6. अब अपने सामने लाल कपडे पर नारियल रख दें. पूजन करें.
  7. लोबान का धुप या अगरबत्ती जलाएं .
  8. नारियल के सामने निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें । 
"ॐ नमो आदेश गुरून को इश्वर वाचा अजरी बजरी बाडा बज्जरी मैं बज्जरी को बाँधा, दशो दुवार छवा और के ढालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे, पहली चौकी गणपति दूजी चौकी में भैरों, तीजी चौकी में हनुमंत,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देव जी शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र इश्वरी वाचा"



अब इस नारियल को अन्य पूजन सामग्री के साथ लाल कपडे में लपेट ले. आपका रक्षा नारियल तय्यार है. इसे आप दशहरा, दीपावली, पूर्णिमा, अमावस्या या अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन घर की छत में हुक हो तो उसपर बांधकर लटका दें. यदि न हो तो पूजा स्थान में रख लें. नित्य पूजन के समय इसे भी अगरबत्ती दिखाएँ.

16 दिसंबर 2019

सूर्यग्रहण विशेष - तारा शाबर मंत्र




ॐ आदि योग अनादि माया । 
जहाँ पर ब्रह्माण्ड उत्पन्न भया ।
ब्रह्माण्ड समाया । 

आकाश मण्डल । 
तारा त्रिकुटा तोतला माता तीनों बसै । 

ब्रह्म कापलिजहाँ पर ब्रह्मा विष्णु महेश उत्पत्तिसूरज मुख तपे । 
चंद मुख अमिरस पीवे
अग्नि मुख जले
आद कुंवारी हाथ खण्डाग गल मुण्ड माल
मुर्दा मार ऊपर खड़ी देवी तारा । 
नीली काया पीली जटा
काली दन्त में जिह्वा दबाया । 
घोर तारा अघोर तारा
दूध पूत का भण्डार भरा । 
पंच मुख करे हा हा ऽऽकारा
डाकिनी शाकिनी भूत पलिता 
सौ सौ कोस दूर भगाया । 
चण्डी तारा फिरे ब्रह्माण्डी 
तुम तो हों तीन लोक की जननी ।

तारा मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं स्त्रीं हूँ फट्

विधि :-
  1. रात्री काल मे जाप करें । ग्रहण काल मे जाप करने से विशेष लाभदायक है । 
  2. अपनी क्षमतानुसार 1,11,21,51,108 बार । 
  3. व्यापार और आर्थिक समृद्धि के लिए लाभदायक । 
  4. जप काल मे किसी स्त्री का अपमान न करें । 


सूर्य ग्रहण विशेष : तारा साधना





तंत्र में दस महाविद्याओं को शक्ति के दस प्रधान स्वरूपों के रूप में प्रतिष्ठित किया गया हैये दस महाविद्यायें हैं

  1. काली
  2. तारा
  3. षोडशी
  4. छिन्नमस्ता
  5. बगलामुखी
  6. त्रिपुरभैरवी
  7. मातंगी
  8. धूमावती
  9. भुवनेश्वरी तथा 
  10. कमला.
इनको दो कुलों में बांटा गया हैपहला काली कुल तथा दूसरा श्री कुल
काली कुल की प्रमुख महाविद्या है तारा
इस साधना से जहां एक ओर आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है वहीं ज्ञान तथा विद्या का विकास भी होता हैइस महाविद्या के साधकों में जहां महर्षि विश्वामित्र जैसे प्राचीन साधक रहे हैं वहीं वामा खेपा जैसे साधक वर्तमान युग में बंगाल प्रांत में हो चुके हैंविश्वप्रसिद्ध तांत्रिक तथा लेखक गोपीनाथ कविराज के आदरणीय गुरूदेव स्वामी विशुद्धानंद जी तारा साधक थेइस साधना के बल पर उन्होने अपनी नाभि से कमल की उत्पत्ति करके दिखाया था.
तिब्बत को साधनाओं का गढ माना जाता हैतिब्बती लामाओं या गुरूओं के पास साधनाओं की अतिविशिष्ठ तथा दुर्लभ विधियां आज भी मौजूद हैंतिब्बती साधनाओं के सर्वश्रेष्ठ होने के पीछे भी उनकी आराध्या देवी मणिपद्मा का ही आशीर्वाद हैमणिपद्मा तारा का ही तिब्बती नाम हैइसी साधना के बल पर वे असामान्य तथा असंभव लगने वाली क्रियाओं को भी करने में सफल हो पाते हैंतारा महाविद्या साधना सवसे कठोर साधनाओं में से एक हैइस साधना में किसी प्रकार की नियमों में शिथिलता स्वीकार्य नही होतीइस विद्या के तीन रूप माने गये हैं :-

1.       नील सरस्वती.
2.     एक जटा.
3.     उग्रतारा.
नील सरस्वती तारा साधना

तारा के नील सरस्वती स्वरूप की साधना विद्या प्राप्ति तथा ज्ञान की पूर्णता के लिये सर्वश्रेष्ठ हैइस साधना की पूर्णता साधक को जहां ज्ञान के क्षेत्र में अद्वितीय बनाती है वहीं साधक को स्वयं में कवित्व शक्ति भी प्रदान कर देती हैअर्थात वह कविता या लेखन की क्षमता भी प्राप्त कर लेता है.

नील सरस्वती साधना की एक गोपनीय विधि मुझे स्वामी आदित्यानंदजी से प्राप्त हुयी थी जो कि अत्यंत ही प्रभावशाली हैइस साधना से निश्चित रूप से मानसिक क्षमता का विकास होता ही हैयदि इसे नियमित रूप से किया जाये तो विद्यार्थियों के लिये अत्यंत लाभप्रद होता है.

नील सरस्वती बीज मंत्रः-

॥ ऐं ॥

यह बीज मंत्र छोटा है इसलिये करने में आसान होता हैजिस प्रकार एक छोटा सा बीज अपने आप में संपूर्ण वृक्ष समेटे हुये होता है ठीक उसी प्रकार यह छोटा सा बीज मंत्र तारा के पूरे स्वरूप को समेटे हुए है.
साधना विधिः-
1.       इस मंत्र का जाप अमावस्या से प्रारंभ करके पूर्णिमा तक या नवरात्रि में करना सर्वश्रेष्ठ होता हैअपनी सामर्थ्य के अनुसार कम से कम १०८ बार तथा अधिकतम तीन घंटे तक नित्य करें.
2.  कांसे की थाली में केसर से उपरोक्त बीजमंत्र को लिखेंअब इस मंत्र के चारों ओर चार चावल के आटे से बने दीपक घी से जलाकर रखेंचारों दीयों की लौ ऐं बीज की तरफ होनी चाहियेकुंकुम या केसर से चारों दीपकों तथा बीज मंत्र को घेरते हुये एक गोला थाली के अंदर बना लेंयह लिखा हुआ साधना के आखिरी दिन तक काम आयेगादीपक रोज नया बनाकर लगाना होगा.
3.     सर्वप्रथम हाथ जोडकर ध्यान करें :-
नील वर्णाम त्रिनयनाम ब्रह्‌म शक्ति समन्विताम
कवित्व बुद्धि प्रदायिनीम नील सरस्वतीं प्रणमाम्यहम.
4.    हाथ मे जल लेकर संकल्प करें कि मां आपको बुद्धि प्रदान करें.
5.     ऐं बीज को देखते हुये जाप करेंपूरा जाप हो जाने के बाद त्रुटियों के लिये क्षमा मांगें.
6.     साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करें.
7.      कम से कम बातचीत करेंकिसी पर क्रोध न करें.
8.     किसी स्त्री का अपमान न करें.
9.     वस्त्र सफेद रंग के धारण करें.

दिनांक 26-12-2019 को सूर्यग्रहण के अवसर पर पूरे ग्रहण काल मे इसका जाप करने से भी लाभ होगा ।

बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की यह तांत्रिक साधना हैपूरे विश्वास तथा श्रद्धा से करने पर तारा निश्चित रूप से अभीष्ठ सिद्धि प्रदान करती है.




13 दिसंबर 2019

सूर्य ग्रहण विशेष – व्यापार वृद्धि साधना


सूर्य ग्रहण विशेष – व्यापार वृद्धि साधना

आवश्यक वस्तुएं :-
Ø श्री यंत्र छोटा साइज का जिसे आप अपनी जेब , पर्स,या बेग मे रख सकें ।
Ø केसर  




दिनांक 26,12,2019 को प्रातः सूर्यग्रहण है । समय केलेण्डर या गूगल से देख लें ।
। । ॐ श्रीं ॐ । ।
1.      लाल कपड़े मे अपने सामने श्री यंत्र एक थाली मे रख लें।
2.   केसर को पानी मे घोल लें ।
3.   इस मंत्र का एक जाप करें और एक केसर की बिंदी श्री यंत्र पर लगाएँ ।
4.   इस प्रकार 1008 बार करें ।
5.    उसके बाद उस यंत्र को अपने पर्स या बैग मे रख लें।
6.  अधिक लाभ के लिए इसका मानसिक जाप करते रहें ।

28 जनवरी 2018

चन्द्र ग्रहण में गुरु साधना



|| ॐ गुं गुरुभ्यो नमः ||

  • चन्द्र ग्रहण में गुरु साधना करनी चाहिये.
  • अप्सरा साधना, लक्ष्मी साधना के लिये यह सबसे श्रेष्ठ मुहुर्त होता है.
  • सम्मोहन/वशीकरण साधना के लिये यह उपयुक्त समय होता है.

ग्रहण काल में किये गये मंत्र जाप का १००० गुना फ़ल मिलता है.


10 दिसंबर 2011

पूर्ण चंद्रग्रहण पर विशेष साधना


  • १० दिसम्बर ता. शनिवार के दिन पूर्ण चंद्रग्रहण है ..

  • उसी दिन श्री दत्तात्रेय जयंती भी होने के कारण इस ग्रहण काल पर्व का महत्त्व और भी बढ़ता है ..

  • ग्रहण काल का पर्व काल शाम ६.१५ से रात ९.४५ तक लगबग साडे तीन घंटे का है .. 

  • सभी साधक इस का लाभ उठाये

  • गुरु/दत्तात्रेय/ लक्ष्मी/षोडशी/भुवनेश्वरी/अप्सरा/सम्मोहन/वशीकरण/शांति  साधना का सिद्ध मुहुर्त है

7 दिसंबर 2011

चन्द्र ग्रहण : क्या साधना करें




चंद्र ग्रहण १०-१२-२०११ दिन शनिवार


  • चन्द्र ग्रहण में गुरु साधना करनी चाहिये.
  • अप्सरा साधना, लक्ष्मी साधना के लिये यह सबसे श्रेष्ठ मुहुर्त होता है.
  • सम्मोहन/वशीकरण साधना के लिये यह उपयुक्त समय होता है.

ग्रहण काल में किये गये मंत्र जाप का १००० गुना फ़ल मिलता है.