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18 मार्च 2019

होलिका दहन पर भैरव साधना

होलिका दहन तन्त्र साधनाओं का विशिष्ट सिद्ध मुहूर्त है :-
  • होलिका दहन कि रात्रि करें|
  • अपने सामने एक सूखा नारियल , एक कपूर की डली , 11 लौंग 11 इलायची, 1 डली लोबान या धुप रखें |
  • सरसों के तेल का दीपक जलाएं |
  • हाथ में नारियल लेकर अपनी मनोकामना बोलें | नारियल सामने रखें |
  • दक्षिण दिशा कीओर देखकर इस मन्त्र का 108 बार जाप करें |
  • अर्धरात्रि के बाद पूरी सामग्री होली कि अग्नि में डाल दें |





|| ॐ भ्रां भ्रीं भ्रूं भ्रः | ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रः |ख्रां ख्रीं ख्रूं ख्रः|घ्रां घ्रीं घ्रूं घ्र: | म्रां म्रीं म्रूं म्र: | म्रों म्रों म्रों म्रों | क्लों   क्लों क्लों क्लों |श्रों श्रों श्रों श्रों | ज्रों ज्रों  ज्रों ज्रों | हूँ हूँ हूँ हूँ| हूँ हूँ हूँ हूँ | फट | सर्वतो रक्ष रक्ष रक्ष रक्ष भैरव नाथ हूँ फट ||

19 दिसंबर 2018

भुवनेश्वरी महाविद्या





॥ ह्रीं ॥


  • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
  • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.

7 जनवरी 2018

भुवनेश्वरी साधना





॥ ह्रीं ॥
  भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
  हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.
  समस्त प्रकार के रोगियों को बल प्रदान करता है |
  मृत्युंजय मन्त्र के समान लाभ दायक है 
  प्रातः काल ४ से ६ बजे तक जाप करें.
  सफ़ेद वस्त्र और आसन होगा.
  दिशा उत्तर या पूर्व .
  ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  आचार विचार व्यवहार सात्विक रखें.----

15 सितंबर 2017

भुवनेश्वरी महाविद्या






॥ ह्रीं ॥
  भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
  हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.
  समस्त प्रकार के रोगियों को बल प्रदान करता है |
  मृत्युंजय मन्त्र के समान लाभ दायक है 
  प्रातः काल ४ से ६ बजे तक जाप करें.
  सफ़ेद वस्त्र और आसन होगा.
  दिशा उत्तर या पूर्व .
  ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  आचार विचार व्यवहार सात्विक रखें.----
साधना में गुरु की आवश्यकता
        मंत्र साधना के लिए गुरु धारण करना श्रेष्ट होता है.
        साधना से उठने वाली उर्जा को गुरु नियंत्रित और संतुलित करता हैजिससे साधना में जल्दी सफलता मिल जाती है.
        गुरु मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए. अगर बैठकर ना कर पायें तो चलते फिरते भी आप मन्त्र जाप कर सकते हैं.
गुरु के बिना साधना
        स्तोत्र तथा सहश्रनाम साधनाएँ बिना गुरु के भी की जा सकती हैं.
        जिन मन्त्रों में 108 से ज्यादा अक्षर हों उनकी साधना बिना गुरु के भी की जा सकती हैं.
        शाबर मन्त्र तथा स्वप्न में मिले मन्त्र बिना गुरु के जाप कर सकते हैं .
        गुरु के आभाव में स्तोत्र तथा सहश्रनाम साधनाएँ करने से पहले अपने इष्ट या भगवान शिव के मंत्र का एक पुरश्चरण यानि १,२५,००० जाप कर लेना चाहिए.इसके अलावा हनुमान चालीसा का नित्य पाठ भी लाभदायक होता है.
    
मंत्र साधना करते समय सावधानियां
Y      मन्त्र तथा साधना को गुप्त रखें, ढिंढोरा ना पीटें, बेवजह अपनी साधना की चर्चा करते ना फिरें .
Y      गुरु तथा इष्ट के प्रति अगाध श्रद्धा रखें .
Y      आचार विचार व्यवहार शुद्ध रखें.
Y      बकवास और प्रलाप न करें.
Y      किसी पर गुस्सा न करें.
Y      यथासंभव मौन रहें.अगर सम्भव न हो तो जितना जरुरी हो केवल उतनी बात करें.
Y      ब्रह्मचर्य का पालन करें.विवाहित हों तो साधना काल में बहुत जरुरी होने पर अपनी पत्नी से सम्बन्ध रख सकते हैं.
Y      किसी स्त्री का चाहे वह नौकरानी क्यों न होअपमान न करें.
Y      जप और साधना का ढोल पीटते न रहेंइसे यथा संभव गोपनीय रखें.
Y      बेवजह किसी को तकलीफ पहुँचाने के लिए और अनैतिक कार्यों के लिए मन्त्रों का प्रयोग न करें.
Y      ऐसा करने पर परदैविक प्रकोप होता है जो सात पीढ़ियों तक अपना गलत प्रभाव दिखाता है.
Y      इसमें मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों का जन्म , लगातार गर्भपात, सन्तान ना होना , अल्पायु में मृत्यु या घोर दरिद्रता जैसी जटिलताएं भावी पीढ़ियों को झेलनी पड सकती है |
Y      भूत, प्रेत, जिन्न,पिशाच जैसी साधनाए भूलकर भी ना करें , इन साधनाओं से तात्कालिक आर्थिक लाभ जैसी प्राप्तियां तो हो सकती हैं लेकिन साधक की साधनाएं या शरीर कमजोर होते ही उसे असीमित शारीरिक मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है | ऐसी साधनाएं करने वाला साधक अंततः उसी योनी में चला जाता है |
गुरु और देवता का कभी अपमान न करें.
मंत्र जाप में दिशा, आसन, वस्त्र का महत्व
Y      साधना के लिए नदी तट, शिवमंदिर, देविमंदिर, एकांत कक्ष श्रेष्ट माना गया है .
Y      आसन में काले/लाल कम्बल का आसन सभी साधनाओं के लिए श्रेष्ट माना गया है .
Y      अलग अलग मन्त्र जाप करते समय दिशा, आसन और वस्त्र अलग अलग होते हैं .
Y      इनका अनुपालन करना लाभप्रद होता है .
माला तथा जप संख्या
Y      रुद्राक्ष या रुद्राक्ष माला धारण करने से आध्यात्मिक अनुकूलता मिलती है .
Y      रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती अगर अलग से निर्देश न हो तो सभी साधनाओं में रुद्राक्ष माला से मन्त्र जाप कर सकते हैं .
Y      एक साधना के लिए एक माला का उपयोग करें |
Y      सवा लाख मन्त्र जाप का पुरश्चरण होगा |
Y      गुरु मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव धारण कर सकते हैं. इस प्रकार आप मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा.
सामान्य हवन विधि
Y      जाप पूरा होने के बाद किसी गोल बर्तन, हवनकुंड में हवन अवश्य करें | इससे साधनात्मक रूप से काफी लाभ होता है जो आप स्वयं अनुभव करेंगे |
Y      अग्नि जलाने के लिए माचिस का उपयोग कर सकते हैं | इसके साथ घी में डूबी बत्तियां तथा कपूर रखना चाहिए
Y      जलाते समय “ॐ अग्नये नमः” मन्त्र का कम से काम 7 बार जाप करें | जलना प्रारंभ होने पर इसी मन्त्र में स्वाहा लगाकर घी की 7 आहुतियाँ देनी चाहिए |
Y      बाजार में उपलब्ध हवन सामग्री का उपयोग कर सकते हैं |
Y      हवन में 1250 बार या जितना आपने जाप किया है उसका सौवाँ भाग हवन करें | मन्त्र के पीछे “स्वाहा” लगाकर हवन सामग्री को अग्नि में डालें |
भावना का महत्व
Y      जाप के दौरान भाव सबसे प्रमुख होता है , जितनी भावना के साथ जाप करेंगे उतना लाभ ज्यादा होगा.
Y      यदि वस्त्र आसन दिशा नियमानुसार ना हो तो भी केवल भावना सही होने पर साधनाएं फल प्रदान करती ही हैं .
Y      नियमानुसार साधना न कर पायें तो जैसा आप कर सकते हैं वैसे ही मंत्र जाप करें , लेकिन साधनाएं करते रहें जो आपको साधनात्मक अनुकूलता के साथ साथ दैवीय कृपा प्रदान करेगा |
Y      देवी या देवता माता पिता तुल्य होते हैं उनके सामने शिशुवत जाप करेंगे तो किसी प्रकार का दोष नहीं लगेगा |

7 मार्च 2017

भुवनेश्वरी महाविद्या





॥ ह्रीं ॥


  • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं 
  • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.

6 फ़रवरी 2017

भुवनेश्वरी माता





॥ ह्रीं ॥


  • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
  • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.

17 जनवरी 2017

भुवानेश्वी साधना





॥ ह्रीं ॥


  • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
  • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.

22 सितंबर 2016

भुवनेश्वरी महाविद्या















॥ ह्रीं ॥




  • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं

  • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.
  • प्रातः काल ४ से ६ बजे तक जाप करें.
  • सफ़ेद वस्त्र और आसन होगा.
  • दिशा उत्तर या पूर्व .
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  • आचार विचार व्यवहार सात्विक रखें.
  • 10 अप्रैल 2016

    भुवनेश्वरी महाविद्या














    ॥ ह्रीं ॥






  • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं





  • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.
  • समस्त प्रकार के रोगियों को बल प्रदान करता है |
  • मृत्युंजय मन्त्र के समान लाभ दायक है 
  • प्रातः काल ४ से ६ बजे तक जाप करें.
  • सफ़ेद वस्त्र और आसन होगा.
  • दिशा उत्तर या पूर्व .
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  • आचार विचार व्यवहार सात्विक रखें.
  • भुवनेश्वरी महाविद्या















    ॥ ह्रीं ॥





  • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं


  • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
  • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
  • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.
  • प्रातः काल ४ से ६ बजे तक जाप करें.
  • सफ़ेद वस्त्र और आसन होगा.
  • दिशा उत्तर या पूर्व .
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  • आचार विचार व्यवहार सात्विक रखें.
  • 2 दिसंबर 2015

    भुवनेश्वरी साधना





    ॥ ह्रीं ॥
    • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
    • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
    • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
    • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.
    • सफ़ेद वस्त्र तथा आसन रहेगा .
    • नित्य स्नान कर जाप करें.
    • ब्रह्म मुहूर्त सबसे अच्छा है.
    • ब्रह्मचारी /सात्विक आचार विहार रखें.


    6 अक्तूबर 2015

    भुवनेश्वरी साधना





    ॥ ह्रीं ॥
    • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
    • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
    • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
    • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.

    12 मार्च 2015

    भुवनेश्वरी महाविद्या






    ॥ ह्रीं ॥
    • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
    • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
    • जो निरंतर बीमार रहते हों, उर्जा का अभाव महसूस करते हों वे इस साधना को करें.इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
    • नवरात्रि में सफ़ेद वस्त्र/आसन के साथ जाप करें.
    • ११००० जाप करें.
    • रुद्राक्ष से ११०० हवन करें.
    • ब्रहम मुहुर्त यानि सुबह ४ से ६ के बीच करें.

    19 जनवरी 2015

    भुवनेश्वरी साधना





    ॥ ह्रीं ॥
    • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
    • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
    • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
    • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.

    21 जनवरी 2014

    भुवनेश्वरी साधना





    ॥ ह्रीं ॥
    • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
    • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
    • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
    • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.

    11 जनवरी 2014

    भुवनेश्वरी साधना शिविर : १४ जनवरी : भिलाई

    भुवनेश्वरी साधना शिविर 
    भिलाई [छत्तीसगढ़]

    मकर संक्रांति
    १४ जनवरी २०१४ 
    मंगलवार 


    गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी 
    तथा 
    गुरुमाता डॉ साधना सिंह जी के सानिध्य में 



    इस साधना शिविर में होंगे 
    • संपूर्ण भुवनेश्वरी पूजन .

    • साधनात्मक मार्गदर्शन.

    • विशिष्ट साधनाओं से सम्बंधित दीक्षाएं. साधनात्मक मन्त्र तथा सम्बंधित विधि विधान की जानकारी.

    • गुरुदेव तथा माताजी से व्यक्तिगत मार्गदर्शन.



    विस्तृत विवरण हेतु संपर्क :-

    प्रवीन साहू = 07489165108

    21 जनवरी 2013

    भुवनेश्वरी साधना




    ॥ ह्रीं ॥
    • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
    • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
    • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
    • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.


    21 मार्च 2012

    नवरात्रि विशेष : भुवनेश्वरी साधना






    ॥ ह्रीं ॥
    • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
    • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
    • जो निरंतर बीमार रहते हों, उर्जा का अभाव महसूस करते हों वे इस साधना को करें.इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
    • नवरात्रि में सफ़ेद वस्त्र/आसन के साथ जाप करें.
    • ११००० जाप करें.
    • रुद्राक्ष से ११०० हवन करें.
    • ब्रहम मुहुर्त यानि सुबह ४ से ६ के बीच करें.

    21 जनवरी 2012

    भुवनेश्वरी साधना





    ॥ ह्रीं ॥
    • भुवनेश्वरी महाविद्या समस्त सृष्टि की माता हैं
    • हमारे जीवन के लिये आवश्यक अमृत तत्व वे हैं.
    • इस मन्त्र का नित्य जाप आपको उर्जावान बनायेगा.
    • जिनका पाचन संबंधी शिकायत है उनको लाभ मिलेगा.