6 अक्तूबर 2010

नवार्ण मन्त्रम



॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै ॥



ऐं = सरस्वती का बीज मन्त्र है ।

ह्रीं = महालक्ष्मी का बीज मन्त्र है ।

क्लीं = महाकाली का बीज मन्त्र है ।

नवरात्री में नवार्ण मन्त्र का जाप इन तीनों देवियों की कृपा प्रदान करता है ।

4 अक्तूबर 2010

अष्टकाली मन्त्रम



रात्रि काल ९ से ३ बजे के बीच ही साधना करें ।
काले या लाल रंग के वस्त्र पहनें ।
रुद्राक्ष या काली हकीक की माला से जाप करें ।


॥ ऊं अष्टकाल्यै क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं सिद्धिम देहि दापय नमः ॥




अष्टकाली:-
कामकला काली, त्रिपुर  काली, दीर्घ  काली, गुह्य   काली,  श्मशान  काली, नैरित्य  काली, दक्षिण  काली, अग्नि  काली, आकाश  काली, पाताल  काली,

1 अक्तूबर 2010

महालक्ष्मी साधना

॥  श्रीं ॥

गुलाबी या लाल रंग के वस्त्र तथा आसन के साथ रात्रि ९ से ५ के बीच यथा शक्ति जाप करें । क्षमता हो तो घी का दीपक लगायें ।



30 सितंबर 2010

धूमावती साधना

सभी प्रकार की तन्त्र बाधाओं तथा भूतादि बाधाओं मे लाभकारी साधना है. गुरु आज्ञा से ही इसे संपन्न करना चाहिये.

29 सितंबर 2010

भुवनेश्वरी साधना

सर्व विध ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिये जगतजननी माता भुवनेश्वरी की साधना नवरात्रि में करें ।

मन्त्र:-
॥ ह्रीं ॥

उत्तर दिशा में आपका मुख रहेगा ।
जाप का समय रात्रि ।
सफ़ेद रंग के वस्त्र तथा आसन का उपयोग करें ।

27 सितंबर 2010

बगलामुखी साधना : कब करें


शत्रु बाधा तथा कानूनी विवादों में बुरी तरह फ़स जाने पर जब कोइ मार्ग ना दिखाइ दे तब बगलामुखी साधना करना लाभप्रद माना गया है ।

मन्त्रम:-

॥ऊं ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदम स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्लीं फ़ट स्वाहा ॥