एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
Disclaimer
ब्लॉग पर दिखाये गए विज्ञापन गूगल तथा थर्ड पार्टी द्वारा दिखाये जाते हैं । उनकी प्रमाणकिता, प्रासंगिकता तथा उपयोगिता पर स्वविवेक से निर्णय लें ।
9 जुलाई 2011
8 जुलाई 2011
7 जुलाई 2011
अघोरेश्वर महादेव मन्त्रम
॥ ऊं अघोरेश्वराय महाकालाय नमः ॥
- १,२५,००० मंत्र का जाप .
- पूरे श्रावण मास तक जाप पूरा करें .
- दिगंबर अवस्था में जाप करें.
- पहले एक माला गुरुमंत्र [॥ ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥] का जाप करें.
- अपने शरीर पर अगरबत्ती की राख से त्रिपुंड बनाएं
- त्रिपुंड का मतलब तीन रेखा वाला तिलक.इसे माथे, गाल, दोनों बांह, हृदय,नाभि, दोनों बाजू, दोनों जांघ और पीठ पर बनाना चाहिये.
- रुद्राक्ष पहने तथा रुद्राक्ष की माला से जाप करें.
- किसी हालत में क्रोध ना करें. क्रोध बहुत आयेगा मगर उसपर नियंत्रण करने से ही शिव कृपा मिलेगी.
- किसी स्त्री का अपमान ना करें.
- सात्विक आचार विचार और व्यवहार रखें.
3 जुलाई 2011
सदस्यता लें
संदेश (Atom)