एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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15 जुलाई 2011
13 जुलाई 2011
तीन मुखी रुद्राक्ष
तीन मुखी रुद्राक्ष को दत्तात्रेय रुद्राक्ष तथा महामृत्युंजय रुद्राक्ष भी कहते हैं
इसे धारण करने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर होती हैं. पीलिया रोग में यह विशेष लाभप्रद होता है. तीन मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को क्रियाशील रखता है. बेरोजगारी से मुक्ति दिलाता है. तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से स्त्री हत्या का पाप शमित होता है. तीन मुखी रुद्राक्ष अग्नि स्वरूप माना गया है.
मंत्रम:-
॥ ॐ रं इं ह्रीं ॐ ॥
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12 जुलाई 2011
साधना सिद्धि विज्ञान - जुलाई २०११
इस माह की पत्रिका
भगवान नरसिंह
के दुर्लभ मंत्रों तथा साधना विधियों से परिपूर्ण है.
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दशाक्षरी महामृत्युन्जय मन्त्रम
दशाक्षरी महामृत्युन्जय मन्त्रम :-
यदि खुद कर रहे हैं तो:-
॥ ॐ जूं सः मां पालय पालय॥
यदि किसी और के लिये [उदाहरण : मान लीजिये "अनिल" के लिये ] कर रहे हैं तो :-
॥ ॐ जूं सः ( अनिल) पालय पालय॥
- यदि रोगी जाप करे तो पहला मंत्र करे.
- यदि रोगी के लिये कोइ और करे तो दूसरा मंत्र करे. नाम के जगह पर रोगी का नाम आयेगा.
- रुद्राक्ष माला धारण करें.
- रुद्राक्ष माला से जाप करें.
- बेल पत्र चढायें.
- भस्म [अगरबत्ती की राख] से तिलक करें.
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