7 दिसंबर 2011

चन्द्र ग्रहण : क्या साधना करें




चंद्र ग्रहण १०-१२-२०११ दिन शनिवार


  • चन्द्र ग्रहण में गुरु साधना करनी चाहिये.
  • अप्सरा साधना, लक्ष्मी साधना के लिये यह सबसे श्रेष्ठ मुहुर्त होता है.
  • सम्मोहन/वशीकरण साधना के लिये यह उपयुक्त समय होता है.

ग्रहण काल में किये गये मंत्र जाप का १००० गुना फ़ल मिलता है.



2 दिसंबर 2011

गुरु सूत्रम - ५




  • गुरु अपने आप में महामाया की सर्वश्रेष्ठ कृति है.
  • गुरुत्व साधनाओं से, पराविद्याओं की कृपा और सानिध्य से आता है.
  • वह एक विशेष उद्देश्य के साथ धरा पर आता है और अपना कार्य करके वापस महामाया के पास लौट जाता है.
  • बिना योग्यता के शिष्य को कभी गुरु बनने की कोशिश नही करनी चाहिये.
  • गुरु का अनुकरण यानी गुरु के पहनावे की नकल करने से या उनके अंदाज से बात कर लेने से कोई गुरु के समान नही बन सकता.
  • गुरु का अनुसरण करना चाहिये उनके बताये हुए मार्ग पर चलना चाहिये, इसीसे साधनाओं में सफ़लता मिलती है.
  • शिष्य बने रहने में लाभ ही लाभ हैं जबकि गुरु के मार्ग में परेशानियां ही परेशानियां हैं, जिन्हे संभालने के लिये प्रचंड साधक होना जरूरी होता है, अखंड गुरु कृपा होनी जरूरी होती है.

1 दिसंबर 2011

साधक : जिज्ञासा

प्रश्न :- प्रणाम मुजे संपूर्ण सम्मोहन दिक्ष लेनी हे कृपया मुजे कहे की में क्या करू में राजकोट /गुजरात के एक छोटे से गाव का हू कृपया मुजे मर्ग्दाश्ना दे एवम कृपा करके ऐ कहे की क्या में ऐ हर एशी साधना हे जिश में अलग अलग दिक्ष का विवरण किया हे क्या वो सब में यहाँ पे ले सकता हू में वहापर ना आजस्कने के कारन विवश हू इश लिए मुजे कहे की क्या मुजे वो सद् दिक्ष ऐ फोटो के जरिये संपूर्ण सक्तीपात दीक्षा लेसकता हू मुजे मर्दाश्ना दे और साधना में लगाने वाली सामग्री कहा से मिलेगी ऐ भाई कहे जय गुरुदेव

उत्तर :- 
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29 नवंबर 2011

श्री साधना गायत्री मंत्रम





॥ ॐ साधनायै विद्महे निखिलपुत्र्यै धीमहि तन्नो सद्गुरु प्रचोदयात ॥



  • अत्यंत मधुरता से , शिशु भाव से जाप करें.
  • गुरु कृपा होगी......

28 नवंबर 2011

श्री सुदर्शननाथ गायत्री मंत्रम




॥ ॐ सुदर्शननाथाय विद्महे निखिल तत्वाय धीमहि तन्नो सद्गुरु प्रचोदयात ॥


  • अत्यंत मधुरता से जाप करें.
  • गुरु कृपा होगी.....

22 नवंबर 2011

गुरु सूत्रम -४




  • गुरु के साथ छ्ल ना करें.
  • गुरु आपकी हर बात जानने में समर्थ होता है , उसके साथ झूठ बोलने से, छ्ल करने से फ़िर भयानक अधोगति भोगनी पडती है.
  • कैसी भी गलती की हो गुरु के सामने स्वीकार करके चरण पकड के माफ़ी मांग लेनी चाहिये.
  • ऐसा भी हो सकता है कि आपको बेवजह डांट पड जाये, अपमानित होना पडे, ये सब गुरु का परीक्षण होता है, इसे सहज होकर स्वीकार करें, गुरु कृपा अवश्य होगी. 


21 नवंबर 2011

निखिलधाम






परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [ डा नारायण दत्त श्रीमाली जी ] का यह दिव्य मंदिर है.

इसका निर्माण परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [Dr. Narayan dutta Shrimali Ji ] के प्रिय शिष्य स्वामी सुदर्शननाथ जी तथा डा साधना सिंह जी ने करवाया है.



यह [ Nikhildham ] भोपाल [ मध्यप्रदेश ] से लगभग २५ किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर के पास लगभग ५ एकड के क्षेत्र में बना हुआ है.

यहां पर  महाविद्याओं के अद्भुत तेजस्वितायुक्त विशिष्ठ मन्दिर बनाये गये हैं.