17 अक्तूबर 2014

तारा साधना : 23 अक्टूबर : सूर्यग्रहण


  • सूर्य ग्रहण तारा साधना का सबसे उपयुक्त समय है ।
  • तारा काली कुल की महविद्या है । 
  • तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है । 
  • यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुन्चा देती है।
  • गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है ।
  • साधना से पहले गुरु से तारा दीक्षा लेना लाभदायक होता है । 
  • तारा दीक्षा से सम्बंधित जानकारी के लिए  संपर्क कर सकते हैं:-
  • साधना सिद्धि विज्ञान 
    जास्मीन - 429
    न्यू मिनाल रेजीडेंसी 
    जे. के. रोड , भोपाल  [म.प्र.]

    दूरभाष : (0755) --- 4269368,4283681,4221116

    जानकारीजिज्ञासासूचना हेतु कार्यालय में सम्पर्क का समय :
    १० बजे से  बजे तक (रविवार अवकाश)
     

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तारा मंत्रम

 ॥ ऐं ऊं ह्रीं स्त्रीं हुं फ़ट ॥






  1. मंत्र का जाप रात्रि काल में ९ से ३ बजे के बीच करना चाहिये.
  2. यह रात्रिकालीन साधना है. 
  3. सूर्यग्रहण से प्रारंभ करें और अगली अमावस्या तक करें.
  4. गुलाबी वस्त्र/आसन/कमरा रहेगा.
  5. उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए जाप करें.
  6. यथासंभव एकांत वास करें.
  7. सवा लाख जाप का पुरश्चरण है. 
  8. ब्रह्मचर्य/सात्विक आचार व्यव्हार रखें.
  9. किसी स्त्री का अपमान ना करें.
  10. क्रोध और बकवास ना करें.
  11. साधना को गोपनीय रखें.


प्रतिदिन तारा त्रैलोक्य विजय कवच का एक पाठ अवश्य करें. यह आपको निम्नलिखित ग्रंथों से प्राप्त हो जायेगा.

तारा स्तव मंजरी
साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका           

16 अक्तूबर 2014

साधना सिद्धि विज्ञान : नवम्बर 1999 : रूद्र विशेषांक






साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका का प्रकाशन वर्ष 1999 से भोपाल से हो रहा है. यह पत्रिका साधनाओं के गूढतम रहस्यों को साधकों के लिये स्पष्ट कर उनका मार्गदर्शन करने में अग्रणी है.
साधना सिद्धि विज्ञान मासिक पत्रिका
साधना सिद्धि विज्ञान  मासिक पत्रिका का प्रकाशन वर्ष 1999 से भोपाल से हो रहा है.
यह पत्रिका साधनाओं के गूढतम रहस्यों को साधकों के लिये  स्पष्ट कर उनका मार्गदर्शन करने में अग्रणी है.

गुरुदेव स्वामी सुदर्शन नाथ जी तथा गुरुमाता साधनाजी के साधनात्मक अनुभव के प्रकाश मे प्रकाशित साधनात्मक ज्ञान आप को स्वयम अभिभूत कर देगा 


[ Sadhana Siddhi Vigayan monthly magazine,a knowledge bank of Tantra, Mantra, Yantra Sadhana]

समस्त प्रकार की साधनात्मक जानकारियों से भरपूर शुद्द पूजन तथा प्रयोगों की जानकारी के लिये
साधना सिद्धि विज्ञान पढें:-

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साधना सिद्धि विज्ञान
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15 अक्तूबर 2014

महालक्ष्मी साधना




॥  ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महा लक्ष्मै नमः ॥


  • भगवती लक्ष्मी का विशेष मन्त्र है.
  • गुलाबी या लाल रंग के वस्त्र तथा आसन का प्रयोग करें.न हों तो कोई भी साफ धुला वस्त्र पहन कर बैठें.
  • अगरबत्ती इत्र आदि से पूजा स्थल को सुगन्धित करें.
  • विवाहित हों तो पत्नी सहित बैठें तो और लाभ मिलेगा.
  •  रात्रि 9 से 5 के बीच यथा शक्ति जाप करें.
  • क्षमता हो तो घी का दीपक लगायें ।

भूलोक के पालन कर्ता हैं भगवान् विष्णु और उनकी शक्ति हैं महामाया महालक्ष्मी ....

इस संसार में जो भी चंचलता है अर्थात गति है उसके मूल में वे ही हैं.....
उनके अभाव में गृहस्थ जीवन अधूरा अपूर्ण अभावयुक्त और अभिशापित है....
लक्ष्मी की कृपा के बिना सुखद गृहस्थ जीवन बेहद कठिन है............... बाकी आप स्वयं समझदार हैं...

11 अक्तूबर 2014

महालक्ष्मी बीज मंत्रम


भूलोक के पालन कर्ता हैं भगवान् विष्णु और उनकी शक्ति हैं महामाया महालक्ष्मी ....

इस संसार में जो भी चंचलता है अर्थात गति है उसके मूल में वे ही हैं.....
उनके अभाव में गृहस्थ जीवन अधूरा अपूर्ण अभावयुक्त और अभिशापित है....
लक्ष्मी की कृपा के बिना सुखद गृहस्थ जीवन बेहद कठिन है...............




॥  श्रीं ॥


  • भगवती लक्ष्मी का बीज मन्त्र है.
  • गुलाबी या लाल रंग के वस्त्र तथा आसन का प्रयोग करें.
  • न हों तो कोई भी साफ धुला वस्त्र पहन कर बैठें.
  • अगरबत्ती इत्र आदि से पूजा स्थल को सुगन्धित करें.
  • विवाहित हों तो पत्नी सहित बैठें तो और लाभ मिलेगा.
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  • रात्रि ९ से ५ के बीच 108 माला या यथा शक्ति जाप करें.
  • क्षमता हो तो घी का दीपक लगायें ।


7 अक्तूबर 2014

सम्मोहन साधना : 8 अक्टूबर 2014 : चंद्रग्रहण



सम्मोहन का मतलब होता है , व्यक्तित्व ऐसा हो की लोग प्रभावित हों आकर्षित हों. यह स्त्री पुरुष आकर्षण के मामले में भर लागु नहीं होता , जीवन के हर क्षेत्र में इसकी आवश्यकता होती है. दुकान भी उसी दुकानदार की ज्यादा चलती है जिसके व्यक्तित्व में ज्यादा आकर्षण या सम्मोहन होता है. पत्नी भी उसी पति की बात मानती है जिससे उसे आकर्षण होता है. बॉस भी उसी कर्मचारी की बातको तवज्जो देता है जिसके व्यक्तित्व में सम्मोहन होता है. जनता भी उसी नेता का अनुसरण करती है जिसका व्यक्तित्व सम्मोहक होता है.

सम्मोहन शारीर या चेहरे की सुन्दरता से नहीं होता वह कुछ ऐसा आतंरिक वाइब्रेशन है जो लोगों को खींचता है . ऐसी ही एक विधि प्रस्तुत है जो आपके अन्दर के सम्मोहन को आकर्षण को बढ़ाएगा.

दिनांक 8 अक्टूबर को चंद्रग्रहण है समय आप केलेंडर में देख लेंगे .
कमोबेश दोपहर को सवा दो बजे से शाम सवा छह बजे तक ग्रहण का समय है .
यह सम्मोहन साधना का सबसे बढ़िया दिवस होता है.

ग्रहण काल में अपनी शक्ति के अनुसार मोती का एक दाना लाकर सामने रख लें. उसके सामने जितना ज्यादा से ज्यादा जाप हो सके निम्न मन्त्र की करें.
|| ॐ सं सम्मोहनाय सम्मोहनाय सं सोमाय नम: ||

इसे हो सके तो उसी दिन पहन लें.
शाम को जब चाँद निकले तब से जब तक आप कर सकें चाँद को देखते हुए इसी मन्त्र का जाप करें. आपकी आँखों में सम्मोहन शक्ति का विकास होगा.

विशेष :- किसी अनुचित कार्य में इसका प्रयोग न करें अन्यथा चन्द्रमा के कुपित होने के फलस्वरूप स्वेत कुष्ट [सफ़ेद दाग] जैसे दाग चेहरे पर आ सकते हैं. जो की लाइलाज होता है.

24 सितंबर 2014

काल भैरव साधना


काल भैरव साधना निम्नलिखित परिस्थितियों में लाभकारी है :-
  • शत्रु बाधा.
  • तंत्र बाधा.
  • इतर योनी से कष्ट.
  • उग्र साधना में रक्षा हेतु.
काल भैरव मंत्र :-

|| ॐ भ्रं काल भैरवाय फट ||

विधि :-
  1. रात्रि कालीन साधना है.अमावस्या, नवरात्रि,कालभैरवाष्टमी, जन्माष्टमी या किसी भी अष्टमी से प्रारंभ करें.
  2. रात्रि 9 से 4 के बीच करें.
  3. काला आसन और वस्त्र रहेगा.
  4. रुद्राक्ष या काली हकिक माला से जाप करें.
  5. १०००,५०००,११०००,२१००० जितना आप कर सकते हैं उतना जाप करें.
  6. जाप के बाद १० वा हिस्सा यानि ११००० जाप करेंगे तो ११०० बार मंत्र में स्वाहा लगाकर हवन  कर लें.

  7. हवन सामान्य हवन सामग्री से भी कर सकते हैं.
  8. काली  मिर्च या  तिल का प्रयोग भी कर सकते हैं.
  9. अंत में एक कुत्ते को भरपेट भोजन करा दें. काला कुत्ता हो तो बेहतर.
  10. एक नारियल [पानीवाला] आखिरी दिन अपने सर से तीन बार घुमा लें, अपनी इच्छा उसके सामने बोल दें. 
  11. किसी सुनसान जगह पर बने शिव या काली मंदिर में छोड़कर बिना पीछे मुड़े वापस आ जाएँ. 
  12. घर में आकर स्नान कर लें. 
  13. दो अगरबत्ती जलाकर शिव और शक्ति से कृपा की प्रार्थना करें. 
  14. किसी भी प्रकार की गलती हो गयी हो तो उसके लिए क्षमा मांगे.
  15. दोनों अगरबत्ती घर के द्वार पर लगा दें.