- तारा साधना जीवन की सर्वश्रेष्ट साधना है.
- यह साधना गुरु दीक्षा और गुरु अनुमति से ही करनी चाहिए.
- भगवती तारा महाविद्या की साधना में गलतियों की छूट नहीं होती. इसलिए अपने पर पूरा विश्वास होने पर ही संकल्प लें.
- सहस्रनाम और कवच का पाठ साथ में करने से अतिरिक्त लाभ होता है.
- भगवती तारा अपने साधक को उसी प्रकार साधना पथ पर आगे लेकर जाती है जैसे एक माँ ऊँगली पकड़कर अपने बच्चे को ले जाती है.
|| ॐ ह्रीं स्त्रीं हूँ फट ||
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इसके
अलावा भी सैकड़ों मंत्र हैं गुरु के निर्देशानुसार उस मन्त्र का जाप करें.