17 सितंबर 2015

गणपति मन्त्रम - ३

॥ ऊं विघ्नेश्वराय नमः ॥

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जीवन की समस्त प्रकार की बाधाओं के निवारण के लिये

गणपति मन्त्रम - २

॥ ऊं वक्रतुन्डाय नमः ॥
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समस्त प्रकार की जटिलताओं के निवारण के लिये

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दिशा = उत्तर ।
वस्त्र = सफ़ेद ।
आसन = सफ़ेद ।
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जप सन्ख्या = २१,२१०,२१००,२१०००.
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गणपति मन्त्रम - ४




गणपति मन्त्रम - १

॥ ऊं गं गणपतये नमः ॥

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दिशा = उत्तर ।
वस्त्र = सफ़ेद ।
आसन = सफ़ेद ।
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जप सन्ख्या = २१,२१०,२१००,२१०००.