28 दिसंबर 2015

रुद्राय नमः



|| ओम  रुद्राय नमः ||

  1. रूद्र  शिव  का  मंत्र है.
  2. ११ माला ११ दिन तक करे.
  3. अत्यंत विवशता के समय में मार्ग प्रदान करेगा.

27 दिसंबर 2015

निखिल पंचकं

 

 

शक्ति स्वरूपं भवदेव रूपं, चिन्त्यम विचिन्त्यम शम्भु स्वरूपम ।

विष्णोर्थवां ब्रह्म तथैव रुपं, गुरुत्वं शरण्यं , गुरुत्वं शरण्यं॥

नारायणोत्वम निखिलेश्वरो त्वम, पूर्णेश्वरो त्वम ज्ञानेश्वरो त्वम ।

ब्रह्मान्ड रूपं मपरं त्वमेवं, गुरुत्वं शरण्यं गुरुत्वं शरण्यं।

मातृ स्वरूपं ,पितृ स्वरूपं, ज्ञान स्वरुपं, चैतन्य रुपं ॥ 

भवतां भवेवं अमृतो sपतुल्यं, गुरुत्वं शरण्यं , गुरुत्वं शरण्यं॥  

देवाधिदेवं भवतां  श्रियन्तुं ,शिष्यत्व रक्षा परिपूर्ण देयं । 

अमृतं भवां पूर्ण मदैव कुम्भं, गुरुत्वं शरण्यं , गुरुत्वं शरण्यं॥ 

कम्पय स्वरूपं गदगद गदेवं, भवतां वदेवं सवितां च सुर्यं । 

सर्वोपमां पूर्ण पूर्णत्व रुपं, गुरुत्वं शरण्यं , गुरुत्वं शरण्यं॥

26 दिसंबर 2015

निखिलधाम






परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [ डा नारायण दत्त श्रीमाली जी ] का यह दिव्य मंदिर है.

इसका निर्माण परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी [Dr. Narayan dutta Shrimali Ji ] के प्रिय शिष्य स्वामी सुदर्शननाथ जी तथा डा साधना सिंह जी ने करवाया है.



यह [ Nikhildham ] भोपाल [ मध्यप्रदेश ] से लगभग २५ किलोमीटर की दूरी पर भोजपुर के पास लगभग ५ एकड के क्षेत्र में बना हुआ है.

यहां पर  महाविद्याओं के अद्भुत तेजस्वितायुक्त विशिष्ठ मन्दिर बनाये गये हैं.













25 दिसंबर 2015

कालभैरव साधना


काल भैरव साधना निम्नलिखित परिस्थितियों में लाभकारी है :-
  • शत्रु बाधा.
  • तंत्र बाधा.
  • इतर योनी से कष्ट.
  • उग्र साधना में रक्षा हेतु.
  • प्रबल पौरुष प्राप्ति हेतु.
काल भैरव मंत्र :-

|| ॐ भ्रं काल भैरवाय फट ||

विधि :-
  1. रात्रि कालीन साधना है.अमावस्या, नवरात्रि,कालभैरवाष्टमी, जन्माष्टमी या किसी भी अष्टमी से प्रारंभ करें.
  2. रात्रि 9 से 4 के बीच करें.
  3. काला आसन और वस्त्र रहेगा.
  4. रुद्राक्ष या काली हकिक माला से जाप करें.
  5. १०००,५०००,११०००,२१००० जितना आप कर सकते हैं उतना जाप करें.
  6. जाप के बाद १० वा हिस्सा यानि ११००० जाप करेंगे तो ११०० बार मंत्र में स्वाहा लगाकर हवन  कर लें.

  7. हवन सामान्य हवन सामग्री से भी कर सकते हैं.
  8. काली  मिर्च या  तिल का प्रयोग भी कर सकते हैं.
  9. अंत में एक कुत्ते को भरपेट भोजन करा दें. काला कुत्ता हो तो बेहतर.
  10. एक नारियल [पानीवाला] आखिरी दिन अपने सर से तीन बार घुमा लें, अपनी इच्छा उसके सामने बोल दें. 
  11. किसी सुनसान जगह पर बने शिव या काली मंदिर में छोड़कर बिना पीछे मुड़े वापस आ जाएँ. 
  12. घर में आकर स्नान कर लें. 
  13. दो अगरबत्ती जलाकर शिव और शक्ति से कृपा की प्रार्थना करें. 
  14. किसी भी प्रकार की गलती हो गयी हो तो उसके लिए क्षमा मांगे.
  15. दोनों अगरबत्ती घर के द्वार पर लगा दें.

अर्ध नारीश्वर मंत्रम


भगवान सदाशिव तथा जगदम्बा की क्रिपा प्राप्ति के लिये मन्त्र :-  
॥ ओम साम्ब सदाशिवाय नम: ॥ 

  1. सवा लाख मन्त्र का एक पुरस्चरण होगा.
  2. शिवलिंग सामने रखकर साधना करें.
  3. समस्त प्रकार की मनोकामना पूर्ती के लिए प्रयोग किया जा सकता है.
  4. किसी अनुचित अनैतिक इच्छा से न करें गंभीर  नुक्सान हो सकता है. 
  5.  

वाग्वादिनी साधना



॥ ऊं नमः पद्मासने शब्द रूपे ऎं ह्रीं क्लीं वद वद वाग्वादिनि स्वाहा ॥


  1. प्रतिदिन 1008 बार जाप.
  2. पूर्णिमा से प्रारंभ कर अगली पूर्णिमा तक करें.
  3. सफ़ेद वस्त्र तथा आसन .
  4. पूर्व दिशा की ओर देखते हुए जाप करें.

लाभ - विद्या तथा एकाग्रता

24 दिसंबर 2015

तंत्रोक्त गुरु पूजन

तांत्रोक्त गुरु पूजन संपन्न करें आपको गुरु कृपा का प्रत्यक्ष अनुभव होगा.