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10 फ़रवरी 2016

वाग्वादिनि साधना



॥ ऊं नमः पद्मासने शब्द रूपे ऎं ह्रीं क्लीं वद वद वाग्वादिनि स्वाहा ॥


  1. प्रतिदिन 1008 बार जाप.
  2. बसंत पंचमी से प्रारंभ कर अगली पूर्णिमा तक करें.
  3. सफ़ेद वस्त्र तथा आसन .
  4. पूर्व दिशा की ओर देखते हुए जाप करें.

लाभ - विद्या तथा एकाग्रता

25 दिसंबर 2015

वाग्वादिनी साधना



॥ ऊं नमः पद्मासने शब्द रूपे ऎं ह्रीं क्लीं वद वद वाग्वादिनि स्वाहा ॥


  1. प्रतिदिन 1008 बार जाप.
  2. पूर्णिमा से प्रारंभ कर अगली पूर्णिमा तक करें.
  3. सफ़ेद वस्त्र तथा आसन .
  4. पूर्व दिशा की ओर देखते हुए जाप करें.

लाभ - विद्या तथा एकाग्रता

22 जनवरी 2015

बसंत पंचमी : बालकों के लिये सरस्वती प्रयोग


बसंत पंचमी यानी सरस्वती सिद्धि दिवस. इस दिन आप अपने बालकों को बुद्धि तथा विद्या के विकास के लिये यह प्रयोग करें:-

  • प्रात: काल स्नानादि करने के बाद आप १०८ बार या यथाशक्ति अपने गुरुमंत्र का जाप करे. यदि गुरु न बनाया हो तो मेरे गुरुमंत्र "ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः " का जाप कर लें.

  • इसके बाद यथा शक्ति सरस्वती के बीज  मंत्र  " ऐं " का जप करे. कम से कम आधा घंटा जाप करना चाहिए .
  • अब केसर या शहद से अपनी तर्जनी ऊँगली से अपने बालक/बालिका के जीभ पर सरस्वती बीज मन्त्र  " ऐं "  को लिखे.
  • बालक/बालिका को यथा शक्ति गुरु मंत्र का जाप करने को कहें.

30 नवंबर 2013

साम्ब सदाशिवाय नमः









||  ऊं रुद्राय पशुपतये साम्ब सदाशिवाय नमः ||










  • शिवलिन्ग के सामने १०८ बार बेल पत्र चढाते हुए जाप करें ।




  • अपने जीवन मे पशुवृत्तियों से उठ कर देवत्व प्राप्ति के लिये सहयोगी साधना ।
  • इस मंत्र में जगदम्बा सहित शिव समाहित हैं.
  • देखने में सरल मगर अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है.





  • 28 जनवरी 2012

    बसंत पंचमी : बालकों के लिये सरस्वती प्रयोग


    बसंत पंचमी यानी सरस्वती सिद्धि दिवस. इस दिन आप अपने बालकों को बुद्धि तथा विद्या के विकास के लिये यह प्रयोग करें:-

    • प्रात: काल स्नानादि करने के बाद आप १०८ बार या यथाशक्ति अपने गुरुमंत्र का जाप करे. "ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः "

    • इसके बाद यथा शक्ति सरस्वती के बीज  मंत्र  " ऐं " का जप करे.
    • अब केसर या शहद से अपने बालक बालिका के जीभ पर सरस्वती बीज मन्त्र को लिखे.
    • उसे यथा शक्ति गुरु मंत्र का जाप करने को कहें. 

    2 अप्रैल 2011

    सरस्वती साधना




    ॥ ऎं श्रीं ऎं ॥ 


    लाभ - विद्या तथा वाकपटुता 



    विधि ---

    1. नवरात्रि में जाप करें.
    2. रात्रि काल में जाप होगा.
    3. रत्रि ९ बजे से सुबह ४ बजे के बीच का समय रात्रि काल है.
    4. सफ़ेद रंग का आसन तथा वस्त्र होगा.
    5. दिशा पूर्व या उत्तर की तरफ़ मुंह करके बैठना है.
    6. हो सके तो साधना स्थल पर ही रात को सोयें.
    7. सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
    8. किसी स्त्री का अपमान न करें.
    9. किसी पर साधन काल में क्रोध न करें.
    10. किसी को ना तो कोसें और ना ही व्यर्थ का प्रलाप करें.
    11. यथा संभव मौन रखें.
    12. साधना में बैठने से पहले हल्का भोजन करें.

    3 फ़रवरी 2011

    सरस्वती साधना




    ॥ वद वद वाग्वादिनी स्वाहा ॥





    1. ब्रह्म मुहुर्त में २१,००० जाप करें.
    2. स्फ़टिक माला का प्रयोग करें
    3. जाप के बाद माला गले मे पहन लें.

    2 फ़रवरी 2011

    वाग्वादिनी साधना



    ॥ ऊं नमः पद्मासने शब्द रूपे ऎं ह्रीं क्लीं वद वद वाग्वादिनि स्वाहा ॥


    1. प्रतिदिन 1008 बार जाप.
    2. पूर्णिमा से प्रारंभ कर अगली पूर्णिमा तक करें.
    3. सफ़ेद वस्त्र तथा आसन .
    4. पूर्व दिशा की ओर देखते हुए जाप करें.

    लाभ - विद्या तथा एकाग्रता

    1 फ़रवरी 2011

    सरस्वती साधना




    ॥ ऎं श्रीं ऎं ॥

    1. कुल १,२५,००० जाप
    2. सफ़ेद वस्त्र तथा आसन
    3. प्रातः ब्रह्म मुहुर्त में जाप सुबह ४ से ६ बजे तक.
    4. साधना काल में किसी को बुरा भला ना कहें
    5. क्रोध से बचें

    लाभ - विद्या तथा वाकपटुता