एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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1 जुलाई 2010
29 जून 2010
उच्छिष्ठ चन्डालिनी मन्त्रम
॥ नमः उच्छिष्ठ चान्डालिनी सुमुखी देवी महापिशाचिनी ह्रीं ठः ठः ॥
यह उच्छिष्ठ चन्डालिनी मन्त्र है इस मन्त्र का जाप करने से अघोर साधनाओं का मार्ग प्रशस्त होता है.
30 मई 2010
नवार्ण मन्त्रम
॥ ऎं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै ॥
यह नवार्ण मन्त्र है.
इसमे ऎं महासरस्वति का बीज मन्त्र है. ह्रीं महालक्ष्मी का तथा क्लीं महकाली का बीज मन्त्र है.
नवरात्रि मे इस मन्त्र का यथा शक्ति जप करने से महामाया कि कॄपा प्राप्त होती है ।
27 मई 2010
महाकाली रक्षा मन्त्रम
:: हुं हुं ह्रीं ह्रीं कालिके घोर दन्ष्ट्रे प्रचन्ड चन्ड नायिके दानवान दारय हन हन शरीरे महाविघ्न छेदय छेदय स्वाहा हुं फट ::
इस मन्त्र का जाप करके रक्षा सूत्र बान्ध सकते हैं. साथ हि विभिन्न प्रकार के रक्षा घेरे के निर्माण मे भी सहायक सिद्ध मन्त्र है
इस मन्त्र का जाप करके रक्षा सूत्र बान्ध सकते हैं. साथ हि विभिन्न प्रकार के रक्षा घेरे के निर्माण मे भी सहायक सिद्ध मन्त्र है
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