8 जुलाई 2010

गणपति स्तवन

सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः | 
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः।
धुम्रकेतुर्धनाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः| 
द्वादशैती नामानि पठेद्श्रुनुयादपी | 
विद्यारंभे विवाहे च संग्रामे संकटे तथा विघ्नस्तस्य न जायते ||

7 जुलाई 2010

हनुमान मन्त्र - २

दिन - मंगलवार, शनिवार । 

आसन और वस्त्र - लाल ।

दिशा - दक्षिण ।


॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट ॥

5 जुलाई 2010

अष्ट्काली मन्त्र

किसी भी मास की कृष्ण पक्ष की प्रथमा तिथि से प्रारम्भ कर के अमावस्या तक  नित्य ३ घंटे रात्रि ९ से ४ के बीच जाप  करें :-

। ऊं अष्टकाल्यै क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं सिद्धिम देहि दापय नमः ।

4 जुलाई 2010

काल भैरव

समस्त प्रकार कि बाधाओं मे सहायक अति तीव्र मन्त्र:-

॥ऊं भ्रं काल भैरवाय फ़ट ॥

3 जुलाई 2010

सूर्य गायत्री मन्त्रम

सूर्य भगवान की क्रपा प्राप्ति के लिये :-

॥ ऊं भास्कराय विद्महे महातेजाय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात ॥

2 जुलाई 2010

शिव मन्त्रम

ऊं नमः शिवाय ह्रीं

सर्व विध ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिये इस मन्त्र का श्रावण मास मे जाप करें

1 जुलाई 2010

गुरु प्राप्ति साधना

साधनाओं का मार्ग गुरु गम्य मार्ग है । यदि आप गुरु की तलाश मे हैं और गुरु की प्राप्ति नही हो पा रही है तो निम्नलिखित गुरु मन्त्र का सवा लाख 

मन्त्र जाप गुरु पूर्निमा तक करें । आपको मार्गदर्शन की प्राप्ति होगी ।


॥ ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः

29 जून 2010

उच्छिष्ठ चन्डालिनी मन्त्रम


॥  नमः उच्छिष्ठ चान्डालिनी सुमुखी देवी महापिशाचिनी ह्रीं ठः ठः ॥



यह उच्छिष्ठ चन्डालिनी मन्त्र है इस मन्त्र का जाप करने से अघोर साधनाओं का मार्ग प्रशस्त होता है.

30 मई 2010

नवार्ण मन्त्रम



  ॥  ऎं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै 



यह नवार्ण मन्त्र है.

इसमे ऎं महासरस्वति का बीज मन्त्र है. ह्रीं महालक्ष्मी का तथा क्लीं महकाली का बीज मन्त्र है.

नवरात्रि मे इस मन्त्र का यथा शक्ति जप करने से महामाया कि कॄपा प्राप्त होती है ।

27 मई 2010

महाकाली रक्षा मन्त्रम

:: हुं हुं ह्रीं ह्रीं कालिके घोर दन्ष्ट्रे प्रचन्ड चन्ड नायिके दानवान दारय हन हन शरीरे महाविघ्न छेदय छेदय स्वाहा हुं फट ::

इस मन्त्र का जाप करके रक्षा सूत्र बान्ध सकते हैं. साथ हि विभिन्न प्रकार के रक्षा घेरे के निर्माण मे भी सहायक सिद्ध मन्त्र है

महाकाली बीज मन्त्रम

क्लीं

य़ह काली का काम बीज मन्त्र है.
१०८ बार नित्य जाप करें.