22 जनवरी 2011

बगलामुखी 36 अक्षरी मन्त्रम

॥ ऊं ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानाम वाचं मुखम पदम स्तम्भय जिह्वाम कीलय बुद्धिम विनाशय ह्लीं ऊं स्वाहा ॥

18 जनवरी 2011

बगलामुखी ध्यान

मध्ये सुधाब्धि मणि मंडप रत्न वेधां, सिंहासनो परिगतां परिपीत्वर्णाम ।

पीताम्बराभरण माल्य विभूषितांगीम ,देवीं नमामि धृतमुद्गर वैरि जिह्वाम ॥

16 जनवरी 2011

भगवती बगलामुखी साधना के लिये सामान्य नियम


भगवती बगलामुखि की साधना सामान्यतः शत्रुनाश और मुकदमों में विजय प्राप्ति के लिये की जाती है.इस साधना के सामान्य नियम :-

  1. साधक को सात्विक आचार तथा व्यवहार रखना चाहिये.
  2. साधना काल में पीले रंग के वस्त्र तथा आसन का उपयोग करॆं.
  3. साधना रात्रिकालीन है अर्थात रात्रि ९ से सुबह ४ के मध्य मन्त्र जाप करें.
  4. साधनाकाल में क्रोध ना करें.
  5. साधना काल में यथासंभव ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  6. साधनाकाल में किसी स्त्री का अपमान ना करें.
  7. हल्दी या पीली हकीक की माला से जाप करें.
  8. साधना करने से पहले गुरु दीक्षा लें गुरु से अनुमति लेकर ही यह साधना करें. यह साधना उग्र साधना है इसलिये नन्हे बालक तथा कमजोर मानसिक स्थिति वाले इस साधना को ना करें.
  9. सामान्यतः सवा लाख जाप का पुरश्चरण तथा १२५०० मन्त्रों से हवन किया जाना अपेक्षित है.
  10. हवन पीली सरसों से किया जायेगा.

12 जनवरी 2011

तान्त्रिक ग्रन्थ

 तन्त्र साधनाओं से संबंधित प्रामाणिक ग्रन्थों के लिये 
संपर्क करें:-

परावाणी आध्यात्मिक शोध संस्थान
श्री चण्डी धाम
अलोपी देवी मार्ग
प्रयाग
211006
फोन - 9450222767
www.paravani.org

11 जनवरी 2011

नव काली




तन्त्र साधनाओं में नौ कालियों का विवेचन है वे हैं:-


  1. दक्षिणकाली.
  2. भद्रकाली.
  3. श्मशानकाली.
  4. कालकाली.
  5. गुह्यकाली.
  6. कामकलाकाली.
  7. धनकाली.
  8. सिद्धिकाली.
  9. चण्डकाली.