एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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17 जुलाई 2013
16 जुलाई 2013
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु के लक्षण
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु के लक्षण :-
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को अपने गुरु का एक अच्छा शिष्य होना चाहिये.
अपने गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण होना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को साधक होना चाहिये.
उसे निरंतर साधना करते रहना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को कम से कम एक महाविद्या सिद्ध होनी चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को वाक सिद्धि होनी चाहिये अर्थात उसे आशिर्वाद और श्राप दोनों देने में सक्षम होना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को पूजन करना और कराना आना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को योग और मुद्राओं का ज्ञान होना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को रस सिद्धि होनी चाहिये, अर्थात पारद के संस्कारों का ज्ञान होना चाहिये.
श्रेष्ठ तांत्रिक गुरु को मन्त्र निर्माण की कला आती है. वह आवश्यकतानुसार मंत्रों का निर्माण कर सकता है और पुराने मंत्रों मे आवश्यकतानुसार संशोधन करने में समर्थ होता है.
13 जुलाई 2013
11 जुलाई 2013
8 जुलाई 2013
गुरु साधना
गुरु मंत्रम:-
॥ ॐ गुं गुरुभ्यो नमः ॥
यदि आप इच्छुक हों तो मेरे गुरु स्वामी सुदर्शननाथ जी से भी निःशुल्क दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं.
7 जुलाई 2013
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना -4
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना
तन्त्रोक्त निखिलेश्वरानंद सिद्धि मन्त्र
|| ॐ निं निखिलेश्वराय सं संमोहनाय निं नमः ||
वस्त्र - सफ़ेद वस्त्र धारण करें.
आसन - सफ़ेद होगा.
समय - प्रातः ४ से ६ बजे का समय सबसे अच्छा है, न हो पाए
तो कभी भी कर सकते हैं.
दिशा - उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए बैठें
पुरश्चरण - तीन लाख मंत्र जाप का होगा
हवन - ३०,००० मंत्रों से
हवन सामग्री - दशांग या घी
विधि :-
सामने गुरु चित्र रखें गुरु यन्त्र या श्री यंत्र हो तो वह भी रखें .
हाथ में पानी लेकर बोले की " मै [अपना नाम ] गुरुदेव परमहंस
स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यह
साधना कर रहा हूँ , वे प्रसन्न हों और मुझपर कृपा करें साधना के
मार्ग पर आगे बढायें ". अब पानी निचे छोड़ दें.
लाभ :-
वर्तमान युग के सर्वश्रेष्ट तंत्र मर्मज्ञ , योगिराज प्रातः स्मरणीय
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा प्राप्त
होगी जो आपको साधना पथ पर तेजी से आगे बढ़ाएगी.
तन्त्रोक्त निखिलेश्वरानंद सिद्धि मन्त्र
|| ॐ निं निखिलेश्वराय सं संमोहनाय निं नमः ||
वस्त्र - सफ़ेद वस्त्र धारण करें.
आसन - सफ़ेद होगा.
समय - प्रातः ४ से ६ बजे का समय सबसे अच्छा है, न हो पाए
तो कभी भी कर सकते हैं.
दिशा - उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए बैठें
पुरश्चरण - तीन लाख मंत्र जाप का होगा
हवन - ३०,००० मंत्रों से
हवन सामग्री - दशांग या घी
विधि :-
सामने गुरु चित्र रखें गुरु यन्त्र या श्री यंत्र हो तो वह भी रखें .
हाथ में पानी लेकर बोले की " मै [अपना नाम ] गुरुदेव परमहंस
स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यह
साधना कर रहा हूँ , वे प्रसन्न हों और मुझपर कृपा करें साधना के
मार्ग पर आगे बढायें ". अब पानी निचे छोड़ दें.
लाभ :-
वर्तमान युग के सर्वश्रेष्ट तंत्र मर्मज्ञ , योगिराज प्रातः स्मरणीय
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा प्राप्त
होगी जो आपको साधना पथ पर तेजी से आगे बढ़ाएगी.
6 जुलाई 2013
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना-3
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना
|| स ह् फ़्रे ह् स क्ष म ल व र यू म ||
वस्त्र - सफ़ेद वस्त्र धारण करें.
आसन - सफ़ेद होगा.
समय - प्रातः ४ से ६ बजे का समय सबसे अच्छा है, न हो पाए तो कभी भी कर सकते हैं.
दिशा - उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए बैठें
पुरश्चरण - सवा लाख मंत्र जाप का होगा
हवन - १२,५०० मंत्रों से
हवन सामग्री - दशांग या घी
विधि :-
सामने गुरु चित्र रखें गुरु यन्त्र या श्री यंत्र हो तो वह भी रखें .
हाथ में पानी लेकर बोले की " मै [अपना नाम ] गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यह प्रयोग कर रहा हूँ , वे प्रसन्न हों और मुझपर कृपा करें साधना के मार्ग पर आगे बढायें ". अब पानी निचे छोड़ दें.
लाभ :-
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा प्राप्त होगी जो आपको साधना पथ पर तेजी से आगे बढ़ाएगी.
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद साधना
|| स ह् फ़्रे ह् स क्ष म ल व र यू म ||
वस्त्र - सफ़ेद वस्त्र धारण करें.
आसन - सफ़ेद होगा.
समय - प्रातः ४ से ६ बजे का समय सबसे अच्छा है, न हो पाए तो कभी भी कर सकते हैं.
दिशा - उत्तर या पूर्व की ओर देखते हुए बैठें
पुरश्चरण - सवा लाख मंत्र जाप का होगा
हवन - १२,५०० मंत्रों से
हवन सामग्री - दशांग या घी
विधि :-
सामने गुरु चित्र रखें गुरु यन्त्र या श्री यंत्र हो तो वह भी रखें .
हाथ में पानी लेकर बोले की " मै [अपना नाम ] गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए यह प्रयोग कर रहा हूँ , वे प्रसन्न हों और मुझपर कृपा करें साधना के मार्ग पर आगे बढायें ". अब पानी निचे छोड़ दें.
लाभ :-
पूज्यपाद गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंदजी की कृपा प्राप्त होगी जो आपको साधना पथ पर तेजी से आगे बढ़ाएगी.
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