4 जून 2011

डा. साधना सिंह : जन्म दिवस


मेरी आदरणीय गुरुमाता : डा. साधना सिंह


आज जिनका जन्मदिवस है.

निखिलकृपा से आप शतायु हों.....

शिष्यों पर आप अपना वात्सल्य इसी प्रकार लुटाती रहें......

और

साधकॊं को मार्गदर्शन देती रहें...........



 निरोगधाम तथा अन्यान्य पत्रिकाओं में होम्योपैथी तथा योग पर विहंगम लेख लिखने वाली योग विशेषज्ञ, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त होमियोपैथी विशेषज्ञ, और गुरुदेव डा. नारायण दत्त श्रीमाली जी की प्रिय शिष्या, गुरुमाता डा. साधना सिंह

डा. साधना सिंह तन्त्र क्षेत्र की गिनी चुनी स्त्री गुरुओं में से एक हैं, जो दश महाविद्या साधनाओं मे अग्रणी हैं.


 -:   गुरुवचन  :-




ज्ञान की इतनी ऊंचाई पर बैठ्कर भी साधकों तथा जिज्ञासुओं के लिये वे सहज ही उपलब्ध हैं. आप यदि साधनात्मक मार्गदर्शन चाहते हैं तो आप भी संपर्क कर सकते हैं.

गुरु माता डा. साधना सिंह जी से सीधे सम्पर्क का समय :
दोपहर १ से  बजे तक (रविवार अवकाश)
दूरभाष : (0755) --- 4221116








31 मई 2011

धूमावती मंत्रम



॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥

  • सर्व बाधा निवारण हेतु.

  • मंगल या शनिवार से प्रारंभ करें.

  •  ब्रह्मचर्य का पालन करें. 

  • सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें. 

  • यथा संभव मौन रहें. 

  • अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें. 

  • सफ़ेद वस्त्र पहनकर सफ़ेद आसन पर बैठ कर  जाप करें.  

  • यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें. 

  • बेसन के पकौडे का भोग लगायें. 

  • जाप के बाद भोग को निर्जन स्थान पर छोड कर वापस मुडकर देखे बिना लौट जायें.

  • ११००० जाप करें.
  •  
  • जाप पूरा हो जाने पर किसी गरीब विधवा स्त्री को भोजन तथा सफ़ेद साडी दान में दें.

25 मई 2011

शिव




शिव शक्ति मंत्रम:-

॥ ॐ सांब सदाशिवाय पशुपतये नमः ॥

  • इस मंत्र का ३ लाख जाप करें.
  • रुद्राक्ष की माला से जाप होगा.
  • साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  • ईशान [ पूर्व और उत्तर के बीच की दिशा {North-East}] की ओर देखते हुए जाप करें.

22 मई 2011

हनुमान मन्त्र -७




ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं रुद्ररूपाय महासिद्धाय ह्रीं ह्रीं ह्रीं नमः

  • यह तान्त्रिक बीज मन्त्र युक्त मन्त्र है.  
  • जाप प्रारंभ करने से पहले अपनी मनोकामना प्रभु के सामने व्यक्त करें. 
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें. 
  • एक समय भोजन करें. बीच में चाहें तो फ़लाहार कर सकते हैं.
  • दक्षिण दिशा में मुख करके वज्रासन या वीरासन में बैठें. 
  • रात्रि ९ से ३ के बीच जाप करें. 
  • लाल वस्त्र पहनकर लाल आसन पर बैठ कर  जाप करें. 
  • गुड तथा चने का भोग लगायें. 
  • यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें.
  • ११००० जाप करें ११०० मन्त्रों से हवन करें. 
  • साधना पूर्ण होने पर एक छोटे बालक को उसकी पसंद का वस्त्र लेकर दें.

21 मई 2011

हनुमान मन्त्र - हवन विधि




  • पहले एक हवन कुंड या पात्र में लकडियां जमायें.
  • अब उसमें "आं अग्नये नमः" मंत्र बोलते हुए आग लगायें.
  • ७ बार "ॐ अग्नये स्वाहा"  मंत्र से आहुति डालें.
  • ३ बार "ॐ गं गणपतये स्वाहा"  मंत्र से आहुति डालें.
  • ३ बार "ॐ भ्रं भैरवाय स्वाहा"  मंत्र से आहुति डालें.
  • २१ बार "ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः स्वाहा"  मंत्र से आहुति डालें.
  • अब जिस हनुमान मन्त्र का जाप कर रहे थे उस मन्त्र से स्वाहा लगाकर  १०८ बार आहुति डालें.
  • अंत में अपने दोनों कान पकडकर गलतियों के लिये क्षमा मांगे.

18 मई 2011

हनुमान मन्त्र -६




॥ ॐ पंचमुखाय महारौद्राय कपिराजाय नमः ॥

  • सर्व विध मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये .

  • ब्रह्मचर्य का पालन करें.

  • सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.

  • यथा संभव मौन रहें. अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें.

  • लाल वस्त्र पहनकर लाल आसन पर बैठ कर  जाप करें. 

  • बेसन लड्डू  का भोग लगायें. 

  • यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें.

  • २१००० जाप करें.

  • साधना काल में हर मंगलवार हनुमान मंदिर में चोला चढायें.

  •  १०८ रुद्राक्ष के दानों को घी में मिलाकर हवन करें.

15 मई 2011

हनुमान मन्त्र -5






॥ ॐ प्रचंड वीराय हनुमत रुद्रात्मकाय हूं फ़ट ॥
  • दक्षिण दिशा में मुख करके वज्रासन या वीरासन में बैठें. 
  • लाल वस्त्र पहनकर लाल आसन पर बैठ कर  जाप करें. 
  • केले का भोग लगायें.
  • यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें. 
  • २१००० जाप करें .
  • रुद्राक्ष के दानों को घी में मिलाकर हवन करें.