21 मई 2011

हनुमान मन्त्र - हवन विधि




  • पहले एक हवन कुंड या पात्र में लकडियां जमायें.
  • अब उसमें "आं अग्नये नमः" मंत्र बोलते हुए आग लगायें.
  • ७ बार "ॐ अग्नये स्वाहा"  मंत्र से आहुति डालें.
  • ३ बार "ॐ गं गणपतये स्वाहा"  मंत्र से आहुति डालें.
  • ३ बार "ॐ भ्रं भैरवाय स्वाहा"  मंत्र से आहुति डालें.
  • २१ बार "ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः स्वाहा"  मंत्र से आहुति डालें.
  • अब जिस हनुमान मन्त्र का जाप कर रहे थे उस मन्त्र से स्वाहा लगाकर  १०८ बार आहुति डालें.
  • अंत में अपने दोनों कान पकडकर गलतियों के लिये क्षमा मांगे.

13 टिप्‍पणियां:

  1. sadharan puja pat krne ke liye bhi isi prakar se havan kre ya sabhi devi devtavo kee pooja ke bad alag alag prakar ke havan karna hoga

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  2. Dr.sahab.ji.kirpa.hanuman.ji.ka.hawen.puri.vidhi.se.bataey.kya.kya.vastuo.ki.jarurat.pareygi.kirpa.sir.puri.vidhi.batay.taaki.ham.jase.murkho.ko.bhi.hawan.karne.ka.pata.chele.aap.ke.aabahari.rahnge.marg.darsak.karne.waala.guruji.ka.darja.ho.jaata.h.mery.parbhu

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  3. प्रिय बंधू ,
    हनुमान जी स्वतन्त्र तंत्र के अधीन आते हैं , उनकी पूजा और हवन दोनों में विधि विधान से ज्यादा भाव को महत्त्व दिया जाता है | इसलिए उपरोक्त विधि से हवन पर्याप्त है |
    विशिष्ट हवन के लिए आप
    https://drive.google.com/file/d/0B2iZJbmzscZAM2Y1YWE2NjUtM2ZiYy00ZWE1LWIzMzItMTlhYmE3N2Y3NTcy/view?usp=sharing
    क्लिक कर जानकारी ले सकते हैं

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  4. सर आपको प्यार भरा नमस्ते


    प्रिय सर विष्णु जि का हवन केसे करते है
    रिप्लाय दे

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    1. आप हनुमान मन्त्र की जगह विष्णु मन्त्र का प्रयोग कर सकते हैं | जो विधि दी गयी है उसमे पहले अग्नि पूजन है फिर श्री गणेश श्री भैरव तथा गुरु पूजन है | इसके बाद आपका जो भी इष्ट है उसके मन्त्र से हवन कर सकते हैं | यह सामान्य विधि है |

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  5. Guruji pranaam
    Hanuman ji k liye hawan karne par kaon kaon si lakdi aur kitne vajan ka Lena hoga

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    1. आम की लकड़ी का प्रयोग करें | 108 आहुति के लिए 1 से 2 किलो लकड़ी पर्याप्त होगी |

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  6. हनुमान जी कि पुजा,हवश करने से पहले ऊनके स्वरूप के बारे मैं जानकारी होनी अतिआवश्यक है शासत्रो मैं लिखा है हनुमान जी के गदा लेफट हाथ(बाँये)मैं होनी चाहिये और पुछँ राईट(दाहिने)साई कि और होनी चाहिये ,धी सिन्दूर का तिलक व चोला चढाना चाहिये ,तेल सिन्दूर शनि,राहू,केतु,भौरु नकारात्मक देवताओ के चढता है पुजा मैं तीन चिजो का सही होना जरुरी है शब्द(मंत्र,स्तुती,पाढ ),स्वरूप(मुर्ती,फोटो) मन के भाव तीनो का सही होना आवश्यक है एक भी गलत होने से फल नही मिलता है

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    1. विधि विधान की जटिलता से ज्यादा जरुरी है साधक का भाव, इष्ट के प्रति श्रध्हा तथा सरलता |

      बाकी जो भी आपने लिखा है वह साधकों के लिए उपयुक्त हो सकता है | किस ग्रन्थ या शास्त्र में ऐसा लिखा है उसका सन्दर्भ भी देने से साधक ज्यादा लाभान्वित होते

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  7. Sir khatu shyan ji ki jo kando par ya uplo par jyot jali jati hai uski vidhi bataye

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  8. घर में हर मंगलवार को हवन कर सकते हैं क्या

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