एक प्रयास सनातन धर्म[Sanatan Dharma] के महासमुद्र मे गोता लगाने का.....कुछ रहस्यमयी शक्तियों [shakti] से साक्षात्कार करने का.....गुरुदेव Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji [ Nikhileswaranand Ji] की कृपा से प्राप्त Mantra Tantra Yantra विद्याओं को समझने का...... Kali, Sri Yantra, Laxmi,Shiv,Kundalini, Kamkala Kali, Tripur Sundari, Maha Tara ,Tantra Sar Samuchhay , Mantra Maharnav, Mahakal Samhita, Devi,Devata,Yakshini,Apsara,Tantra, Shabar Mantra, जैसी गूढ़ विद्याओ को सीखने का....
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1 अक्तूबर 2013
30 सितंबर 2013
नवरात्रि साधना : सामान्य जानकारियां
- साधना के अनुसार दिए गए रंग के वस्त्र तथा आसन का प्रयोग करें.
- साधना कक्ष एकांत होना चाहिए.
- ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है,
- साधनाकाल में प्रत्येक स्त्री को मातृवत मानकर सम्मान दें
- रुद्राक्ष की माला से जाप कर सकते हैं.
- उत्तर दिशा की ओर देखते हुए जाप करें.
- पहले दिन जाप से पहले हाथ में पानी लेकर कहे की " मै [अपना नाम लें ] अपनी [इच्छा बोले] की पूर्ति के लिए यह जाप कर रहा हूँ, आप कृपा कर यह इच्छा पूर्ण करें "
- पहले गुरु मंत्र की एक माला जाप करें फिर साधना मंत्र का जाप करें.
- अंत में पुनः गुरु मंत्र की एक माला जाप करें.
- नौ दिन में कम से कम २१ हजार मन्त्र जाप करें. ज्यादा कर सकें तो ज्यादा बेहतर है.
- अपने सामने माला या अंगूठी [जो आप हमेशा पहनते हैं ] को रख कर मन्त्र जप करेंगे तो वह मंत्रसिद्ध हो जायेगा और भविष्य मे रक्षाकवच जैसा कार्य करेगा.
साधना करने से पहले किसी तांत्रिक गुरु से दीक्षा ले लेना श्रेष्ट होता है.
महाकाल रमणी : महाविद्या काली साधना
॥ क्रीं महाकाल्यै नमः ॥
विधि ---
- नवरात्रि में जाप करें.
- रात्रि काल में जाप होगा.
- रत्रि ९ बजे से सुबह ४ बजे के बीच का समय रात्रि काल है.
- काले रंग का आसन तथा वस्त्र होगा.
- दिशा दक्षिण की तरफ़ मुंह करके बैठना है.
- हो सके तो साधना स्थल पर ही रात को सोयें.
- किसी स्त्री का अपमान न करें.
- किसी पर साधन काल में क्रोध न करें.
- किसी को ना तो कोसें और ना ही व्यर्थ का प्रलाप करें.
- यथा संभव मौन रखें.
- साधना में बैठने से पहले हल्का भोजन करें.
नवरात्रि विशेष : त्रिपुरसुन्दरी महाविद्या साधना
॥ ह्रीं क ए इ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॥
लाभ - सर्व ऐश्वर्य प्रदायक साधना है.
विधि ---
- नवरात्रि में जाप करें.
- रात्रि काल में जाप होगा.
- रत्रि ९ बजे से सुबह ४ बजे के बीच का समय रात्रि काल है.
- गुलाबी रंग का आसन तथा वस्त्र होगा.
- दिशा उत्तर की तरफ़ मुंह करके बैठना है.
- हो सके तो साधना स्थल पर ही रात को सोयें.
- सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
- किसी स्त्री का अपमान न करें.
- किसी पर साधन काल में क्रोध न करें.
- किसी को ना तो कोसें और ना ही व्यर्थ का प्रलाप करें.
- यथा संभव मौन रखें.
- साधना में बैठने से पहले हल्का भोजन करें.
- बहुत आवश्यक हो तो पत्नी से संपर्क रख सकते हैं.
नवरात्रि विशेष : छिन्नमस्ता महाविद्या साधना
- यह साधना एक प्रचंड साधना है.
- इस साधना में मार्गदर्शक गुरु का होना जरूरी है.
- दीक्षा लेने के बाद ही इस साधना को करें.
- कमजोर मानसिक स्थिति वाले बच्चे तथा महिलायें इसे ना करें क्योंकि इस साधना के दौरान डरावने अनुभव हो सकते हैं.
- प्रबल से प्रबल तंत्र बाधा की यह अचूक काट है.
- हर प्रकार के तांत्रिक प्रयोग को, प्रयोग करने वाले सहित ध्वस्त करने में इस साधना का कोई जवाब नहीं है.
॥ श्रीं ह्रीं क्लीं ऎं व ज्र वै रो च नी यै हुं हुं फ़ट स्वाहा ॥
नोट:- यह साधना गुरुदीक्षा लेकर गुरु अनुमति से ही करें....
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