॥ ह्रीं क ए इ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॥
लाभ - सर्व ऐश्वर्य प्रदायक साधना है.
विधि ---
- नवरात्रि में जाप करें.
- रात्रि काल में जाप होगा.
- रत्रि ९ बजे से सुबह ४ बजे के बीच का समय रात्रि काल है.
- गुलाबी रंग का आसन तथा वस्त्र होगा.
- दिशा उत्तर की तरफ़ मुंह करके बैठना है.
- हो सके तो साधना स्थल पर ही रात को सोयें.
- सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
- किसी स्त्री का अपमान न करें.
- किसी पर साधन काल में क्रोध न करें.
- किसी को ना तो कोसें और ना ही व्यर्थ का प्रलाप करें.
- यथा संभव मौन रखें.
- साधना में बैठने से पहले हल्का भोजन करें.
- बहुत आवश्यक हो तो पत्नी से संपर्क रख सकते हैं.
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