ऊं अग्नये नमः .........७ बार इस मन्त्र का जाप करें तथा आग जला लें ।
ऊं गुरुभ्यो नमः ..... २१ बार इस मन्त्र का जाप करें ।
ऊं अग्नये स्वाहा ...... ७ आहुति (अग्नि मे डालें)
ऊं गं स्वाहा ..... १ बार
ऊं भैरवाय स्वाहा ..... ११ बार
ऊं गुरुभ्यो नमः स्वाहा .....१६ बार
ऊं गं गणपतये स्वाहा ..... १०८ बार
अन्त में कहें कि गणपति भगवान की कृपा मुझे प्राप्त हो....
गलतियों के लिये क्षमा मांगे.....
तीन बार पानी छिडककर शांति शांति शांति ऊं कहें.....
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