2 अप्रैल 2011

चामुण्डा साधना




  ॥    ऐं 
ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै  ॥


यह नवार्ण मन्त्र है.

इसमे 

ऐं  महासरस्वति का बीज मन्त्र है.

ह्रीं महालक्ष्मी का बीज मन्त्र है.

क्लीं महकाली का बीज मन्त्र है.


इससे तीनों देवियों की कृपा मिलती है.

नवरात्रि मे इस मन्त्र का यथा शक्ति जप करने से महामाया की कॄपा प्राप्त होती है .

विधि ---
नवरात्रि में जाप करें.
रात्रि काल में जाप होगा.
रत्रि ९ बजे से सुबह ४ बजे के बीच का समय रात्रि काल है.
लाल रंग का आसन तथा वस्त्र होगा.
दिशा पूर्व या उत्तर की तरफ़ मुंह करके बैठना है.
हो सके तो साधना स्थल पर ही रात को सोयें.
सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें.
किसी स्त्री का अपमान न करें.
किसी पर साधन काल में क्रोध न करें.
किसी को ना तो कोसें और ना ही व्यर्थ का प्रलाप करें.
यथा संभव मौन रखें.
साधना में बैठने से पहले हल्का भोजन करें.
बहुत आवश्यक हो तो पत्नी से संपर्क रख सकते हैं.

6 टिप्‍पणियां:

आपके सुझावों के लिये धन्यवाद..
आपके द्वारा दी गई टिप्पणियों से मुझे इसे और बेहतर बनाने मे सहायता मिलेगी....
यदि आप जवाब चाहते हैं तो कृपया मेल कर दें . अपने अल्पज्ञान से संभव जवाब देने का प्रयास करूँगा.मेरा मेल है :-
dr.anilshekhar@gmail.com