21 मार्च 2012

नवरात्रि विशेष : सर्व तन्त्र बाधा निवारण हेतु : छिन्नमस्तका साधना

नवरात्रि में महाविद्यायें जागृत और चैतन्य हो जाती हैं.


महाविद्याओं में सबसे संहारक महाविद्या है छिन्नमस्तका...


इनका स्वरूप बहुत ही उग्र तथा अद्भुत है...


ये अपने साधक की सभी प्रकार की तांत्रिक/मांत्रिक बाधायें चाहे वे किसी भी प्रकार की हों समूल नष्ट कर जाती हैं.....





॥ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै फ़ट॥


नवरात्रि में जाप करें.जाप रात्रि ९ से ३ के बीच करें.


ब्रह्मचर्य का पालन करें. 

सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें. 

यथा संभव मौन रहें. 

अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें. 


किसी स्त्री का भूलकर भी अपमान ना करें.

लाल वस्त्र पहनकर लाल कंबल के आसन पर बैठ कर  जाप करें.  

यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें. 




२१००० जाप करें. 




नवमी को मंत्र के आखिर में स्वाहा लगाकर २१०० मंत्रों से हवन करें.


हवन की भस्म को प्रभावित स्थल या घर पर छिडक दें. शेष भस्म को नदी में प्रवाहित करें.

जाप पूरा हो जाने पर किसी सुहागिन गरीब स्त्री को भोजन तथा लाल साडी दान में दें.

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