6 अक्टूबर 2011

रावण साधना मंत्र


रावण एक महासिद्ध तांत्रिक भी था.
वह महामाया और भगवान शिव का परम शिष्य था. 


उनके द्वारा रचित तंत्र ग्रंथ है "क्रियोड्डीश तंत्रम".


रावण के द्वारा लिखे गये शिव तांडव स्तोत्र का ही पाठ शिवपूजन के अंत में किया जाता है.


रावण की साधना का एक मंत्र   :-


" लां  लां लां लंकाधिपतये  लीं लीं लीं लंकेशं लूं लूं लूं लोल जिह्वां, शीघ्रं आगच्छ आगच्छ चंद्रहास खङेन मम शत्रुन विदारय विदारय मारय मारय काटय काटय हूं फ़ट स्वाहा "







  • यह एक अति उग्र मंत्र है. 
  • कमजोर दिल वाले तथा बच्चे और महिलायें इस मंत्र को न करें.
  • अपने गुरु से अनुमति लेकर ही इस साधना को करें.
  • साधना काल में भयानक अनुभव हो सकते हैं.

  • दक्षिण दिशा में देखते हुए दोनों हाथ ऊपर उठाकर जाप करना है.
  • २१००० मंत्र जाप रात्रि काल में करें.
  • २१०० मंत्र से हवन करें.

  • बिना डरे जाप पूर्ण करें.
  • दशानन रावण की कृपा प्राप्ति होगी.

2 टिप्‍पणियां:

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