27 जून 2012

कामकला काली माहात्म्य






राज्यं दद्याद्ध्नं दद्यात स्त्रियं दद्याच्छिरस्तथा ।

न तु कामकलाकालीं दद्यात्कस्मापि क्वचित ॥






महाकाल और महाकाली तंत्र के अधिष्टाता हैं . महाकाल और महाकाली का सबसे तेजस्वी और अद्भुत स्वरुप है कामकला काली . तंत्र साधना में इस साधना को सर्वस्व प्रदायक साधना कहा गया है इस साधना से परे कोई साधना नहीं है सभी साधनाएं इसी साधना में समाहित हैं.






साधनाओं के क्षेत्र में कामकला काली की साधना को सर्वोपरि माना जाता है, इसके लिये कहा गया है कि प्राण का दान देकर भी यह विद्या मिल जाये तो इसे सप्रयास ग्रहण करना चाहिये ।
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