॥ ॐ पंचमुखाय महारौद्राय कपिराजाय नमः ॥
ब्रह्मचर्य का पालन किया जाना चाहिये. साधना का समय रात्रि ९ से सुबह ६ बजे तक. साधना कक्ष में हो सके तो किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश न दें. जाप संख्या ११,००० होगी. प्रतिदिन चना,गुड,बेसन लड्डू,बूंदी में से किसी एक वस्तु का भोग लगायें. हवन ११०० मन्त्र का होगा, इसमें जाप किये जाने वाले मन्त्र के अन्त में स्वाहा लगाकर सामग्री अग्नि में डालना होता है. हवन सामग्री में गुड का चूरा मिला लें. वस्त्र तथा आसन लाल रंग का होगा. रुद्राक्ष की माला से जाप होगा.
kya aap vistaar purwak danik puja kese ki jati hai uske baare me jankri de sakte hai
जवाब देंहटाएंkon se mantra
kis cheej ke baad kya karna hai
step by step
kon se aarti
hawan
sankh
jal
bhog
tilak
mala
fuul
etcccc
इस साधना का क्या फल है
जवाब देंहटाएंइस साधना को सम्पन करने के बाद किस तरह का फल प्राप्त होगा और इसके प्रोयोग क्या है |
साधना में आने वाली परशानी
आसन और शरीर कीलन किए बेगार क्या ये साधना सम्पन हो सकती है
क्या ये सोम्य या उग्र दोनों में से कोन सी साधना है
कृपा मेरा मार्गदर्शन किजए
योगेश शर्मा