2 अप्रैल 2013

धूमावती





॥ धूं धूं धूमावती ठः ठः ॥


  • सर्व बाधा निवारण हेतु.

  • मंगल या शनिवार से प्रारंभ करें.

  •  ब्रह्मचर्य का पालन करें. 

  • सात्विक आहार तथा आचार विचार रखें. 

  • यथा संभव मौन रहें. 

  • अनर्गल प्रलाप और बकवास न करें. 

  • सफ़ेद वस्त्र पहनकर सफ़ेद आसन पर बैठ कर  जाप करें.  

  • यथाशक्ति जाप जोर से बोल कर करें. 

  • बेसन के पकौडे का भोग लगायें. 

  • जाप के बाद भोग को निर्जन स्थान पर छोड कर वापस मुडकर देखे बिना लौट जायें.

  • ११००० जाप करें. ११०० मंत्रों से हवन करें.मंत्र के आखिर में स्वाहा लगाकर हवन सामग्री को आग में छोडें. हवन की भस्म को प्रभावित स्थल या घर पर छिडक दें. शेष भस्म को नदी में प्रवाहित करें.

  •  
  • जाप पूरा हो जाने पर किसी गरीब विधवा स्त्री को भोजन तथा सफ़ेद साडी दान में दें.

3 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीया अनिल जी

    नमस्कार |

    क्या यह साधना कोई भी व्यक्ति कर सकता है ? क्या घर मे भी कर सकते है ? कृपया मार्गदर्शन करे |

    दीपक
    guptadeepak090@gmail.com

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    उत्तर
    1. dear deepak,

      yah sadhana koi bhi kar sakta hai.

      ise ghar me bhi kiya ja sakta hai.

      yadi guru diksha li ho to unse anumati lekar sadhana karen.
      yadi guru diksha na li ho to maata dhumavati ko guru mankar sadhana kar len.


      brahmacharya ka palan anivarya hai.
      kisi stri ka apman na karen.

      हटाएं
  2. dear deepak,

    yah sadhana koi bhi kar sakta hai.

    ise ghar me bhi kiya ja sakta hai.

    yadi guru diksha li ho to unse anumati lekar sadhana karen.
    yadi guru diksha na li ho to maata dhumavati ko guru mankar sadhana kar len.


    brahmacharya ka palan anivarya hai.
    kisi stri ka apman na karen.

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