11 जून 2013

गुरु साधना





  • गुरु, साधना जगत का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है.



  • गुरु, जब साधक को दीक्षा देता है तो उसका दूसरा जन्म होता है, तब वह द्विज कहलाता है.



  • जिस रास्ते पर चलकर गुरु ने सफ़लता प्राप्त की उस मार्ग से शिष्य को मातृवत उंगली पकड कर चलना सिखाता है,  तब जाकर साधक दैवीय साक्षात्कार का पात्र बनता है.



  • ना गुरोरधिकम....ना गुरोरधिकम...ना गुरोरधिकम...









  • गुरु मंत्रम:-




    ॥ ॐ गुं गुरुभ्यो नमः ॥









    • सफ़ेद वस्त्र तथा आसन पहनकर जाप करें.




    • रुद्राक्ष या स्फ़टिक की माला श्रेष्ठ है.



    • माला न हो तो ऐसे भी जाप कर सकते हैं.



    • सवा लाख मंत्र जाप करें. आपको गुरु की प्राप्ति होगी.








    • यदि आप इच्छुक हों तो मेरे गुरु स्वामी सुदर्शननाथ जी से भी निःशुल्क दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं.


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