27 अप्रैल 2014

हनुमान मंत्र -1






    ॥ ॐ पंचमुखाय महारौद्राय कपिराजाय नमः ॥ सबसे पहले गुरु यदि हों तो उनके मंत्र की एक माला जाप करें. यदि न हों तो मेरे गुरुदेव 
     
    परम हंस स्वामी निखिलेस्वरानंद जी 
    [ डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी ]
    को गुरु मानकर निम्नलिखित मंत्र की एक माला जाप कर लें.
    || ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ||
    इसके बाद आप जाप प्रारंभ करें. गुरु मन्त्र का जाप करने से साधना में बाधा नहीं आती और सफलता जल्दी मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
    हनुमान जी की साधना के सामान्य नियम निम्नानुसार होंगे :-
    1. ब्रह्मचर्य का पालन किया जाना चाहिये.
    2. साधना का समय रात्रि ९ से सुबह ६ बजे तक.
    3. साधना कक्ष में हो सके तो किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश न दें.
    4. आसन तथा वस्त्र लाल या सिंदूरी रंग का रखें.
    5. जाप संख्या ११,००० होगी.
    6. प्रतिदिन चना,गुड,बेसन लड्डू,बूंदी में से किसी एक वस्तु का भोग लगायें.
    7. हवन ११०० मन्त्र का होगा, इसमें जाप किये जाने वाले मन्त्र के अन्त में स्वाहा लगाकर सामग्री अग्नि में डालना होता है.
    8. हवन सामग्री में गुड का चूरा मिला लें.
    9. रुद्राक्ष की माला से जाप होगा.

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