4 अगस्त 2015

अघोरेश्वर महादेव साधना

नोट -  
  • केवल अघोर पंथ में दीक्षित  साधकों के लिए है.
  • यह साधना अनुभवी साधक की देख रेख में ही करें.
  • गुरु से अनुमति लेकर ही यह साधना करेंगे.





॥ ऊं अघोरेश्वराय महाकालाय नमः ॥
  • १,२५,००० मंत्र का जाप .
  • दिगंबर/नग्न  अवस्था में जाप करें
  • अघोरी साधक श्मशान की चिताभस्म का पूरे शारीर पर लेप करके जाप करते हैं. 
  • लेकिन गृहस्थ साधकों के लिए  चिताभस्म निषिद्ध है. वे इसका उपयोग नहीं  करें. यह गम्भीर  नुकसान कर सकता है.
  • गृहस्थ साधक अपने शरीर पर गोबर के कंडे  की राख से त्रिपुंड बनाएं . यदि सम्भव हो तो पूरे शरीर पर लगाएं.
  • जाप के बाद स्नान करने के बाद सामान्य कार्य कर सकते हैं.
  • जाप से प्रबल ऊर्जा उठेगी, किसी पर क्रोधित होकर या स्त्री सम्बन्ध से यह उर्जा विसर्जित हो जायेगी . इसलिए पूरे साधना काल में क्रोध और काम से बचकर रहें.
  • शिव कृपा होगी.
  • रुद्राक्ष पहने तथा रुद्राक्ष की माला से जाप करें.
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 ---------------------शिव शासनतः--------------------
--------------------------शिव शासनतः------------------------
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---------------------- न गुरोरधिकम --------------------
-------------------------- न गुरोरधिकम ------------------------
------------------------------ न गुरोरधिकम ----------------------------

3 टिप्‍पणियां:

  1. सर्वोत्तम जानकारी उपलब्ध करवाने हेतु कौटिशः अभिनंदन है!! यह स्वयं सिद्ध है!!

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  2. प्रनाम सर
    मेरे नसीब मे दीक्षा का योग लगता नई।दीक्षा मिलती ही नई।
    तो क्या बिना दीक्षा के मे ये मन्त्र का जाप कर सक्ता हू?

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    1. भगवान् शिव को गुरु मानकर उनसे अनुमति मांगे | २१ हजार मन्त्र जाप "ॐ नमः शिवाय " का करें | उसके बाद जाप कर लें | किसी गलत कामना के साथ न करें |

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