॥ ऊं अघोरेश्वराय महाकालाय नमः ॥
- १,२५,००० मंत्र का जाप .
- रोज निश्चित संख्या में जाप ज्यादा लाभदायक होता है .
- दूध में एक चम्मच घी मिलकर रात्रि को पियें यह साधना से उत्पन्न प्रचंड ऊष्मा को शारीर में सँभालने की ताकत देगा .
- दिगंबर/नग्न अवस्था में जाप करें
- गृहस्थ साधक अपने शरीर पर गोबर के कंडे की राख से त्रिपुंड बनाएं . यदि सम्भव हो तो पूरे शरीर पर लगाएं.
- जाप के बाद स्नान करने के बाद सामान्य कार्य कर सकते हैं.
- जाप से प्रबल ऊर्जा उठेगी, किसी पर क्रोधित होकर या स्त्री सम्बन्ध से यह उर्जा विसर्जित हो जायेगी . इसलिए पूरे साधना काल में क्रोध और काम से बचकर रहें. संभव हो तो स्त्री स्पर्श से भी बचें .
- टी.वी. सिनेमा, रस रंग से दूर रहें
- शिव कृपा होगी.
- अनिवार्य रूप से रुद्राक्ष पहने तथा रुद्राक्ष की माला से ही जाप करें.जाप के बाद वाही माला गले में धारण कर सकते हैं |
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