28 सितंबर 2016

शिवषडक्षरस्तोत्र साधना






शिवषडक्षरस्तोत्र साधना
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ऊँकारं बिंदुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिन:।
कामदं मोक्षदं चैव ओंकाराय नमो नम:।।
नमंति ऋषयो देवा नमंत्यप्सरसां गणा:।
नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो नम:।।
महादेवं महात्मानं महाध्यानं परायणम्।
महापापहरं देवं मकाराय नमो नम:।।
शिवं शान्तं जगन्नाथं लोकनुग्रहकारकम्।
शिवमेकपदं नित्यं शिकाराय नमो नम:।।
वाहनं वृषभो यस्य वासुकि: कंठभूषणम्।
वामे शक्तिधरं देवं वकाराय नमो नम:।।
यत्र यत्र स्थितो देव: सर्वव्यापी महेश्वर:।
यो गुरु: सर्वदेवानां यकाराय नमो नम:।।

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सामान्य निर्देश :-
·    स्तोत्र, साधना के मार्ग में प्रवेश करने का सबसे उत्तम मार्ग है |
·    स्तोत्र साधना के लिए गुरु अनिवार्य नहीं है |
·    आप अपनी क्षमतानुसार नित्य पाठ करें |
·    पाठ संख्या 21,51,108 तक हो सकती हैं | गिनती के लिए आप अपनी सुविधानुसार कापी पेन या किसी अन्य वस्तु का प्रयोग कर सकते हैं |
·    जैसे जैसे पाठ की संख्या बढती जायेगी स्तोत्र उतना बलवान होगा और आपको कार्य में अनुकूलता प्रदान करेगा |
·    साधनाएँ इष्ट तथा गुरु की कृपा से प्राप्त और सिद्ध होती हैं |
·    इसके लिए कई वर्षों तक एक ही साधना को करते रहना होता है |
·    साधना की सफलता साधक की एकाग्रता और उसके श्रद्धा और विश्वास पर निर्भर करता है |
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विधि :-

पाठ प्रारम्भ के पहले दिन हाथ में पानी लेकर संकल्प करें " मै (अपना नाम बोले), आज अपनी (मनोकामना बोले) की पूर्ती के लिए यह स्तोत्र पाठ  कर रहा/ रही हूँ | मेरी त्रुटियों को क्षमा करके मेरी मनोकामना पूर्ण करें " | इतना बोलकर पानी जमीन पर छोड़ दें |
1. इशान (उत्तर पूर्व के बीच ) दिशा की और देखते हुए बैठें |
2. आसन सफ़ेद /पीले रंग का रखें|
3. स्त्रोत का पाठ ब्रह्ममुहूर्त सुबह 4 से सुबह 6 के बीच करें | संभव ना हो तो दिन में भी कर सकते हैं |
4. पाठ के दौरान किसी को गाली गलौच / गुस्सा/ अपमानित ना करें |
5. साधना काल में किसी को आशीर्वाद या श्राप ना दें | इससे आपकी साधनात्मक शक्ति का ह्रास होगा |
6. किसी महिला ( चाहे वह नौकरानी ही क्यों न हो ) का अपमान ना करें | यथा संभव हर स्त्री को देवी के रूप में देखें |
7. सात्विक आहार/ आचार/ विचार/व्यवहार रखें |
8. ब्रह्मचर्य का पालन करें | विवाहित पुरुष अपनी विवाहिता स्त्री के साथ सम्बन्ध रख सकते हैं |
9. व्यर्थ के प्रलाप और अपनी साधना का ढिंढोरा पीटने से बचें | इससे आपकी शक्ति कम होती जाती है | साधना को यथा संभव गोपनीय रखें |
10.   साधना का प्रयोग यदि लोगों की समस्या के समाधान के लिए कर रहे हों तो नित्य साधना अवश्य करें |
11.   यदि नित्य साधना नहीं करेंगे और समस्या समाधान करेंगे तो धीरे धीरे आपकी शक्ति क्षीण होती जायेगी और काम होने बंद हो जायेंगे |

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