नवार्ण मंत्र
॥ ऐं ह्रीं क्लीं चामुन्डायै विच्चै ॥
ऐं = सरस्वती का बीज मन्त्र है ।
ह्रीं = महालक्ष्मी का बीज मन्त्र है ।
क्लीं = महाकाली का बीज मन्त्र है ।
नवार्ण मन्त्र का जाप इन तीनों देवियों की कृपा प्रदान करता है ।
- वस्त्र आसन लाल होगा .
- दिशा कोई भी हो सकती है.
- स्नान कर के बैठेंगे .
- रात्रि काल में जाप होगा.
- रुद्राक्ष की माला से जाप करें.
- ब्रह्मचर्य का पालन करें.
- बकवास और प्रलाप से बचें.
- यथासंभव मौन रहें.
- यथा शक्ति जाप करें.
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