11 सितंबर 2018

उच्छिष्ट गणपतिम नमाम्यहम



॥ हस्तिपिशाचिलिखे स्वाहा ॥
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विधि :-
  1. यह महागणपति का तंत्रोक्त मन्त्र है | 
  2. कलियुग में शीघ्र फलदायक साधना है |
  3. रुद्राक्ष की माला सभी कार्यों के लिए स्वीकार्य  है |
  4. जाप के पहले दिन हाथ में पानी लेकर संकल्प करें " मै (अपना नाम बोले), आज अपनी (मनोकामना बोले) की पूर्ती के लिए यह मन्त्र जाप कर रहा/ रही हूँ | मेरी त्रुटियों को क्षमा करके मेरी मनोकामना पूर्ण करें " | इतना बोलकर पानी जमीन पर छोड़ दें |
  5. गुरु से अनुमति ले लें|गुरु मन्त्र की एक माला का जाप करें | 

  1. यदि गुरु न हो तो " ॐ निखिलेश्वराये नमः " मन्त्र की एक माला जाप कर लें |
  2. पान का बीड़ा चबाएं फिर मंत्र जाप करें |
  3. दिशा दक्षिण की और देखते हुए बैठें |
  4. आसन लाल/पीले रंग का रखें|
  5. जाप रात्रि 9 से सुबह 4 के बीच करें|
  6. यदि अर्धरात्रि जाप करते हुए निकले तो श्रेष्ट है | 
  7. कम से कम 21 दिन जाप करने से अनुकूलता मिलती है | 
  8. जाप के दौरान किसी को गाली गलौच / गुस्सा/ अपमानित ना करें|
  9. किसी महिला ( चाहे वह नौकरानी ही क्यों न हो ) का अपमान ना करें | यथा सम्भव सम्मान करें |
  10. सात्विक आहार/ आचार/ विचार रखें |

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