गणपति विसर्जन से पहले सबकी इच्छा होती है कि गणपति हवन हो जाता तो अच्छा होता | यदि किसी कारणवश आप किसी साधक /पंडित से हवन ना करवा सकें तो आपके लिए एक सरल हवन विधान प्रस्तुत है जो आप आसानी से स्वयम कर सकते हैं ।
ऊं अग्नये नमः .........७ बार इस मन्त्र का जाप करें तथा आग जला लें ।
ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ..... २१ बार इस मन्त्र का जाप करें ।
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अग्नि जल जाए तब घी/ दशांग से आहुति डालें |
ऊं अग्नये स्वाहा ...... ७ आहुति (अग्नि मे डालें)
ऊं गं स्वाहा ..... १ बार
ऊं भैरवाय स्वाहा ..... ११ बार
ऊं परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः स्वाहा .....२१ बार
ॐ प्रचंड चंडिकायै स्वाहा -- 9 बार ( अपने मस्तक को स्पर्श करते हुए आहुति डालें )
अब अपनी मनोकामना भगवान् गणपति के समक्ष निवेदन (मन में या बोलकर ) करें
ऊं गं गणपतये स्वाहा ..... १०८ बार ( ह्रदय को स्पर्श करते हुए आहुति डालें )
अन्त में कहें कि गणपति भगवान की कृपा मुझे प्राप्त हो....
दोनों कान पकड़कर सभी गलतियों के लिये क्षमा मांगे.....
तीन बार पानी छिडककर शांति शांति शांति ऊं कहें.....
संभव हो तो किसी गरीब बच्चे को भोजन/मिठाई/दान अवश्य दें |
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